केरल में स्टूडेंट को थूक मिलाकर पानी पिलाया:घुटने पर बैठाकर पीटा, 7 स्टूडेंट सस्पेंड; राज्य में एक हफ्ते में रैगिंग का तीसरा मामला

केरल के तिरुवनंतपुरम के करियावट्टोम गवर्नमेंट कॉलेज में सीनियर्स ने एक स्टूडेंट को पानी में थूक मिलाकर पिलाया। इतना ही नहीं उसे घुटने के बल बैठाकर पीटा गया। पीड़ित स्टूडेंट की शिकायत पर 7 सीनियर स्टूडेंट्स को सस्पेंड कर दिया गया। पुलिस ने भी केस दर्ज कर लिया है। केरल में एक हफ्ते में रैगिंग का यह तीसरा केस है। CPI (M) के छात्र संगठन के दफ्तर में पीटा
पीड़ित छात्र बायोटेक्नोलॉजी फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट है। उसने 12 फरवरी को शिकायती पत्र देकर कहा- सीनियर्स ने उसे एक कमरे में घेर लिया और बेरहमी से पीटा। आरोपियों में से छह थर्ड ईयर और एक सेकेंड ईयर का स्टूडेंट है। पीड़ित का आरोप है कि केरल में सत्तारूढ़ CPI (M) की स्टूडेंट विंग स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के यूनिट रूम में उसकी पिटाई की गई। बताया जा रहा है कि मारपीट से पहले कैंपस में सीनियर और जूनियर छात्रों के बीच कुछ झड़पें हुई थीं। कोट्टायम और कन्नूर में रैगिंग हुई… 1. जूनियर्स के कपड़े उतारे, प्राइवेट पार्ट पर चोट पहुंचाई
कोट्टायम के एक सरकारी नर्सिंग कॉलेज में पांच सीनियर स्टूडेंट्स ने 3 स्टूडेंट के कपड़े उतारे। फिर उनके प्राइवेट पार्ट पर डंबल (भारी वजन) लटका दिया। सीनियर्स ने कंपास और नुकीली वस्तुओं से भी जूनियर्स को घायल किया। इसके बाद जख्म पर लोशन लगाया, ताकि दर्द और बढ़े। जब पीड़ित दर्द से चिल्लाने लगे, तो उनके मुंह में भी लोशन डाल दिया। तीनों पीड़ित फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट हैं और तिरुवनंतपुरम के रहने वाले हैं। मामले में पुलिस ने आरोपी स्टूडेंट्स को गिरफ्तार कर लिया है। पूरी खबर पढ़ें… 2. ऑर्डर न मानने पर जूनियर का हाथ तोड़ा, स्कूल के 3 स्टूडेंट अरेस्ट
कन्नूर जिले में एक सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल के 5 स्टूडेंट्स को जूनियर स्टूडेंट से रैगिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया। घटना 12 फरवरी की है। पुलिस के मुताबिक, सीनियर स्टूडेंट्स ने ऑर्डर न मानने पर एक जूनियर से मारपीट की। उसका हाथ तोड़ दिया। पीड़ित 11वीं का स्टूडेंट है। उसकी पहचान मोहम्मद निहाल के रूप में हुई है। पूरी खबर पढ़ें… ———————————————— रैगिंग से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… अश्लील-क्रूर हरकतों से मजा लेते हैं सीनियर्स, इंजीनियरिंग से ज्यादा मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग सुप्रीम कोर्ट के आदेश, UGC की गाडलाइंस और एंटी रैगिंग कमेटी बनाने के बाद भी रैगिंग रुक नहीं पा रही। सरकार या किसी एजेंसी के पास रैगिंग को लेकर कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। हालांकि, घटनाएं बताती हैं कि स्टूडेंट मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। इसकी गवाही ये आंकड़े देते हैं। पूरी खबर पढ़ें…