जीवन में सुख-दुख का आना-जाना बना रहता है। हमें सुख मिलेंगे या या दुख, ये हमारे कर्मों पर ही निर्भर करता है। जाने-अनजाने में किए गए गलत कामों का फल देर ही सही लेकिन दुखों के रूप में जरूर मिलता है। इसलिए ऐसे कामों से बचना चाहिए जो धर्म के अनुसार सही नहीं हैं। गरुड़ पुराण के नीतिसार अध्याय में कुछ ऐसी नीतियां बताई गई हैं, जिन्हें अपनाने से हमारी सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं। जीवन पर हमारी संगत का सीधा असर होता है, इसलिए अपनी के संबंध में बहुत सतर्क रहना चाहिए। जानिए 5 ऐसी बातें, जिनकी वजह से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है… किन लोगों की संगत में रहना चाहिए हमें ऐसे लोगों की संगत से बचना चाहिए जो हमें गलत काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। ऐसे लोग कभी दुखी नहीं होते हैं जो सज्जनों की संगत में रहते हैं। जो लोग संत-महात्मा के साथ रहते हैं, उनके प्रवचन सुनते हैं और उनकी सीख को जीवन में उतारते हैं, वे कभी निराश नहीं होते हैं। जो व्यक्ति लालची, अहंकारी और क्रोधी नहीं है, उनके साथ रहेंगे तो विचारों में सकारात्मकता बनी रहेगी। अपनी योग्यता का अहंकार न करें अहंकार यानी सिर्फ खुद को श्रेष्ठ समझना। सुंदरता, योग्यता, घर-परिवार, धन-संपत्ति के अहंकार से बचें। अहंकार किसी भी बात को हो, नुकसानदायक ही है। जो लोग सिर्फ अहं के भाव के साथ जीते हैं, वे कभी भी सुख-शांति और सम्मान हासिल नहीं कर पाते हैं। अहंकार की वजह से ही रावण और दुर्योधन जैसे शक्तिशाली लोगों के पूरे वंश का नाश हो गया। इस बुराई से बचें। असुरक्षा की भावना से बचें, खुद पर भरोसा रखें जो लोग किसी भी काम की शुरुआत में असफलता को लेकर सोच-विचार करने लगते हैं, अपने भविष्य को लेकर असुरक्षित महसूस करते हैं, वे सफल नहीं हो पाते हैं। खुद पर भरोसा रखें और निडर होकर अपना काम करें, तभी सफलता के साथ ही जीवन में सुख-शांति हासिल की जा सकती है।