भविष्य को बेहतर बनाने के लिए नौकरीपेशा लोगों ने कोरोनाकाल में जमकर निवेश किया है। इस दौरान सरकार की एक प्रमुख निश्चित अंशदान पेंशन योजना नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) ने भी नौकरीपेशा लोगों को खूब लुभाया है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में इस स्कीम से प्राइवेट सेक्टर के 1.03 लाख नए सदस्य जुड़े हैं।
206 नए कॉरपोरेट भी स्कीम से जुड़े
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, अप्रैल से जून के बीच तीन महीनों में इस योजना की सदस्य संख्या में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुईहै और कुल 1,02,975 नए सदस्य जुड़े हैं। इसी तरह वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में 206 कॉरपोरेट ने भी नामांकन कराया है। अब 18 से 65 वर्ष के आयु समूह में कुल 10.13 लाख कॉरपोरेट सदस्य हो गए हैं। पंजीकृत 1,02,975 सदस्यों में से 43,000 ने अपने नियोक्ता/कंपनी के माध्यम से सदस्य बने हैं, जबकि बाकी सदस्यों ने अपनी इच्छा से इस योजना में अपना नामांकन कराया है।
कॉरपोरेट कर्मचारियों के बीच काफी सफल रही है एनपीएस: सुप्रतिम
पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के अध्यक्ष सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने कहा कि एनपीएस कॉरपोरेट कर्मचारियों के बीच काफी सफल रही है। वैसे तो लोगों के जीवन में फाइनेंशियल प्लानिंग अक्सर प्राथमिकता में नहीं होती है, लेकिन इस महामारी के कारण लोगों ने फाइनेंशियल प्लानिंग पर मंथन करना शुरू कर दिया है। इस महामारी के दौरान कंपनियों और व्यक्तियों दोनों को ही यह अहसास हो रहा है कि सेवानिवृत्ति योजना का उद्देश्य केवल बचत या कर लाभ नहीं है।
30 अप्रैल तक 3.46 करोड़ सब्सक्राइबर एनपीएस-एपीवाई से जुड़े
30 अप्रैल 2020 तक एनपीएस और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) से 3.46 करोड़ सब्सक्राइबर जुड़ चुके हैं और कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट की राशि बढ़कर 4,33,555 करोड़ हो चुकी है। अब तक एनपीएस के तहत 68 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी नामांकित हो चुके हैं। इसके अलावा 22.60 लाख सब्सक्राइबर प्राइवेट सेक्टर से जुड़ चुके हैं। एनपीएस में अब तक 7616 कॉरपोरेट रजिस्टर्ड हो चुके हैं। एनपीएस का संचालन पीएफआरडीए करता है।