कोरोना पर एक और नई बात सामने आई है। अमेरिकी शोधकर्ता मेसीज बोनी का कहना है कि कोरोनावायस हॉर्सशू चमगादड़ में कई दशकों से सर्कुलेट हो रहा है। लेकिन इस बात से सब बेखबर रहे। इस समय महामारी के जो हालात हैं उसमें कोरोना की वंशावली को समझना बेहद जरूरी है ताकि स्वास्थ्यकर्मियों को इंसानों को बचाने में मदद मिल सके। शोधकर्ताओं के मुताबिक, वर्तमान में जो कोरोनावायरस महामारी फैला रहा है उसके पूर्वज चमगादड़ में 40 से 70 साल पहले से मौजूद थे। धीरे-धीरे ये इंसानों में पहुंचने के लिए तैयार हुए।
कोरोना की लैब में तैयार होने पर सवाल उठाती है रिसर्च
कोरोना और चमगादड़ के कनेक्शन पर दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने रिसर्च की है। शोधकर्ताओं ने रिसर्च में सामने आए नतीजे जारी किए हैं। पेन्सिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता मेसीज बोनी के मुताबिक, चमगादड़ में दूसरे वायरस की मौजूदगी इंसानों में संक्रमण का खतरा और बढ़ा सकती है। यह रिसर्च कोरोना की उस थ्योरी पर सवाल उठाती है जिसमें कहा गया था कि इसे लैब में तैयार किया है।