देश की फार्मा कंपनी बायोकॉन कोरोना की दवा लॉन्च करेगी। कम्पनी के मुताबिक बायोलॉजिक ड्रग इटोलिजुमाब की मदद से कोरोना मरीजों का इलाज किया जाएगा। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने परमिशन दे दी है। कंपनीका दावा है कि इटोलिजुमाब का 25 एमएल केइंजेक्शन का इमरजेंसी में इस्तेमाल किया जा सकेगा। सांस लेने में दिक्कतसे साइटोकाइन सिंड्रोम जैसी गंभीर स्थिति में इसे यूज कर सकेंगे। इटोलिजुमाब इंजेक्शन का इस्तेमाल स्किन डिजीजसोरायसिस में किया जा जाता है।
Q1) अभी इस दवा की जरूरत क्यों है?
इटोलिजुमाब पहली ऐसी बायोलॉजिक थैरेपी है जिसे दुनियाभर में कोरोना मरीजों पर इस्तेमाल किया जा रहा है। कोरोना के नॉर्मल सिम्प्टम्ससे लेकर गंभीर हालत तक में इसे काम में लिया जा सकता है। बायोकॉन की एमडी किरणमजूमदार शॉने एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंसिंग में कहा कि जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक हमें एक लाइफ सेविंग ड्रग की जरूरत है। वैक्सीन साल के अंत तक या अगले साल भी मिलती है तो इस बात की गारंटी नहीं है कि दोबारा संक्रमण नहीं होगा, इसलिए हमें तैयार रहने की जरूरत है।
Q2) यह कोरोना के मरीजों पर कैसे काम करती है?
किरणमजूमदार के मुताबिक, इटोलिजुमाब कोकोरोना के मरीजों पर इस्तेमाल करने की एक और बड़ी वजह ये है कि यह कोरोना मरीजों में साइटोकाइन स्टॉर्म कोकंट्रोल करता है। साइटोकाइन स्ट्रॉर्म वहस्थिति है जब संक्रमण के बाद शरीर को बचाने वाला इम्यून सिस्टम ही शरीर के खिलाफ काम करने लगता है और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। इस दौरान हालत बेहद नाजुक हो जाती है। कोरोना के मरीजों में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।
Q3) इटोलिजुमाब के इंजेक्शन और पूरी थैरेपी में कितना खर्च आएगा?
मजूमदार के मुताबिक, एक इंजेक्शन की कीमत 7,950 है। कोरोना के ज्यादातर मरीजों को इसके 4 इंजेक्शन की जरूरत होगी। पूरी थैरेपी की कीमत32 हजार रुपए तक आ सकती है।
Q4) मरीजों की संख्या केमुताबिक दवा की पूर्ति हो पाएगी?
मजूमदार का कहना है कि हमारे पास इसे तैयार करने और लोगों तक पहुंचाने की क्षमता है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से अप्रूवल मिलने के बाद इसका प्रोडक्शन बढ़ाने की तैयारी चल रही है, ताकि मांग के मुताबिकइसकी सप्लाईकी जा सके।
Q5) इस बात की पुष्टि कैसे हो कि यह दवा लोगों की मांग के मुताबिक उन तक पहुंच पाएगी?
मजूमदार ने बताया कि पहले से बायोकॉन की एक दवा अल्जुमाब मार्केट में है। हम उसे हॉस्पिटल में मेडिकल प्रिस्क्रिपशन और पेशेंट की ओर से भरे गए फॉर्म जैसे प्रोटोकॉल के आधार पर उपलब्ध करा रहे हैं। इसी तरहहम इटोलिजुमाब सबसे पहले उन मरीजों तक पहुंचाएंगे, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।