कोरोना लक्षण के बावजूद टेस्ट से बचने की शिकायतों पर नीति आयोग ने जताई चिंता

नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने कोरोना के बढ़ते मामलाें के बीच लोगों के कोरोना जैसे लक्षण के बावजूद टेस्ट से बचने की शिकायताें पर चिंता जाहिर की है। उन्हाेंने कहा है कि यह आपके लिए और सिस्टम के लिए भी खतरनाक है। आप अपने परिवार और समाज को मुश्किल में डाल रहे हैं। आप खुद को जोखिम में डाल रहे हैं। स्थिति बिगड़ने पर ही टेस्ट कराएंगे तो खुद को जोखिम में डाल रहे हैं। लोगों को वायरस से डरना चाहिए, लेकिन टेस्टिंग से डरना नहीं चाहिए। अब तो ऑन डिमांड टेस्ट हो रहा है। डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन की भी जरूरत नहीं है। लोगों से टेस्टिंग से न डरने की अपील करते हुए डॉ पॉल ने कहा कि जैसे-जैसे आर्थिक गतिविधियां खुली हैं, उससे वायरस को एक शख्स से दूसर शख्स में जाने की सहूलियत बढ़ी है। इसलिए लापरवाही बिल्कुल न करें।

5 राज्यों में 62% केस, 70% मौतें
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि अगस्त के पहले सप्ताह में केस फैटलिटी रेट 2.15 था, जो अब 1.7 प्रतिशत पर पहुंच गया है। 5 राज्यों में ही संक्रमण के 62 प्रतिशत और कुल मौतों के 70 प्रतिशत केस हैं।

प्रति 10 लाख आबादी पर 53 मौतें
भूषण ने कहा कि भारत में प्रति 10 लाख आबादी पर 53 मौतें दर्ज की गई हैं, जो ज्यादा प्रभावित देशों में सबसे कम है। जिन देशों से भारत की तुलना की जा रही है वहां प्रति 10 लाख आबादी पर 500 से 600 मौतें हो रही हैं।

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NITI Aayog expresses concern over complaints to avoid tests despite Corona symptoms