अमेरिका में कोरोनावायरस से मरने वालों का आंकड़ा दो लाख के पार हो गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर वायरस की रोकथाम में नाकाम रहने के आरोप लग रहे हैं। राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन का आरोप है- संभावित वैक्सीन को लेकर ट्रम्प सियासत कर रहे हैं। बाइडेन ने कहा- मैं एक बात साफ तौर पर बता देना चाहता हूं। मैं वैक्सीन पर भरोसा करूंगा। अपने वैज्ञानिकों पर भरोसा करूंगा। लेकिन, देश के दूसरे लोगों की तरह प्रेसिडेंट ट्रम्प पर बिल्कुल यकीन नहीं कर सकता।
सीडीसी चीफ का बयान अहम
वैक्सीन को लेकर ट्रम्प और बाइडेन बयानबाजी में उलझ गए हैं। ट्रम्प कहते हैं – बाइडेन नहीं चाहते कि वैक्सीन जल्द आए और नागरिकों को मिले। इसके लिए वो नई थ्योरीज बता रहे हैं। लोगों को गुमराह कर रहे हैं। सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) के डॉयरेक्टर रॉबर्ट रेडफील्ड पहले ही साफ कर चुके हैं कि अगर इस वक्त वैक्सीन आ भी जाती है तो हर अमेरिकी तक यह अगले साल के मध्य तक ही पहुंच सकेगी। ट्रम्प रेडफील्ड के इस बयान से भी खफा हैं।
अप्रूवल के लिए दबाव डाल रहे हैं ट्रम्प
बाइडेन का आरोप है कि ट्रम्प वैक्सीन का जल्द अप्रूवल चाहते हैं और इसके लिए संबंधित विभागों जैसे सीडीसी और एफडीए पर दबाव डाल रहे हैं। बाइडेन ने कहा- वैज्ञानिक सफलताएं कैलेंडर देखकर तय नहीं की जातीं। न इनका इलेक्शन से कोई ताल्लुक है। वैक्सीन का अप्रूवल और डिस्ट्रीब्यूशन सियासत के आधार पर तय नहीं किया जा सकता। इसे साइंस और सेफ्टी के हिसाब से तय होने दीजिए। बाइडेन ने यह बयान पूर्व सर्जन जनरल विवेक मूर्ति से सलाह के बाद दिया।
ट्रम्प को सिर्फ जीत की फिक्र
राष्ट्रपति दावा कर रहे हैं कि वोटिंग डे यानी 3 नवंबर के पहले वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। पहले शायद वैक्सीन उतना बड़ा चुनावी मुद्दा नहीं थी, लेकिन अब इस पर फोकस बहुत ज्यादा है। ट्रम्प के बयान से हेल्थ ऑफिशियल्स भी दबाव महसूस कर रहे हैं। जनता भी महसूस कर रही है कि वैक्सीन के अप्रूवल को लेकर सियासत हो रही है। ट्रम्प का आरोप है कि बाइडेन महामारी का इस्तेमाल चुनाव जीतने के लिए कर रहे हैं। यही बात बाइडेन भी कह रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा- बाइडेन ने वैक्सीन के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है। डेमोक्रेट पार्टी की तरफ से उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने कहा- ट्रम्प अगर ये वादा करते हैं कि वैक्सीन सेफ है, तो भी मैं उनकी बात पर भरोसा नहीं कर सकती।
वैज्ञानिकों पर भरोसा
मीडिया से बातचीत में बाइडेन ने कहा- अगर वैज्ञानिक कहते हैं कि वैक्सीन सेफ है तो मैं बिल्कुल मानूंगा और लगवाउंगा भी। मंगलवार को एक प्रोग्राम में ट्रम्प ने कहा- हम वैक्सीन हासिल करने के बहुत करीब हैं। तीन या चार हफ्ते में यह आ सकती है। बुधवार को कहा- वैक्सीन का ऐलान इस महीने या फिर अगले महीने हो सकता है। एफडीए इस पर तेजी से काम कर रही है।
लेकिन, राष्ट्रपति के बयान से कई हेल्थ एक्सपर्ट्स कन्फ्यूज हो गए हैं। इनमें सीडीसी डायरेक्टर रेडफील्ड भी शामिल हैं। उनका कहना है कि अगर वैक्सीन अभी आ भी जाती है तो यह सभी लोगों को मिलना मुश्किल है। ट्रम्प उनकी बात को भी खारिज कर देते हैं। राष्ट्रपति कहते हैं- मैंने सीडीसी चीफ को बुलाकर बात की। रेडफील्ड के मुताबिक, उनकी बात का गलत मतलब निकाला गया।
ट्रम्प के पास कोई प्लान नहीं
दुनियाभर में करीब 30 वैक्सीन पर काम जारी है। अमेरिका में तीन वैक्सीन के ट्रायल आखिरी चरण में हैं। बाइडेन कहते हैं- हमारे राष्ट्रपति के पास महामारी की मुसीबत से निकलने का कोई प्लान नहीं है। हालात, बद से बदतर हो सकते हैं। यह वायरस किसी चमत्कार से खत्म नहीं होगा। अगर वैक्सीन आ भी गई तो ज्यादातर अमेरिकी नागरिकों को 2021 के पहले नहीं मिल सकेगी।
मास्क मेंडेटरी होगा?
बाइडेन से बुधवार को एक रिपोर्टर ने पूछा- मास्क को पूरे देश में जरूरी बनाने का आप समर्थन कर चुके हैं। इस पर राष्ट्रीय सहमति कैसे हासिल करेंगे? इस पर बाइडेन ने कहा- मुझे भरोसा है कि राष्ट्रपति बनने के बाद मेरे पास इस तरह के फैसले लेने का कानूनी अधिकार होगा। अगर किसी राज्य में खतरा बढ़ता है और कोई कानून लागू किया जाता है तो इसमें गलत क्या है? मेरी लीगल टीम भी यही मानती है।
बाइडेन से पूछा गया- अगर आपके पास कानूनी अधिकार हुआ तो क्या मास्क को अनिवार्य यानी मेंडटरी बनाएंगे? इस डेमोक्रेट उम्मीदवार ने कहा- हां, बिल्कुल। मैं एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर सिग्नेचर करके इसे लागू करूंगा।