कोरोना सर्वाइवर में डैमेज हुए लंग और हार्ट 3 महीने में अपने आप रिपेयर हो रहे, ऑस्ट्रिया के शोधकर्ताओं का दावा

कोरोना से रिकवर होने के बाद मरीजों में लंबे समय तक फेफड़े और हार्ट डैमेज रहने का खतरा जताया गया था लेकिन नई रिसर्च इस डर को कम करती है। ऑस्ट्रिया के रिसर्चर्स का कहना है, संक्रमण खत्म होने के 3 माह बाद फेफड़े और हार्ट खुद-ब-खुद रिपेयर होना शुरू कर देते हैं। 29 अप्रैल से 9 जून के बीच कोरोना के 86 मरीजों पर हुई रिसर्च में यह बात सामने आई है। यह रिसर्च यूरोपियन रेस्पिरेट्री सोसायटी इंटरनेशनल कॉन्ग्रेस जर्नल में प्रकाशित हुई है।

4 पॉइंट्स में समझें ऐसे हुई रिसर्च

1. मरीजों को तीन बार चेकअप के लिए बुलाया
रिसर्च कहती है, कोरोना के मरीजों को इलाज के बाद छठे, 12वें और 24वें हफ्ते में दोबारा चेकअप के लिए बुलाया गया। चेकअप के दौरान कई तरह के टेस्ट हुए, फेफड़ों की जांच हुई, ब्लड में ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साइड का स्तर देखा गया।

2. पहले चेकअप में 88% मरीजों के फेफड़े डैमेज मिले
रिसर्च में सामने आया कि जब पहली बार चेकअप के लिए बुलाया गया तो 50 फीसदी से अधिक मरीजों में कोई न कोई एक समस्या जरूर थी। जैसे- सांस लेने में दिक्कत होना, खांसी। सीटी स्कैन से देखने पर 88 फीसदी मरीजों के फेफड़े डैमेज मिले।

3. दूसरे चेकअप में 56 फीसदी तक बदलाव दिखा
डिस्चार्ज होने के बाद 12वें हफ्ते में होने वाले चेकअप में सुधार दिखा। मरीज में फेफड़े 56 फीसदी तक रिपेयर हुए। इनमें 65 फीसदी ऐसे मरीज थे जिन्हें पहले चेकअप के दौरान सांस लेने में दिक्कत और खांसी से जूझ रहे थे। मरीजों के इन लक्षणों में भी सुधार देखा गया। 24वें हफ्ते में हुए चेकअप में काफी हद तक डैमेज रिपेयर हुआ।

4. हार्ट का एक हिस्सा भी डैमेज हुआ था
रिसर्चर डॉ. सबीना शाहनिक कहती हैं, यह बुरी खबर है कि कोरोना से लड़ने के बाद मरीजों में फेफड़े डैमेज हो जाते हैं लेकिन एक अच्छी खबर है कि समय के साथ ये खुद को रिपेयर भी करते हैं। छठे हफ्ते में हुए चेकअप में 58 फीसदी मरीजों के हार्ट का बायां वेंट्रिकल ठीक से काम नहीं कर रहा था। इनमें डैमेज, खून के थक्के और सूजन थी। कुछ समय बाद हुए चेकअप में सामने आया है कि इनमें सकारात्मक बदलाव आ रहा है।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

Coronavirus (COVID-19) Damaged Lungs Can Repair Themselves; Here’s Latest Research News