कोल इंडिया ने अप्रैल से अगस्त तक की अवधि में स्पेशल फॉरवर्ड ई-ऑक्शन के जरिये पावर सेक्टर को 79.4 करोड़ टन कोयले का आवंटन किया। यह सालाना आधार पर 8 फीसदी ज्यादा है। कोयला मंत्रालय द्वारा कैबिनेट को दिए गए मासिक समरी रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले साल की समान अवधि में कोल इंडिया ने 73.2 करोड़ टन कोयले का आवंटन किया था।
कोल इंडिया ने हालांकि कहा कि अगस्त में इस योजना के तहत कोयले का कोई आवंटन नहीं हुआ। पिछले साल अगस्त में पावर सेक्टर को 6.2 लाख कोयले का आवंटन हुआ था। फॉरवर्ड ई-ऑक्शन के जरिये कोयले के वितरण का मकसद उन उपभोक्ताओं को कोयला उपलब्ध कराना है, जो लंबी अवधि (जैसे कि एक साल) के लिए ई-ऑक्शन के जरिये निश्चित आपूर्ति चाहते हैं, ताकि वे अपनी परिचालन को नियोजित कर सकें।
उपभोक्ता सरल व पारदर्शी तरीके से खरीद सकते हैं कोयला
यह योजना सभी कोयला उपभोक्ताओं को सिंगल विंडो सर्विस के जरिये अपनी जरूरत के मुताबिक उपभोग के लिए और ऑनलाइन बिडिंग प्रोसेस से खुद से तय की गई कीमत पर कोयला खरीदने का एक समान अवसर प्रदान करता है। इससे देशभर के उपभोक्ता कोयला बुक कर सकते हैं। वे सरल, पारदर्शी और कंज्यूमर फ्रेंडली तरीके से कोयला खरीद सकते हैं।
घरेलू कोयला उत्पादन में कोल इंडिया का 80% से ज्यादा योगदान
कोल इंडिया पावर सेक्टर के लिए कोयले की प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। घरेलू कोयला उत्पादन में उसका 80 फीसदी से ज्यादा योगदान है। इस कारोबारी साल में कंपनी 71 टन कोयले का उत्पादन करना चाहती है। 2023-24 तक कंपनी एक अरब टन का उत्पादन लक्ष्य हासिल करना चाहती है।