सुप्रीम कोर्ट के फैसले के करीब 9 महीने बाद 5 अगस्त कोराम मंदिर शिलान्यास की तैयारी शुरू हो गई है। बीते शनिवार को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक हुई थी। इसमें मंदिर के स्वरूप में बड़ा बदलाव कर पहले से तय ऊंचाई 128 फीट से बढ़ाकर 161 फीट कर दी गई है। इसके अलावा, 67 एकड़ भूमि से मंदिर का विस्तार 120 एकड़ तक करने पर सहमति बनी है।
अनुमान है कि मंदिर निर्माण परकरीब100 करोड़ रुपए खर्च होंगे। हालांकि, मंदिर के वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा ने कहाकि कितना बजट लगेगा इसका अभी अनुमान लगाना मुश्किल है।ट्रस्ट ने पहले ही साफ कर दिया है कि मंदिर निर्माण में सरकार से चंदा नहीं लिया जाएगा। ऐसे में राम मंदिर कोविश्व के विशाल मंदिरों में शुमार करने के लिए बजट की व्यवस्था कहां से होगी? यह एक बड़ा सवाल है। इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर ने ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि से बातचीत की…
देश में चर्चा मगर अभी ट्रस्ट को नहीं पता कि 5 अगस्त की तिथि तय हो गई
स्वामी गोविंद देव गिरीकहते हैं, ‘मीडिया में चल रहा है कि शिलान्यास की तिथि 5 अगस्त तय हुई है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले हैं। लेकिनअभी ट्रस्ट को इस बाबत पीएमओ की तरफ सेअधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। जब तक हमें पीएमओ से कोई जानकारी नहीं मिलती,हम ट्रस्ट की तरफ से आधिकारिक रूप से कुछ नहीं बता सकते कि कोई तिथितय हुई है या नहीं। इससे पहले मेरा कुछ भीकहना गैर-जिम्मेदाराना होगा।’
मंदिर निर्माण के लिए चलाया जाएगा जन अभियान
स्वामी गोविंद देव के मुताबिकमंदिर सबका है। यह कोई न सोचेकि ट्रस्ट बन गया तो यह बस ट्रस्ट की जिम्मेदारी है। ऐसा नहीं है। यह राष्ट्र की आत्मा का मंदिर है। इसलिए राष्ट्र के हर कोने से, हर छोटे से छोटे घर से सेवा के रूप में प्राप्त होनीचाहिए, लोगों को यह संदेश मिलना चाहिए। हम इसके लिए एक व्यापक जन अभियान भी चलाएंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक हमारा संदेश पहुंचे।इसके लिए हम प्रयासरत भी हैं।’
उद्योगपति, बड़े लीडर और मुख्यमंत्रियों से मांगेंगे मदद
गिरी कहते हैं, ‘बड़ी रकम के लिएहम देश के बड़े-बड़े उद्योगपतियों सेदेश के बड़े नेताओं से सांसदों, विधायकों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मदद मांगेंगे। राम मंदिर के लिए सबकी सहभागिता जरूरी है। कई उद्योगपति तो अभी से ही पूछ रहे हैं। यहां कई स्तरों पर पैसा इकट्ठा किया जा रहा है। कोरोना का संकट है तो इस विषय पर ज्यादा चर्चा नहीं रही है,लेकिनअब आम लोगों कोजागरूक करने के लिए विज्ञापन देंगे।मंदिर बनता रहेगा और धन की व्यवस्था होती रहेगी। मुझे लगता है कि धन निरंतर आता रहेगा।’
‘लॉकडाउन में सबसे बड़ा चंदा2 करोड़ रुपएका आया’
स्वामी गिरी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान पटना के हनुमान मंदिर के महावीर ट्रस्ट से सबसे ज्यादा 2 करोड़ रुपएका दान आया है। अभी मेरे सामने आंकड़े नहीं हैं। लेकिन लगभग जब से ट्रस्ट बना है,तब से लगभग 4 करोड़ रुपए कादान आ चुका है। वहीं जो पूर्व न्यास था उनका लगभग 10 करोड़ रुपएहै। ट्रस्ट के पास अभी करीब 14 करोड़ के आसपासदान में मिला पैसा है। शनिवार को हुई बैठक में इस विषय पर भी चर्चा हुई कि मंदिर बनाने में कितना समय लगे। मंदिर बनाने वालों से भी चर्चा हुई कि साढ़े तीन साल से ज्यादा समयन लगे।
पीएम के कार्यक्रम में 100-150 से ज्यादा लोगों को नहीं मिलेगी अनुमति
उन्होंने बताया कि जब भीपीएम का कार्यक्रम होगा, तबसोशल डिस्टेंसिंगका पूरा पालन किया जाएगा। कार्यक्रम में 100-150 से ज्यादा लोगों को न बुलाया जाएगा, न ही आने दिया जाएगा। जहां कार्यक्रम होगा वह काफी बड़ा ग्राउंड होगा। ऐसे में वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। बस हमारी इच्छा है कि वह पधारें और अपने हाथों से शिलान्यास करें।
पूजा कौन करेगा, अभी इस पर विचार नही
स्वामी ने बताया कि पूजा का अधिकार किसे मिलेगा?प्रसाद बांटने का अधिकार किसे दिया जाएगा?यह सब विषय हैं,लेकिन अभी इस पर कोई चर्चा नही हुई है। अभी पहली प्राथमिकतामंदिर बनानेकी होनी चाहिए।
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