भारत के स्टार क्रिकेटर विराट कोहली ने साउथ अफ्रीका के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज एबी डिविलियर्स के लिए लेटर लिखा है। कोहली ने यह लेटर डिविलियर्स के ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल किए जाने के बाद लिखा। डिविलियर्स को बुधवार को ICC हॉल ऑफ फेम में इंग्लैंड के दिग्गज एलिस्टेयर कुक और भारत की नीतू डेविड के साथ शामिल किया गया है। यह लेटर ICC ने जारी किया है, इसमें कोहली ने IPL टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के अपने पूर्व साथी की जमकर तारीफ की है। कोहली ने लिखा, ‘आप अपने इस जगह के पूरी तरह हकदार हैं। आखिरकार, हॉल ऑफ फेम खेल पर आपके इम्पैक्ट का प्रतिनिधित्व करता है और आपका योगदान वाकई शानदार रहा है। लोग हमेशा आपकी क्षमता के बारे में बात करते रहे हैं और यह सही भी है। आप सबसे टैलेंटेड क्रिकेटर हैं जिनके साथ मैंने खेला, आप निश्चित रूप से नंबर एक हैं।’ आपका खुद पर भरोसा होना सबसे ज्यादा पसंद था
उन्होंने आगे लिखा, ‘लेकिन जो बात मुझे सबसे ज्यादा पसंद आई, वह थी आपकी अपनी उस क्षमता पर भरोसा होना। आपको इस बात पर बहुत ज्यादा भरोसा रहता था कि आप क्रिकेट के मैदान पर जो चाहें कर सकते हैं, और आपने आम तौर पर वैसा ही किया। यही वजह है कि आप इतने खास बन गए। मेरे दिमाग में इससे बेहतर कोई दूसरा उदाहरण नहीं है, जब हम 2016 में कोलकाता में KKR के खिलाफ RCB के लिए एक साथ बल्लेबाजी कर रहे थे। हम 184 रनों के टारगेट का पीछा कर रहे थे। KKR में सुनील नरेन, मोर्ने मोर्केल, आंद्रे रसेल और शाकिब अल हसन जैसे गेंदबाज शामिल थे। आप मेरे साथ बैटिंग करने तब आए जब स्कोर 70 रन था और नरेन गेंदबाजी कर रहे थे। आपने दो डॉट गेंदे खेल ली और टाइमआउट के दौरान मुझसे कहा कि आप उनकी बॉल को ठीक तरह से सिलेक्ट नहीं कर रहे हैं। मैंने आपसे कहा था कि मुझे स्ट्राइक दो और मैं उसकी गेंदों पर बाउंड्री लगाने की कोशिश करूंगा। टाइमआउट के बाद नरेन ओवर करने आए, मैं नॉन-स्ट्राइकर छोर पर तैयार था और सोच रहा था कि आप मुझे निश्चित रूप से सिंगल देंगे। लेकिन अपने ऐसा न करके, नरेन की बॉल पर 94 मीटर का छक्का लगा दिया। यह उन यादगार पलों में से एक है, जब मैं आपके साथ बल्लेबाजी कर रहा था। यह वह समय था जब मुझे क्रिकेट के मैदान पर सबसे ज्यादा मजा आया।’ अक्सर अपनी टीम को मुश्किलों से उबारते थे
‘मुश्किल परिस्थितियों में आप अक्सर अपनी टीम को उबारने वाले व्यक्ति होते थे। अपनी टीम के लिए मैच जीतने वाले व्यक्ति बनने की आपकी इच्छा जबरदस्त थी और मैंने इससे बहुत कुछ सीखा।’ पिछला मैच भूलकर आज को देखो
‘मुझे याद है कि मैंने आपसे सीखा कि पिछले चार मैचों में जो कुछ भी किया है उससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। जरूरी यह है कि आप आज के मैच को कैसे देखते हैं, कैसा परफॉर्म करते हैं। आप हमेशा टीम की जरूरतों के साथ पूरी तरह से तालमेल बैठाते थे। यही वजह है कि जब हम इंटरनेशनल क्रिकेट में एक-दूसरे के खिलाफ खेलते थे तो आपके लिए योजना बनाना सबसे मुश्किल होता था।’ 2015 में दिल्ली में खेली गई आपकी पारी याद है मुझे
‘हर कोई आपके आक्रामक शॉट को याद करता है लेकिन आप परिस्थिति के हिसाब से खुद को ढाल लेते हैं। 2015 में दिल्ली में खेले गए टेस्ट मैच को ही लें जब आपने 297 गेंदों का सामना किया और टेस्ट मैच बचाने की कोशिश में 43 रन बनाए। मुझे वो पारी आज भी याद है।’
उन्होंने आगे लिखा, ‘लेकिन जो बात मुझे सबसे ज्यादा पसंद आई, वह थी आपकी अपनी उस क्षमता पर भरोसा होना। आपको इस बात पर बहुत ज्यादा भरोसा रहता था कि आप क्रिकेट के मैदान पर जो चाहें कर सकते हैं, और आपने आम तौर पर वैसा ही किया। यही वजह है कि आप इतने खास बन गए। मेरे दिमाग में इससे बेहतर कोई दूसरा उदाहरण नहीं है, जब हम 2016 में कोलकाता में KKR के खिलाफ RCB के लिए एक साथ बल्लेबाजी कर रहे थे। हम 184 रनों के टारगेट का पीछा कर रहे थे। KKR में सुनील नरेन, मोर्ने मोर्केल, आंद्रे रसेल और शाकिब अल हसन जैसे गेंदबाज शामिल थे। आप मेरे साथ बैटिंग करने तब आए जब स्कोर 70 रन था और नरेन गेंदबाजी कर रहे थे। आपने दो डॉट गेंदे खेल ली और टाइमआउट के दौरान मुझसे कहा कि आप उनकी बॉल को ठीक तरह से सिलेक्ट नहीं कर रहे हैं। मैंने आपसे कहा था कि मुझे स्ट्राइक दो और मैं उसकी गेंदों पर बाउंड्री लगाने की कोशिश करूंगा। टाइमआउट के बाद नरेन ओवर करने आए, मैं नॉन-स्ट्राइकर छोर पर तैयार था और सोच रहा था कि आप मुझे निश्चित रूप से सिंगल देंगे। लेकिन अपने ऐसा न करके, नरेन की बॉल पर 94 मीटर का छक्का लगा दिया। यह उन यादगार पलों में से एक है, जब मैं आपके साथ बल्लेबाजी कर रहा था। यह वह समय था जब मुझे क्रिकेट के मैदान पर सबसे ज्यादा मजा आया।’ अक्सर अपनी टीम को मुश्किलों से उबारते थे
‘मुश्किल परिस्थितियों में आप अक्सर अपनी टीम को उबारने वाले व्यक्ति होते थे। अपनी टीम के लिए मैच जीतने वाले व्यक्ति बनने की आपकी इच्छा जबरदस्त थी और मैंने इससे बहुत कुछ सीखा।’ पिछला मैच भूलकर आज को देखो
‘मुझे याद है कि मैंने आपसे सीखा कि पिछले चार मैचों में जो कुछ भी किया है उससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। जरूरी यह है कि आप आज के मैच को कैसे देखते हैं, कैसा परफॉर्म करते हैं। आप हमेशा टीम की जरूरतों के साथ पूरी तरह से तालमेल बैठाते थे। यही वजह है कि जब हम इंटरनेशनल क्रिकेट में एक-दूसरे के खिलाफ खेलते थे तो आपके लिए योजना बनाना सबसे मुश्किल होता था।’ 2015 में दिल्ली में खेली गई आपकी पारी याद है मुझे
‘हर कोई आपके आक्रामक शॉट को याद करता है लेकिन आप परिस्थिति के हिसाब से खुद को ढाल लेते हैं। 2015 में दिल्ली में खेले गए टेस्ट मैच को ही लें जब आपने 297 गेंदों का सामना किया और टेस्ट मैच बचाने की कोशिश में 43 रन बनाए। मुझे वो पारी आज भी याद है।’