क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने सभी सरकारी भर्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब किसी भी सरकारी विभाग या मंत्रालय में कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होगी। ऐसे कई मैसेज फेक न्यूज़ एक्सपोज़ टीम को वॉट्सऐप और ईमेल पर मिले हैं।
मैसेज के साथ दो पन्नों के लेटर की कॉपी भी वायरल हो रही है। बताया जा रहा है कि लेटर की शक्ल में ये मेमोरेंडम वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने 4 सितंबर को जारी किया है।
और सच क्या है ?
- बीतें दिनों मेमोरेंडम से जुडी हर खबर की पड़ताल के बाद ऐसा कोई आदेश नहीं मिला जिससे पुष्टि होती हो कि वित्त मंत्रालय ने सभी सरकारी नियुक्तियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है।
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हमने व्यय विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट चेक की। वेबसाइट पर 4 सितंबर को जारी किया गया वही मेमोरेंडम हमें मिला, जो वायरल हो रहा है। इससे ये स्पष्ट हुआ कि मेमोरेंडम फेक नहीं है।
- लेकिन, इस मेमोरेंडम में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि अब सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होंगी। हां, दूसरे पन्ने पर यह जरूर लिखा है कि व्यय विभाग की अनुमति के बिना किसी भी सरकारी मंत्रालय/ विभाग में अब नए पदों का सृजन नहीं किया जाएगा।
- वित्त मंत्रालय ने 5 सितंबर को ट्वीट करके मेमोरेंडम को लेकर फैल रहे कन्फ्यूजन पर स्पष्टीकरण भी दिया है। ट्वीट का हिंदी अनुवाद है: भारत सरकार में पदों को भरने पर कोई मनाही या प्रतिबंध नहीं है। एसएससी, यूपीएससी, आरआरबी जैसी सरकारी एजेंसियों के जरिए भर्ती प्रक्रिया जारी रहेगी।
- इन सबसे स्पष्ट है कि सरकारी कर्मचारियों की नियुक्तियों पर बैन लगने वाला दावा झूठा है। व्यय विभाग ने सरकारी विभागों में नए पदों के सृजन पर रोक लगाई है। इसको लेकर जारी किए गए मेमोरेंडम का गलत अर्थ निकालकर अफवाह फैलाई जा रही है।