खेल की तस्वीरें, जो जेहन में बस गईं:17 साल बाद टी-20 चैंपियन बने, अश्विन ने संन्यास लिया; गुकेश यंगेस्ट चेस चैंपियन

क्रिकेट, पैरालिंपिक और चेस के लिहाज से भारत के लिए साल 2024 ऐतिहासिक रहा। भारत ने 17 साल बाद टी-20 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रचा। ओलिंपिक में देश 6 ही मेडल जीत सका, लेकिन पैरालिंपिक में 29 मेडल जीतकर अपना बेस्ट प्रदर्शन किया। पढ़िए जनवरी से दिसंबर तक स्पोर्ट्स में भारतीय खिलाड़ियों और टीमों के टॉप अचीवमेंट्स और चौंकाने वाले रिकॉर्ड्स… 1. क्रिकेट जीत, जिसने देश का मान बढ़ाया भारत ने 17 साल बाद टी-20 वर्ल्ड कप जीता। जून में वेस्टइंडीज और अमेरिका में हुए टूर्नामेंट के फाइनल तक भारत अजेय रहा। टीम ने खिताबी मुकाबले में साउथ अफ्रीका को 7 रन से हराया और 2007 के बाद पहला टी-20 टाइटल जीता। विराट कोहली 76 रन की पारी खेलने के लिए प्लेयर ऑफ द मैच बने। जसप्रीत बुमराह को 15 विकेट लेने के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का अवॉर्ड मिला। मैच के बाद कोहली और भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टी-20 फॉर्मेट को अलविदा कह दिया। यह राहुल द्रविड़ का भी बतौर कोच आखिरी मैच रहा। 12 साल बाद घर में टेस्ट सीरीज हारे 2024 में भारत ने 5 टेस्ट सीरीज खेलीं। इंग्लैंड और बांग्लादेश को घर में हराया। साउथ अफ्रीका में सीरीज ड्रॉ रही। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज 1-1 से बराबरी पर चल रही है, लेकिन अक्टूबर-नवंबर में टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ घर में ही 3-0 से टेस्ट सीरीज हार गई। घरेलू मैदान पर भारत को 12 साल बाद टेस्ट सीरीज में हार मिली, इससे पहले 2012 में इंग्लैंड ने 2-1 से टीम इंडिया को सीरीज हराई थी। भारत को 24 साल बाद टेस्ट इतिहास में अपने घर में क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा। 2000 में साउथ अफ्रीका ने 2-0 से हराया था, तब सचिन तेंदुलकर कप्तान थे। IPL में सबसे महंगे बिके ऋषभ पंत 3 साल बाद भारत के फ्रेंचाइजी टूर्नामेंट IPL का मेगा ऑक्शन हुआ। 2 खिलाड़ियों की कीमत 26 करोड़ रुपए पार कर गई, जिनमें ऋषभ पंत इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी बने। उन्हें 27 करोड़ रुपए में लखनऊ सुपरजायंट्स ने खरीदा, वहीं श्रेयस अय्यर 26.50 करोड़ रुपए में पंजाब किंग्स का हिस्सा बने। खास बात यह भी कि पंत ने 2022 में कार एक्सीडेंट में घायल होने के बाद इसी साल मार्च में ही वापसी की थी। रविचंद्रन अश्विन ने क्रिकेट को अलविदा कहा दिग्गज ऑफस्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के बीच ही संन्यास ले लिया। 18 दिसंबर को ब्रिस्बेन में तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहा, मैच खत्म होते ही अश्विन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया। 37 साल के अश्विन ने करियर में 106 टेस्ट खेले और 537 विकेट लिए। उनके नाम एमएस धोनी के बराबर 6 शतक भी रहे। टेस्ट रैंकिंग में बुमराह बने नंबर-1 बॉलर यह साल तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के लिए बेहद खास रहा। वह पूरे साल चर्चा में रहे। उन्होंने कोई वनडे नहीं खेला, लेकिन टी-20 और टेस्ट फॉर्मेट में अपनी चमक बिखेरी। शानदार प्रदर्शन की बदौलत टेस्ट रैंकिंग में नंबर-1 गेंदबाज बन गए, उन्होंने 900 रेटिंग पॉइंट्स का बैरियर भी पार किया। 2. पेरिस ओलिंपिक एक भी गोल्ड नसीब नहीं हुआ पेरिस ओलिंपिक में भारत का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। देश के 117 एथलीट 6 ही मेडल जीत सके। इनमें एक भी गोल्ड नहीं रहा। देश को 1 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल मिले। इकलौता सिल्वर भी गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने दिलाया, जिन्होंने टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड जीता था। शूटर मनु भाकर एक ही ओलिंपिक में 2 मेडल जीतने वालीं आजाद भारत की पहली खिलाड़ी बनीं। उन्होंने दोनों मेडल एयर पिस्टल शूटिंग में जीते। अमन सहरावत को कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल मिला, वह भारत के सबसे युवा ओलिंपिक मेडल विनर बने। जीत के वक्त उनकी उम्र महज 21 साल 24 दिन थी। विनेश-लक्ष्य के नतीजों से दिल टूटा, 6 इवेंट में चौथा स्थान इस बार का ओलिंपिक भारत के लिए दिल तोड़ने वाला भी रहा। देश 16 मेडल जीत सकता था, लेकिन 6 इवेंट में भारतीय प्लेयर्स चौथे नंबर पर रह गए। 2 बॉक्सर मेडल से एक जीत दूर रहे। वहीं विनेश फोगाट और निशा दहिया को किस्मत का साथ नहीं मिल सका। 3. पेरिस पैरालिंपिक 29 मेडल जीतकर रचा इतिहास भारत के लिए ओलिंपिक जहां निराशानजक रहा, वहीं पैरालिंपिक गेम्स में ऐतिहासिक प्रदर्शन देखने को मिला। देश ने 29 मेडल जीते, जिनमें 7 गोल्ड, 9 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज शामिल रहे। भारत इससे पहले कभी 20 मेडल भी नहीं जीत सका था, टोक्यो में देश को 19 मेडल मिले थे। देश ने पहली बार ही मेडल टैली के टॉप-20 में फिनिश किया। 29 मेडल के लिए भारत ने 84 पैरा-एथलीट्स का स्क्वॉड भेजा था। इनमें शूटर अवनी लेखरा, जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल और नवदीप सिंह, आर्चर हरविंदर सिंह, शटलर नितेश कुमार, हाई जंपर प्रवीन कुमार और क्लब थ्रोअर धर्मबीर ने गोल्ड दिलाया। अवनी ने लगातार दूसरे पैरालिंपिक में गोल्ड जीता। 4. चेस 97 साल में पहली बार ओलिंपियाड में डबल गोल्ड भारत ने चेस ओलिंपियाड के मेंस और विमेंस कैटेगरी में ऐतिहासिक गोल्ड मेडल जीते। ओलिंपियाड के 97 साल के इतिहास में भारत ने दोनों कैटेगरी में पहली बार एक साथ पहला स्थान हासिल किया। मेंस टीम ने 10वें राउंड में अमेरिका को हराने के बाद ही गोल्ड पक्का कर लिया था। वहीं विमेंस टीम ने 11वें और आखिरी राउंड को जीतकर गोल्ड पक्का किया। गुकेश बने सबसे युवा वर्ल्ड चैंपियन​​​​​ 18 साल के भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने सिंगापुर में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का खिताब जीता। उन्होंने चीन के डिफेंडिंग चैंपियन डिंग लिरेन को 7.5-6.5 से फाइनल हराया। इतनी कम उम्र में खिताब जीतने वाले गुकेश दुनिया के पहले प्लेयर बने। गुकेश भारत के दूसरे ही वर्ल्ड चेस चैंपियन बने। आखिरी बार 2012 में विश्वनाथन आनंद चैंपियन बने थे। प्रगनानंद ने वर्ल्ड नंबर-1 और नंबर-2 को हराया​​​​​​ जून में भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रगनानंद ने नॉर्वे चेस टूर्नामेंट में कमाल का प्रदर्शन किया। उन्होंने वर्ल्ड नंबर-1 मैग्नस कार्लसन और वर्ल्ड नंबर-2 फैबियानो कारूआना को हराया। वह चेस ओलिंपियाड जीतने वाली टीम इंडिया का हिस्सा भी रहे। 5. टेनिस 43 साल के बोपन्ना ने ग्रैंड स्लैम जीता रोहन बोपन्ना ने इस साल 43 साल 9 महीने की उम्र में टेनिस का ग्रैंड स्लैम जीता। जनवरी में ऑस्ट्रेलियन ओपन के मेंस डबल्स इवेंट में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ही मैथ्यू एब्डे के साथ मिलकर टाइटल जीता। इसी के साथ वह ग्रैंड स्लैम जीतने वाले दुनिया के सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बने। 6. टेबल टेनिस एशियन चैंपियनशिप में पहला मेडल भारत की महिला टीम ने एशियन टेबल टेनिस चैंपियनशिप में देश को इतिहास का पहला मेडल दिलाया। कजाकिस्तान में हुए टूर्नामेंट में मनिका बत्रा, श्रीजा अकुला, अयहिका मुखर्जी, सुतीर्था मुखर्जी और दीया चितले की टीम ने सेमीफाइनल में बेहतरीन कोशिश करने के बाद ब्रॉन्ज मेडल जीता। 1972 से खेले जा रहे इस टूर्नामेंट में यह भारत का पहला ही मेडल रहा। 7. दुनिया के इन खिलाड़ियों ने भी खींचा ध्यान