शिव जी ने गंगा को सिर पर धारण कर के यही संदेश साफ तौर पर दिया कि दिमाग में पवित्र विचार रखें तो खुद के साथ परिवार की भी पूजा होगी। शिव जी हिमालय के शिखर से ने गंगा को संसार के लिए बहाया। इसका संदेश है कि कितनी भी ऊंचाई पर पहुंच जाएं लेकिन तरल और सरल रहेंगे तो दुनिया के लिए कल्याणकारी हो सकते हैं। गंगाजल घर में इसलिए रखा जाता है ताकि ये याद रहे कि गंगाजल की तरह पवित्र होकर जीवन रूपी यात्रा पर आगे बढ़ना है। जीवन के आखिरी समय में भी मुंह में गंगाजल इसलिए डाला जाता है कि वो इंसान पूरे जीवन में अगर पवित्र नहीं हो पाया हो तो पवित्रता के साथ विदा हो जाए। ताकि नए जन्म में शुरुआत से ही पवित्रता को ज्ञान लेकर उसका जन्म हो। गंगाजल जिस जगह से गुजरता है वहां की धरती और लोगों को बिना भेदभाव के समृद्ध करता है। इसी तरह हम भी जहां जाएं बिना भेदभाव सभी की मदद करें। निष्कलंक और पाप रहित जीवन जीना चाहिए, जिससे गंगा में जाकर पाप धोने की जरूरत न पड़े।