मुख्यमंत्री गहलोत ने मंगलवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक चैनल को दियाइंटरव्यू शेयर किया। इसमेंसोमवार को सचिन पायलट को निकम्मा कहने को लेकर उन्होंनेसफाई दी। गहलोत ने कहा, ‘मैंने यह बात उनके संगठन चलाने के संदर्भ में कही थी। जिस तरह से उन्होंने(पायलट) संगठन चलाया, वह बात उस संदर्भ में थी। वह जबसे पार्टी मेंहैं, उन पर विश्वास किया गया। 30 साल की उम्र में केंद्र में मंत्री बन गए। 36 साल की उम्र में वो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बन गए। 40 साल की उम्र में डिप्टी सीएम बन गए।’
गहलोत ने कहा- पायलट ऐसेपहले अध्यक्षहैं, जिन्होंने आते ही कहा थाकि मैं मुख्यमंत्री बनने आया हूं। 40 साल मुझे राजनीति करनी है। आप तय कर लें कि किसके साथ रहना है आपको। ऐसी भाषा का इस्तेमाल कार्यकर्ताओं से पांच साल तक किया गया। राजस्थान में संगठन के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ इसलिए संगठन के संदर्भ में मैंने यह बात कही। कोई व्यक्तिगत बात नहीं कही थी।
‘मुझ पर लगे आरोपों का पायलट ने कभी खंडन नहीं किया’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आदमी गुस्से में होता है। संगठन का मुखियाहोने के नाते उनकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। पिछले डेढ़ साल में सचिन पायलट साहब ने एक बार भी विपक्ष द्वारा मुझ पर लगाए गए आरोपों का खंडन नहीं किया। उल्टा सरकार पर ही छींटाकशी की। आप पार्टी के मुखिया होने के बाद भी साजिश कर रहे हैं। पार्टी का मुखिया ही सरकार गिराने की साजिश में शामिल हो इसलिए गुस्सा आना स्वाभाविक है।’
‘व्यक्तिगत रूप से मैं आज भी उनसे स्नेह करता हूं। किसी को महसूस नहीं होने दियाकिहमारे बीच मतभेद हैं। पायलट के पार्टी में वापस आने पर गले लगाने के सवाल पर गहलोत ने कहा किक्यों नहीं? अगर पार्टी हाइकमान फैसला कर देते हैं तो उनका फैसला हम सबको मान्य होना चाहिए।’
‘राहुल गांधी ने बैठकर बात की थी’
गहलोत ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह के समय से ही ऐसा माहौल बना दिया गया कि पार्टी में दो पावर सेंटर हैं। उस वक्त राहुल गांधी ने हम दोनों से बैठकर बात की थी, आप दोनों मिलकर काम करें। लेकिन वेऐसे हो गए थे, जैसे पहचानते ही नहीं हैं। डेढ़ साल से बात नहीं हुई है।
‘जब वह आते थे तो मैं खुद खड़ा हो जाता था’
‘मैं मानता था कि ये हमारे डिप्टी सीएम नहीं, बल्कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं। अध्यक्ष मुख्यमंत्री से भी अलग होते हैं। जब वे आते थे तो मैं खुद खड़ा होता था। जिससे लोग समझें। क्योंकि, जब मैं 34 साल की उम्र में अध्यक्ष बनकर आया था, उस वक्त के बुजुर्ग नेताओं ने मुझे वो सम्मान दिया था। मेरी जिम्मेदारी थी कि आगे की पीढ़ी को भी ये सिखाऊंइसलिए जब ये आए, मैंने खुद ने खड़ा होना शुरू किया था।’
‘हमारी सरकार सुरक्षित है’
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है। कोर्ट का कोई भी फैसला हो, हमारी सरकार सुरक्षित है। बहुमत हमारे पास पहले भी था, अब भी है। तकलीफ में वो लोग हैं, जो वहां गए हैं। ये मेंबरशिप का मामला है। अगर कोई पार्टी के साथ नहीं रहना चाहता तो मेंबरशिप खत्म कर दी जाती है।
ऑडियो टैपिंग मामले पर सरकार पर लग रहे आरोपों पर गहलोत ने कहा कि राजस्थान में गैरकानूनी सर्विलांस की परंपरा नहीं है।
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