राजस्थान में सियासी उठापटक का आज 17वां दिन है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 31 जुलाई को विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को संशोधित प्रस्ताव भेज दिया है। इसे 7 दिन के नोटिस के साथ भेजा गया है। वहीं, कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर स्पीकअप फॉर डेमोक्रेसी अभियान शुरू किया है। कांग्रेस नेता अजय माकन ने रविवार दोपहर जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कोरोना से लड़ने की बजाय कांग्रेस से लड़ रहे हैं। बहुमत की हत्या हो रही है।
कांग्रेस ने जनता के सामने 5 सवाल रखे
1. क्या देश को प्रजातंत्र और संविधान पर भाजपा का हमला स्वीकार है?
2. क्या बहुमत और जनमत का फैसला राजस्थान की 8 करोड़ की जनता को वोट से होगा या दिल्ली के हुकमरानों के सत्ता बल और धन बल से होगा?
3. क्या प्रधानमंत्री और भारत सरकार सत्ता हासिल करने के लिए संवैधानिक परंपराओं को रौंद सकते हैं?
4. क्या बहुमत से चुनी राजस्थान सरकार द्वारा बुलाए गए विधानसभा सत्र को राज्यपाल इजाजत देने से इनकार कर संविधान की अवहेलना कर सकते हैं?
5. क्या राज्यपाल विधायिका के आधार क्षेत्र में असंवैधानिक तौर पर दखलअंदाजी कर सकते हैं? क्या इससे विधायिका और न्यायपालिका में टकराव की स्थिति पैदा नहीं होगी?
मोदी और भाजपा पर 4 आरोप
1. मोदी सरकार और भाजपा ने प्रजातंत्र पर हमला बोल रखा है। बहुमत की हत्या हो रही है। संविधान को भाजपा द्वारा बेहरमी से रौंदा जा रहा है। राजस्थान की बहुमत वाली कांग्रेस सरकार में हमारे बहादुर विधायक जो किसी लालच में नहीं आ रहे, उनके समर्थन में कांग्रेस के कार्यकर्ता कल प्रदर्शन करेंगे।
2. आजादी के बाद से भारतीय लोकतंत्र के अंदर दो घटनाएं ऐसी हुई हैं, जो इतिहास में कभी नहीं हुईं। लोकतंत्र का अपहरण हो गया है। प्रजातंत्र का कत्ल हो रहा है। पहली घटना में लोकतंत्रिक इतिहास में विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस को आज तक रोका नहीं गया। विधानसभा के अध्यक्ष के निर्णय को कोर्ट जरूर एग्जामिन करती है। निर्णय देने से पहले की प्रक्रिया को कभी रोका नहीं गया, जो राजस्थान में पहली बार हुआ है। दूसरी घटना- सरकार आज विधानसभा का सत्र बुलाना चाहती है, उसे रोका जा रहा है। ऐसा पहली बार होगा कि चुनी हुई सरकार के कहने के बावजूद अब तक सत्र नहीं बुला रहे हैं।
3. राजस्थान में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनी सरकार को गिराने के षड्यंत्र से ये साफ है कि ये ताकतें प्रजातंत्र को दिल्ली दरबार की दासी बनाना चाहती हैं। लोकतंत्र को अपने हाथ की कठपुतली बनाना चाह रही हैं। बहुमत की सरेआम हत्या हो रही है। जनमत को कुचल कर भाजपा की काल कोठरी के पीछे डाल दिया गया है।
4. संवैधानिक परंपराओं को बेरहमी से रौंदा जा रहा है। न्यायपालिका से न्याय की उम्मीद खत्म हो गई है। राज्यपाल जैसे संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति संविधान की रक्षा करने में असहाय नजर आते हैं।
कांग्रेस की अपील
कल पूरे देश में राजस्थान में लोकतंत्र बचाने के लिए प्रदर्शन किया जाएगा। हमारे विधायकों के समर्थन में हर राज्य के राजभवन के बाहर प्रदर्शन करें। राजस्थान राजभवन को कहा जाए कि जल्द से जल्द विधानसभा सत्र बुलाया जाए।
स्पीकअप फॉर डेमोक्रेसी अभियान के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया है। इसके साथ उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट होकर आवाज उठाने की अपील की है। वीडियो में कहा गया है कि भाजपा लोकतंत्र को खत्म कर रही है। राजस्थान में सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है। ऐसा ही उन्होंने मध्यप्रदेश में किया। हम राजस्थान विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग करते हैं।
आइए #SpeakUpForDemocracy में एकजुट होकर लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवाज़ उठायें। pic.twitter.com/7v1UiOGGZj
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 26, 2020
अपडेट्स…
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने होटल फेयरमोंट में सुबह योग क्लास के बाद विधायकों के साथ बैठक की। गहलोत यहां रात 11:30 बजे ही पहुंच गए थे। गहलोत दोपहर करीब 12 बजे के करीब होटल से अपने घर चले गए।
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राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ गोविंद सिंह डोटसरा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से राज्य में लोकतंत्र को बचाने के लिये स्पीक अप फॉर डेमोक्रेसी अभियान से जुड़ने की अपील की है।
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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने एक बार फिर गहलोत सरकार पर निशाना साथा। उन्होंने लिखा कि जनता सब देख रही है, ईश्वर भी साक्षी है। आपका ईमान कैसे गवाही दे रहा है, कुर्सी की भूख ने आपको लोभी बना दिया है। कोरोना ही नहीं अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं, क्या बाड़े में बैठे रहना ही लोकतंत्र है? शासन है? कांग्रेस बताए कब बाड़े से निकलेगी?
जनता सब देख रही है;ईश्वर भी साक्षी है;आपका ईमान कैसे गवाही दे रहा है,कुर्सी की भूख ने आपको लोभी बना दिया;#कोरोना ही नहीं अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं,क्या बाड़े में बैठे रहना ही लोकतंत्र है?शासन है@INCIndia बताए कब बाड़े से निकलेगी? @ashokgehlot51सरकार#RajasthanPoliticalCrisis pic.twitter.com/delyqFnFkQ
— Satish Poonia (@DrSatishPoonia) July 26, 2020
- राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा- भाजपा हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने के मुख्यमंत्री के अनुरोध की अनदेखी की है। इससे पता चलता है कि केंद्र सरकार संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है।
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कांग्रेस ने 27 जुलाई को देशभर में राजभवन का घेराव करेगी। इस अभियान को ‘प्रजातंत्र के लिए बोलो’ नाम दिया गया है।
दिनभर गहलोत के राज्यपाल से मिलने की चर्चा रही
कल देर रात तक चर्चा रही कि गहलोत राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलेंगे, लेकिन यह नहीं हुआ। देर शाम भाजपा के 13 सदस्यों का दल जरूर राजभवन पहुंचा। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जिसमें राजभवन घेराव वाले बयान पर मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।
पूनिया ने कहा- गहलोत का बयान गलत, सजा हो सकती है
शनिवार को राज्यपाल से मुलाकात के बाद सतीश पूनिया ने कहा- राज्य के मुखिया ये चेतावनी देते हैं कि 8 करोड़ जनता राज्यपाल को घेर लेगी। यह गलत है। यह बयान उन्हें (मुख्यमंत्री गहलोत को) आईपीसी की धारा 124 के तहत सजा दिला सकता है। भाजपा के दल ने मुख्यमंत्री के बयान के संबंध में राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा है।
मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए
नेता विपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य के मुखिया हैं। वे खुद कह रहे हैं कि कानून-व्यवस्था की स्थिति के उल्लंघन के लिए वे जिम्मेदार नहीं होंगे। वे जिम्मेदार नहीं होंगे, तो कौन होगा? उन्हें ऐसी भाषा का उपयोग करने के लिए इस्तीफा देना चाहिए।
5 सवालों से समझिए… राजस्थान की सियासत की पूरी तस्वीर
1. हाईकोर्ट के फैसले का पायलट खेमे पर क्या असर होगा?
जवाब: हाईकोर्ट ने 19 विधायकों को नोटिस मामले में यथास्थिति को कहा है। मायने यह कि अभी उनकी सदस्यता रद्द नहीं होगी। आदेश का सोमवार को सुप्रीम कोर्ट रिव्यू करेगा।
2. क्या गहलोत सरकार के पास बहुमत है?
जवाब: गहलोत सरकार ने राजभवन ले जाकर विधायकों की परेड करवाई। इसमें 102 का आंकड़ा दिया है। इनमें कांग्रेस के 88, निर्दलीय 10, बीटीपी के 2, सीपीएम और आरएलडी का एक-एक विधायक है। यदि इतने विधायक फ्लोर टेस्ट में सरकार का साथ देते हैं तो सरकार बहुमत हासिल कर लेगी। यदि दो-पांच विधायक भी इधर-उधर हुए तो सरकार खतरे में है।
3. क्या राज्यपाल सोमवार को विशेष सत्र बुलाएंगे?
जवाब: राज्यपाल ने शुक्रवार रात कैबिनेट से कोरोना का हवाला देने और जल्दबाजी में विशेष सत्र बुलाने जैसे 6 सवाल पूछे थे। इससे लगता है कि राज्यपाल सोमवार को या इमरजेंसी में सत्र बुलाने की अनुमति नहीं देंगे। यदि कैबिनेट ने दूसरी बार राजभवन को प्रस्ताव भेजा तो नियमानुसार राज्यपाल मना भी नहीं कर सकते। लेकिन तुरंत सत्र की गुंजाइश नहीं लग रही है।
4. आखिर सत्र क्यों बुलाना चाहते हैं गहलोत?
जवाब: सत्र बुलाना तो बहाना है। मंशा बिल लाकर व्हिप जारी करना है। जो बागी बिल के खिलाफ वोट देंगे उनकी सदस्यता रद्द होगी। इसीलिए राज्यपाल को जो पत्र दिया, उसमें फ्लोर टेस्ट का उल्लेख नहीं। 19 की विधायकी गई तो बहुमत को 92 विधायक चाहिए जो सरकार के पास हैं।
5. भाजपा की सत्र बुलाने में रुचि क्यों नहीं है?
जवाब: भाजपा नहीं चाहती कि सरकार सत्र बुलाकर पायलट गुट पर एक्शन ले। वह चाहती है कि 19 विधायकों की सदस्यता बची रहे और जरूरत पड़े तो सरकार को हिला सकें।
सियासी संग्राम से पहले विधानसभा में स्थिति
107 कांग्रेस
…और अब ये हालात
गहलोत के पक्ष में: 88 कांग्रेस, 10 निर्दलीय, 2 बीटीपी, 1 आरएलडी, 1 माकपा यानी कुल 102
पायलट गुट: 19 बागी कांग्रेस, 3 निर्दलीय। कुल 22
भाजपा प्लस: 72 भाजपा, 3 आरएलपी। कुल 75
माकपा 1 : गिरधारी मईया फिलहाल तटस्थ।
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1. प्रदेश अध्यक्ष पूनिया ने कहा- राजभवन घेराव वाला बयान मुख्यमंत्री गहलोत को सजा दिला सकता है
2. गहलोत बोले- राजभवन घेरने जनता आ गई तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी
3.पायलट गुट को राहत: राजस्थान हाईकोर्ट ने स्पीकर को बागी विधायकों पर कार्रवाई करने से रोका
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