गिरावट से डरकर SIP न रोकें:इसे इमर्जेंसी फंड के रूप में इस्तेमाल न करें, अच्छा रिटर्न चाहिए तो ये 5 गलतियां न करें

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP म्यूचुअल फंड्स में निवेश का चर्चित टूल्स है। दिसंबर 2024 के डेटा के मुताबिक, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में SIP के जरिए रिकॉर्ड 26,459 करोड़ का निवेश आया। लेकिन उसी महीने 80,509 करोड़ रुपए (कुल इक्विटी निवेश का करीब 42%) का रिडम्प्शन भी हो गया। म्यूचुअल फंड एसोसिएशन (एम्फी) के जून 2024 के डेटा के मुताबिक केवल 54.7% इक्विटी निवेशक दो वर्षों से अधिक समय तक निवेशित रहते हैं। मतलब 45% से ज्यादा इक्विटी निवेश दो साल के भीतर ही निकाल लिया जाता है। ये जाना माना नियम है कि इक्विटी एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट एसेट है। आखिर ऐसा क्या है कि जो निवेशक बड़े उत्साह और लॉन्ग टर्म निवेश की मानसिकता के साथ SIP शुरू करते हैं, उन्हें 5-7 साल तक भी निवेश बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। इसकी वजह पर्सनल फाइनेंस का सही मैनेजमेंट न होना और निवेश से गैर-वास्तविक उम्मीदें हैं। इसलिए SIP करने जा रहे हैं तो कुछ गलतियों या गलतफहमियों से बचना चाहिए। ये 5 गलतियां न करें 1. ज्यादा रिटर्न की गैर-वास्तविक उम्मीद न करें
कई निवेशकों को लगता है कि म्यूचुअल फंड में बहुत जल्द निवेश डबल हो जाएगा। ऐसा नहीं होने पर वे SIP बंद करके सीधे शेयरों में या फ्यूचर एंड ऑप्शन जैसे तरीकों का रुख करते हैं। अधीरता और लालच की वजह से SIP से मिलने वाला कंपाउंडिंग रिटर्न बिगड़ जाता है। 2. बाजार में गिरावट पर रिडम्प्शन न करें
कई निवेशक बाजार में गिरावट से घबरा जाते हैं और SIP बंद करके पैसे निकाल लेते हैं। मार्केट में गिरावट के दौरान ज्यादा यूनिट मिलती हैं और बाद में मार्केट चढ़ने पर इनसे ज्यादा रिटर्न मिलता है। इसलिए गिरावट में SIP बंद नहीं करना चाहिए। 3. इमरजेंसी फंड बनाकर रखें
बीमारी, नौकरी छूटना या अन्य इमर्जेंसी पर अक्सर लोग SIP बंद कर देते हैं। ऐसी आपात स्थिति व अप्रत्याशित खर्च के लिए हमेशा एक इमरजेंसी फंड बनाकर रखना चाहिए। बार-बार SIP बंद करने से लॉन्ग टर्म के निवेश लक्ष्य बाधित होते हैं। 4. अलग लक्ष्यों के लिए अलग SIP बनाएं
लक्ष्यों के बिना निवेश करने से अक्सर किसी भी जरूरत के लिए धन निकालना पड़ जाता है। इससे बचने के लिए अलग-अलग लक्ष्य के लिए अलग-अलग SIP रखें। जैसे कि मकान या कार खरीदने जैसी बड़ी खरीदारी के लिए अलग SIP करें। बच्चों की शिक्षा, शादी आदि के लिए अलग और अन्य शॉर्ट टर्म लक्ष्यों के लिए अलग SIP बनाएं। 5. अनियंत्रित उधारी से बचें
गैर-जरूरी खर्च के लिए उधार लेने की आदत किसी के भी वित्तीय अनुशासन को बिगाड़ सकती है। उधार लेकर खाने-पीने या घूमने-फिरने में खर्च करने या महंगी खरीदारी करने से बचना चाहिए। ऐसा उधार चुकाने के लिए लोग सबसे पहले SIP बंद करते हैं। SIP के लिए 10-7-1 रूल अपनाएं 10% गिरावट के लिए तैयार रहें
ये सोचकर निवेश करें कि आपके निवेश हर साल 10% तक गिर जाएंगे। बीते 23 में से 20 वर्षों में मार्केट कम से कम 10% तक गिरा हैै। इस अस्थिरता के दौरान अपने निवेश को बनाए रखने में सक्षम होना चाहिए। निवेश को 7 साल का समय अवश्य दें
SIP को 7 वर्षों से अधिक समय दें। 7 वर्षों तक रखे गए निवेशों ने हमेशा पॉजिटिव रिटर्न दिया हैै। लॉन्ग टर्म निवेश में आपको कम्पाउंडिंग की असली ताकत देखने को मिलती है। हर साल अपना निवेश बढ़ाएं
हर साल SIP राशि बढ़ाएं। 10 साल के लिए ₹25 हजार मासिक जमा करते हैं तो 12% अनुमानित रिटर्न से 58 लाख की रकम बनेगी। हर साल सालाना 10% निवेश बढ़ाते हैं तो 84 लाख का फंड बनेगा।