गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस का 84वां अधिवेशन हो रहा है। यह दो दिन (8 और 9 अप्रैल) का है। मंगलवार को पहले दिन कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक चार घंटे चली। आज दूसरे दिन साबरमती रिवरफ्रंट पर मुख्य अधिवेशन हो रहा है, जिसमें देशभर से 1700 से अधिक कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल मौजूद हैं, लेकिन प्रियंका गांधी आज भी नहीं पहुंची। हमें विषैले सिद्धांतों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा
अधिवेशन के दूसरे दिन की शुरुआत झंडावंदन के साथ हुई। इसके बाद पार्टी अध्यक्ष खड़गे ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा- गांधीजी ने 1947 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में सांप्रदायिक संस्थाओं के खिलाफ प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा था कि कांग्रेस पूरे देश की सेवक है। सांप्रदायिक संस्था और उसके जहरीले सिद्धांतों और कार्यों के लिए उचित प्रतिक्रिया यह होगी कि कांग्रेस एक मजबूत जनमत तैयार करे। हमें विषैले सिद्धांतों का जवाब देने के लिए एकजुट होकर लड़ना होगा। दरअसल, आज के कार्यक्रम के लिए रिवरफ्रंट पर VVIP डोम बनाया गया है। इस अधिवेशन की थीम है, ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण, और संघर्ष।’ पार्टी के मुताबिक यह अधिवेशन गुजरात में संगठन को मजबूत करने और 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए रोडमैप तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। गुजरात में 64 साल बाद हो रहा अधिवेशन
इस साल महात्मा गांधी के बतौर कांग्रेस अध्यक्ष 100 साल पूरे हो रहे हैं। इसके अलावा सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती भी है। दोनों ही महान विभूतियां गुजरात में पैदा हुई थीं, इसलिए कांग्रेस पार्टी ये अधिवेशन गुजरात में कर रही है। इससे पहले 1961 में भावनगर में अधिवेशन हुआ था। यह आजादी के बाद गुजरात में कांग्रेस का पहला कार्यक्रम था। कांग्रेस अधिवेशन से जुड़ी अपडेट्स के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…
अधिवेशन के दूसरे दिन की शुरुआत झंडावंदन के साथ हुई। इसके बाद पार्टी अध्यक्ष खड़गे ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा- गांधीजी ने 1947 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में सांप्रदायिक संस्थाओं के खिलाफ प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा था कि कांग्रेस पूरे देश की सेवक है। सांप्रदायिक संस्था और उसके जहरीले सिद्धांतों और कार्यों के लिए उचित प्रतिक्रिया यह होगी कि कांग्रेस एक मजबूत जनमत तैयार करे। हमें विषैले सिद्धांतों का जवाब देने के लिए एकजुट होकर लड़ना होगा। दरअसल, आज के कार्यक्रम के लिए रिवरफ्रंट पर VVIP डोम बनाया गया है। इस अधिवेशन की थीम है, ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण, और संघर्ष।’ पार्टी के मुताबिक यह अधिवेशन गुजरात में संगठन को मजबूत करने और 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए रोडमैप तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। गुजरात में 64 साल बाद हो रहा अधिवेशन
इस साल महात्मा गांधी के बतौर कांग्रेस अध्यक्ष 100 साल पूरे हो रहे हैं। इसके अलावा सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती भी है। दोनों ही महान विभूतियां गुजरात में पैदा हुई थीं, इसलिए कांग्रेस पार्टी ये अधिवेशन गुजरात में कर रही है। इससे पहले 1961 में भावनगर में अधिवेशन हुआ था। यह आजादी के बाद गुजरात में कांग्रेस का पहला कार्यक्रम था। कांग्रेस अधिवेशन से जुड़ी अपडेट्स के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…