गुड हैबिट्स- अमीर बनने का राज है एक्सपेंस जर्नलिंग:फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने का आसान तरीका, रोज के खर्च लिखने से बदलता है फाइनेंशियल बिहेवियर

गुड हैबिट्स यानी अच्छी आदतें। हम आपको इस आर्टिकल में हर हफ्ते एक ऐसी आदत के बारे में बताते हैं, जो सुनने में और देखने में बहुत मामूली लगती है, लेकिन इसके नतीजे बहुत बड़े होते हैं। आज बात करेंगे एक्सपेंस जर्नलिंग की यानी रोज के खर्च लिखने की आदत। आपको लग रहा होगा कि भला रोज के खर्च लिखने से क्या बदलने वाला है। प्रसिद्ध फाइनेंशियल एडवाइजर जेसिका इरविन ने अपनी किताब ‘मनी डायरी’ में इस विषय पर गहराई से बात की है। उन्होंने लिखा है कि इससे न केवल हमारा बजट सुधर सकता है, बल्कि हमारी मानसिक और आर्थिक सेहत पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सबसे अमीर लोग भी रखते हैं अपने खर्चों का हिसाब दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट उठाकर उनके बारे में पढ़ने बैठेंगे तो पता लगेगा कि उन्होंने अमीर बनने के लिए सबसे पहले फिजूलखर्ची की आदत छोड़ी। इसके लिए उन्होंने एक्सपेंस जर्नलिंग का ही सहारा लिया। दुनिया के 23% लोग रोज अपने खर्च लिखते हैं दुनियाभर में कितने लोग एक्सपेंस जर्नलिंग करते हैं, इसके कोई बहुत सटीक आंकड़े तो नहीं मौजूद है। हालांकि, ब्रिटिश पेन रिटेलर कंपनी ‘पेन हैवेन’ के एक सर्वे के मुताबिक, सिर्फ 23% लोग डायरी लिखते हैं, जिसमें पर्सनल और फाइनेंशियल दोनों तरह की जर्नलिंग शामिल है। रोज के खर्च लिखने के फायदे जब हम रोज के खर्च डायरी में लिखते हैं तो इससे हम अपने खर्चों को लेकर काफी अवेयर हो जाते हैं। इससे अपनी कमाई के मुताबिक, बजट बनाने में मदद मिलती है। सभी फायदे ग्राफिक में देखिए- ग्राफिक में दिए सभी पॉइंट्स विस्तार से समझिए- पैसों का सही हिसाब- जब हम रोज अपने खर्च डायरी में नोट करते हैं तो हमें यह समझ में आता है कि हमारा पैसा कहां जा रहा है। इससे अनावश्यक खर्चों की पहचान करना आसान हो जाता है। बजट बनाने में मदद- जब हमारे पास रोज के खर्चों का स्पष्ट रिकॉर्ड होता है तो हम हर महीने की शुरुआत में एक बेहतर बजट बना सकते हैं। इससे अपने फाइनेंशियल गोल पूरे करने में मदद मिलती है। गैर-जरूरी खर्चों पर लगाम- डायरी में जब रोज के खर्च लिखते हैं तो उसमें गैर-जरूरी खर्च अलग से दिखते हैं। इन्हें नोट करते समय आपको थोड़ी तकलीफ भी होती है, ऐसे बार-बार होने पर आप इन्हें पहचानकर बंद कर देते हैं। सेविंग्स की आदत बनती है- जब हम अपने खर्चों पर नजर रखते हैं और गैर-जरूरी चीजों पर खर्च कम करते हैं और सेविंग्स बढ़ने लगती है। फाइनेंशियल स्ट्रेस से राहत- जब हम हर महीने का बजट बनाकर चलते हैं तो खर्च का सही अंदाजा रहता है। इससे महीने के आखिर में होने वाले आर्थिक तनाव से बच सकते हैं। इससे हम भविष्य की अनिश्चितताओं के लिए भी तैयार रह सकते हैं। जिम्मेदारी और अनुशासन- यह आदत हमें ज्यादा जिम्मेदार बनाती है और इससे जिंदगी में फाइनेंशियल डिसिप्लिन बढ़ता है। एक्सपेंस जर्नलिंग का सही तरीका क्या है? इसके लिए कोई तय तरीका नहीं है, हर किसी के अपने तरीके हो सकते हैं। हालांकि, इसका ज्यादा फायदे के लिए खर्च लिखने के बाद इनका रिव्यू करना और उसमें लगातार सुधार करना भी जरूरी है। 5 पॉइंट्स में पूरा प्रोसेस समझिए- 1. खर्च नोट करने के लिए चुनें सही मीडियम अपनी सहूलिय के अनुसार अपने खर्च नोट करने के लिए कोई डायरी, एक्सेल शीट, मोबाइल ऐप या कोई भी डिजिटल टूल चुन सकते हैं। 2. हर छोटा-बड़ा खर्च नोट करें खर्च लिखते समय बिल्कुल संकोच न करें। इसमें हर-छोटा बड़ा खर्च नोट करें। उदाहरण के लिए, चाय पर खर्च किए गए पैसे से लेकर कमरे के किराए तक, सब कुछ लिखना जरूरी है। इससे रिव्यू में सबकुछ ज्यादा स्पष्ट होगा। 3. खर्चों को अलग-अलग कैटेगरी में बांटें सभी खर्चों को के लिए कुछ कैटेगरी बनाएं, इसके बाद इन्हें नोट करें। इससे आपको अपने खर्च ज्यादा स्पष्ट दिखेंगे। उदाहरण के लिए- खाने-पीने का खर्च, ट्रैवलिंग का खर्च, घर का किराया, इंटरटेनमेंट और निवेश सबकुछ अलग कैटेगरी में बांटकर लिखें। 4. खर्चों का विश्लेषण जरूर करें अपनी सहूलियत के अनुसार हर हफ्ते या महीने के अंत में अपने खर्चों की समीक्षा जरूर करें। इसमें देखें कि आप कहां फिजूल खर्च कर रहे हैं और कहां आपको लगाम लगाम लगाने की जरूरत है। 5. अपना लक्ष्य निर्धारित करें अपने खर्च नियंत्रित करने और सेविंग्स बढ़ाने के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं। मान लीजिए किसी का लक्ष्य हो सकता है कि वह महीने के अंत में अपनी कमाई का 10% सेव कर लेगा। किसी का लक्ष्य हो सकता है कि अगले महीने गैर-जरूरी खर्च 20% तक कम करेगा। एक्सपेंस जर्नलिंग से पता चलता है फाइनेंशियल बिहेवियर जेसिका इरविन के मुताबिक, हमारे दिमाग की संरचना इस तरह होती है कि जब हम किसी चीज को लिखते हैं तो उसे बेहतर तरीके से समझ पाते हैं और ज्यादा लंबे समय तक याद भी रख पाते हैं। इसलिए एक्सपेंस जर्नलिंग की आदत हमें अपने फाइनेंशियल बिहेवियर को समझने और उसे सुधारने में मदद करती है। हर दिन खर्च नोट करने की आदत बनाएं शुरुआत में यह काम कठिन लग सकता है। कुछ दिन ऐसे भी होंगे, जब आप दिनभर के सारे खर्च याद नहीं कर पाएंगे। हालांकि, कुछ दिन में ही यह आदत में आ जाएगा और बहुत आसान लगेगा। कुछ ही महीनों में आपको इसके फायदे समझ आने लगेंगे। आज ही डायरी खरीदें और खर्च नोट करना शुरू कर दें। …………………….
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