आज (15 मई) गुरु ने राशि बदलकर वृष से मिथुन में प्रवेश किया है। ज्योतिष के भाषा में गुरु ग्रह इस समय अतिचारी है, अतिचारी यानी ये ग्रह अपनी सामान्य गति से तेज चल रहा है। अब 18 अक्टूबर तक गुरु मिथुन राशि में ही रहेगा। इसके बाद कर्क राशि में प्रवेश कर लेगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, ज्योतिष में जब कोई ग्रह अपनी सामान्य चाल से तेज चलने लगता है तो उस स्थिति को ग्रह का अतिचारी होना कहते हैं। गुरु ग्रह एक राशि में करीब 12 महीने रुकता है, लेकिन गुरु ग्रह इस समय काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है, इसलिए 18 अक्टूबर को फिर से राशि बदलकर कर्क में प्रवेश कर लेगा। जानिए सभी 12 राशियों के लिए गुरु ग्रह का कैसा असर हो सकता है… गुरु का गोचर तीसरे भाव में हो रहा है, जिससे आत्मबल और पराक्रम में वृद्धि होगी। आपकी बातों में प्रभाव रहेगा और संचार से जुड़े कार्यों में सफलता मिलेगी। भाई-बहनों से संबंध मधुर होंगे। इन लोगों को नए अवसर मिल सकते हैं। गुरु दूसरे भाव में प्रवेश है, जो आर्थिक रूप से शुभ संकेत है। पुराने निवेश से लाभ होगा और नई आमदनी के स्रोत बन सकते हैं। पारिवारिक जीवन में सुख बढ़ेगा और आपकी वाणी में मिठास आएगी। गुरु आपकी ही राशि में है, जिससे आत्मविश्वास बढ़ेगा। आपकी सोच में परिपक्वता आएगी और निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होगी। यह समय व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में नई शुरुआत के लिए अनुकूल है। गुरु का गोचर बारहवें भाव में है, जिससे खर्चों में वृद्धि हो सकती है। विदेश यात्रा के योग बन सकते हैं और योजनाएं सफल हो सकती हैं। हालांकि, मानसिक तनाव बना रह सकता है, इसलिए ध्यान और संयम आवश्यक है। गुरु का गोचर ग्यारहवें भाव में है, जो लाभ, इच्छाओं की पूर्ति और मान-सम्मान में वृद्धि का सूचक है। सामाजिक दायरा बढ़ेगा और मित्रों का सहयोग मिलेगा। ये समय नए संपर्क बनाने के लिए श्रेष्ठ है। गुरु का गोचर दसवें भाव में है, जिससे करियर में उन्नति के योग बनेंगे। नई जिम्मेदारियां आपके लिए लाभदायक सिद्ध होंगी। सरकारी, प्रशासनिक और शिक्षा से जुड़े लोगों को विशेष सफलता मिल सकती है। गुरु नवम भाव में है, जो भाग्य, धर्म और उच्च शिक्षा का प्रतीक है। इस समय में भाग्य का साथ मिलने वाला है। धार्मिक गतिविधियों में रुचि बढ़ेगी और यात्रा के अवसर मिल सकते हैं। गुरु का गोचर अष्टम भाव में है। अचानक होने वाली घटनाओं के लिए तैयार रहें। मानसिक उतार-चढ़ाव और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां आवश्यक हैं। ज्योतिष, शोध, आयुर्वेद और गूढ़ विषयों से जुड़े लोगों को लाभ मिल सकता है। गुरु सप्तम भाव में है, जो विवाह, साझेदारी और सामाजिक संबंधों को प्रभावित करेगा। विवाह योग्य लोगों के लिए अच्छा समय है। व्यापारिक साझेदारियों से लाभ होगा और सार्वजनिक जीवन में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। गुरु का गोचर छठे भाव में हो रहा है, जो स्वास्थ्य और प्रतिस्पर्धा से जुड़ा है। यह समय संघर्षपूर्ण हो सकता है, लेकिन परिश्रम से सफलता मिलेगी। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। गुरु पंचम भाव में गोचर करेंगे, जिससे शिक्षा, संतान और प्रेम संबंधों में शुभता आएगी। विद्यार्थी वर्ग के लिए यह समय विशेष लाभकारी है और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के योग बन रहे हैं। इस समय में आपको धन हानि और गलत निवेश से बचने की सलाह दी जाती है। वित्तीय मामलों में सतर्कता बरतना जरूरी है।