गैस कीमत में भारी गिरावट के बीच सरकार देश में उत्पादन की जाने वाली प्राकृतिक गैस का निचला स्तर (फ्लोर प्राइस) फिक्स करने पर विचार कर रही है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि इस कवायद का मकसद ऑयल एंड नेचुरल गैस (ओएनजीसी) जैसी गैस उत्पादक कंपनियों की कारोबारी हालत में सुधार करना है। गैस उत्पादक कंपनियों के शेयरों में उछाल दर्ज किया गया।
सूत्रों ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा विचार किए जा रहे प्रस्ताव में घरेलू गैस की कीमत को बेंचमार्क जापान-कोरिया मार्कर के बराबर रखा गया है। उत्तर एशिया में इसी बेंचमार्क में डिस्काउंट के साथ एलएनजी की कीमत तय की जाती है। मंत्रालय ने योजना पर अध्ययन करने और गैस उत्पादन को फायदेमंद बनाने के अन्य विकल्पों पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया है।
दशक के निचले स्तर पर आ गई है घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमत
ओएनजीसी और ऑयल इंडिया को दिए गए डोमेस्टिक फील्ड से निकाली जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत एक दशक के निचले स्तर पर आ गई है। घरेलू गैस की कीमत आयात की जाने वाली गैस की कीमत से भी कम है। घरेलू गैस की कीमत कुछ अंतरराष्ट्रीय गैस बाजार जैसे अमेरिका, कनाडा, रूस और ब्रिटेन के आधार पर तय किया जाता है। वैश्विक आपूर्ति बढ़ने से गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमत में भारी गिरावट आई है। इससे इस सेक्टर में निवेश घट रहा है और ओएनजीसी तथा ऑयल इंडिया का गैस कारोबार घाटा देने लगा है।
ओएनजीसी और ऑयल इंडिया के शेयर 3% से ज्यादा उछले
ओएनजीसी ने 30 जून को कहा था कि उसके गैस उत्पादन का औसत खर्च 3.7 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) है। सूत्रों के मुताबिक 1 अक्टूबर से अगले 6 महीने के लिए यह लागत और घटकर 1.9 डॉलर प्रति यूनिट तक आ सकती है। घरेलू गैस प्राइस का निचला स्तर तय होने संबंधी खबरों के बीच बीएसई पर ओएनजीसी 3.77 फीसदी उछाल के साथ 68.90 रुपए पर और ऑयल इंडिया 3.31 फीसदी उछाल के साथ 87.50 रुपए पर बंद हुआ।
सरकार देश के एनर्जी मिक्स में प्राकृतिक गैस का हिस्सा करीब 6% से बढ़ाकर 15% करना चाहती है
ओएनजीसी ने ताजा सालाना रिपोर्ट में कहा था कि सेक्टर को पॉलिसी सपोर्ट और वित्तीय प्रोत्साहन की जरूरत है। इसके बिना गैस आधारित अर्थव्यवस्था बनाने की तरफ आगे बढ़ना कठिन है। सरकार देश के एनर्जी मिक्स में प्राकृतिक गैस का हिस्सा करीब 6 फीसदी से बढ़ाकर 2030 तक 15 फीसदी करना चाहती है।
जापान-कोरिया मार्कर प्राइस अभी करीब 5 डॉलर प्रति यूनिट है
कीमत का निचला स्तर तय करने से गैस की कीमत बढ़ सकती है। सूत्रों ने कहा कि जापान-कोरिया मार्कर प्राइस में 1 डॉलर प्रति यूनिट का डिस्काउंट भी कर दिया जाए, तब भी कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है। जापान-कोरिया मार्कर प्राइस अभी करीब 5 डॉलर प्रति यूनिट है।
9 महीने में दुनियाभर के श्रमिकों की आय 3.5 लाख करोड़ डॉलर घट गई : अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन