घरेलू गैस की कीमत घटने से एक्स्प्लोरेशन कंपनियों का बढ़ेगा घाटा, कच्चे माल के रूप में गैस का उपयोग करने वाली कंपनियां फायदे में रहेंगी

घरेलू गैस की कीमत में हाल में की गई कमी से अपस्ट्रीम कंपनियों के घाटे में भारी बढ़ोतरी होगी। वहीं, एंड यूजर उद्योगों को प्राइस घटने का फायदा मिलेगा। यह बात रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कही।

इस कारोबारी साल की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) के लिए घरेलू गैस की कीमत को घटाकर 1.79 डॉलर प्रति यूनिट (एमएमबीटीयू) कर दिया गया है। पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के लिए प्राइस 2.39 डॉलर प्रति यूनिट था। कीमत घटाए जाने का कारण यह है कि पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में प्रमुख गैस बेंचमार्क इंडेक्स में भारी गिरावट आई है।

मुख्यत: गैस के एक्स्प्लोरेशन से जुड़ी कंपनियों को अपस्ट्रीम कंपनी कहा जाता है

गैस उद्योग की भाषा में मुख्यत: गैस के एक्स्प्लोरेशन से जुड़ी कंपनियों को अपस्ट्रीम कंपनी कहा जाता है। रेटिंग एजेंसी के मुताबिक एंड-यूजर कंपनियां खासकर सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी), फर्टिलाइजर्स और बिजली कंपनियों को घरेलू गैस प्राइस घटने का लाभ मिल सकता है। हालांकि प्रस्तावित नए गैस प्राइसिंग फ्रेमवर्क से अपस्ट्रीम कंपनियों को लाभ हो सकता है और अन्य सेक्टर्स का बैलेंसशीट कुछ हद तक प्रभावित हो सकता है।

जापान कोरिया मार्क-अप इंडेक्स के आधार पर घरेलू गैस प्राइस तय करने पर विचार कर रही है सरकार

सरकार जापान कोरिया मार्क-अप (जेकेएम) इंडेक्स के आधार पर घरेलू गैस के लिए फ्लोर प्राइस तय करने के एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है। नई प्रस्तावित प्रणाली में घरेलू गैस की कीमत स्पॉट एलएनजी की कीमत के ज्यादा निकट रहेगी। इससे प्रमुख गैस आयातक देशों जापान, कोरिया, चीन और भारत की प्राइसिंग में लगभग समानता आ जाएगी।

अभी अमेरिका, कनाडा, रूस और ब्रिटेन जैसे लो-प्राइस इंटरनेशनल बेंचमार्क के आधार पर तय होता है प्राइस

एजेंसी ने कहा कि अभी घरेलू गैस प्राइस अमेरिका, कनाडा, रूस और ब्रिटेन जैसे लो-प्राइस इंटरनेशनल बेंचमार्क के आधार पर तय होता है। प्राइस रिवीजन हर छह महीने पर होता है और यह अंतरराष्ट्र्रीय बेंचमार्क से एक तिमाही पीछे चलता है। इन गैस निर्यातक देशों के पास बड़ा गैस भंडार हैं और ये भारत के मुकाबले कम लागत पर उत्पादन कर लेते हैं। इससे भारतीय गैस उत्पादक कंपनियों की प्रॉफिटेबिलिटी कम हो जाती है।

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इस कारोबारी साल की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में प्रमुख गैस बेंचमार्क इंडेक्स में भारी गिरावट आने के कारण अक्टूबर-मार्च तिमाही के लिए घरेलू गैस की कीमत घटा दी गई है