घर के आंगन में तुलसी लगाने की परंपरा:सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास रोज जलाना चाहिए दीपक, बालगोपाल को तुलसी के बिना न लगाएं भोग

घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगाने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। तुलसी को पूजनीय और पवित्र माना जाता है, इसे विष्णुप्रिया भी कहते हैं। धर्म के साथ ही वास्तु और आयुर्वेद में भी तुलसी का विशेष महत्व बताया है। कई दवाइयों में तुलसी का इस्तेमाल होता है, इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं, जो हमें स्वास्थ्य लाभ देते हैं। इसके नियमित सेवन से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, स्कंद पुराण, पद्म पुराण और गरुड़ पुराण जैसे ग्रंथों में तुलसी का जिक्र है। शास्त्रों में बताया गया है कि जिन घरों में तुलसी है, वहां स्वयं भगवान विष्णु और समस्त देवता वास करते हैं, महालक्ष्मी ऐसे घरों की ओर आकर्षित होती हैं, जहां तुलसी का पौधा है। तुलसी का नियमित रूप से पूजन करने से भक्तों के सभी पापों का नाश होता है और अक्षय पुण्य मिलता है। जानिए तुलसी से जुड़ी खास बातें… तुलसी को कभी भी लापरवाही से न तोड़ें, उसे छूने से पहले क्षमा प्रार्थना मंत्र बोलना चाहिए। त्वं नमामि तुलसी देवी नारायणप्रियं सदा। पापं मे हर मे देवी पूजा च स्वीकारय॥ ऐसे कर सकते हैं तुलसी की पूजा तुलसी पूजा के लिए जरूरी चीजें – दीपक, धूप, अक्षत (चावल), रोली, जल पात्र, गंगाजल, तुलसी मंजरी। सुबह स्नान के बाद शुद्ध वस्त्र धारण करें। तुलसी के सामने दीपक और धूप जलाएं। नीचे ये मंत्र बोलें और जल चढ़ाएं: तुलस्यै नमः। तुलसी श्रीसविन्ध्याय नमः। विष्णुप्रियायै नमः। तुलसी की परिक्रमा करें।