लॉकडाउन के कारण घर में बोर हो रहे 4 बच्चे चुपके से अपने घरों से निकलकर पैदल अरावली के जंगल में गुरुकुल के पास बनी कृत्रिम झील पहुंच गए। इसके बाद दो बच्चों ने उतरकर नहाना शुरू कर दिया। झील अधिक गहरी होने के कारण दोनों बच्चों की डूबने से मौत हो गई। उनके साथियों ने परिजनों को फोन कर घटना की जानकारी दी। इसके बाद परिजन मौके पर पहुंचे और बच्चों को निकालकर दिल्ली के अस्पताल ले गए ! जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। इसकी सूचना मिलने पर फरीदाबाद पुलिस दिल्ली अस्पताल पहुंची और दोनों शवों को कब्जे में लेकर बीके अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। सोमवार को पोस्टमार्टम कर परिजनों को शव सौंप दिए गए। मृतक बच्चों की पहचान चुंगीनंबर दो, लालकुआ, नई दिल्ली निवासी समीर पुत्र सुनील (14) और अमन पुत्र जमील (11) के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक समीर आठवीं और अमन छठी क्लास में पढता था।
परिजनों को बताए बगैर निकले थे बच्चे
जानकारी के अनुसार एक ही मोहल्ले के चार बच्चे समीर, अमन, सौरभ और शाहिद एक साथ रविवार को बगैर किसी को बताए घूमने निकले थे। ये घूमते हुए पैदल यहां अरावली के जंगल में ध्रुव डेरा गुरुकुल के पास कृत्रिम झील पर पहुंच गए। दोपहर करीब एक बजे समीर और अमन झील में नहाने उतर गए। जैसे ही वह झील में उतरे डूबने लगे। बाहर खड़े सौरभ और शाहिद ने तुरंत घर फोन कर उनके परिजनों को सूचना दी। परिजन मौके पर पहुंचे और दोनों को बड़ी मुश्किल से निकालकर दिल्ली के अस्पताल पहुंचाया! जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर वीर सैन ने बताया कि उन्हें घटनी की सूचना दोपहर करीब दो बजे मिली । पुलिस जब तक मौके पर पहुंचती परिजन दोनों बच्चों को निकालकर अस्पताल ले जा चुके थे। अमन के परिजन उसे एचएएम सैंचुरी हॉस्पिटल हमदर्द नगर नई दिल्ली और समीर को सुप्रीम हॉस्पिटल ईरोज गार्डन सूरजकुंड में भर्ती कराया गया था। अस्पताल से सूचना मिलने के बाद दोनों अस्पतालो से शव लेकर बीके अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया। सोमवार को दोनों का पोस्टमार्टम कराया गया। जांच अधिकारी ने बताया कि चारों बच्चे झील में नहाने आए थे! ये सभी 11 से 14 वर्ष के थे।
रात में पुलिस दोनों बच्चों के शव लाई फरीदाबाद
अरावली के जंगल में हैं दर्जनों कृतिम झीलें| अरावली की पहाड़ियों में खनन माफिया खुदाई कर यहां से बड़ी मात्रा में पत्थर बेच चुके हैं। खुदाई के कारण वहां कृत्रिम झीलें बन गई हैं। इनकी संख्या दर्जनों में है। चूंकि बारिश व पहाड़ का पानी आने पर झीलें हरियाली के कारण सुंदर दिखती हैं। इसी कारण लोग यहां गर्मी के दिनों में मौजमस्ती करने और नहाने आ जाते हैं।
पिछले महीने भी तीन की डूबने से हुई थी मौत| जून में भी 3 लोगों की कृत्रिम झील में नहाने के दौरान डूबने से मौत हो चुकी है। दिल्ली के तुगलकाबाद निवासी सुनील (24), सत्येंद्र उर्फ बंटी (32) 9 जून की शाम नहाने के लिए अनंगपुर स्थित झील में उतरे थे। उनका साथी ललित तैरना न आने के कारण दूर बैठकर अपने दोस्तों को देख रहा था। उसी की आंखों के सामने सुनील एवं सत्येंद्र दोनों की डूबने से मौत हो गई थी। गुरुकुल के पास झील में एक किशोर की भी डूबने से मौत हो चुकी है।