चंदौली के डीडीयू (दीन दयाल उपाध्याय) मंडल में परीक्षा से पहले रेलवे का पेपर लीक हो गया। जिन अफसरों ने लोको पायलट प्रमोशन परीक्षा के पेपर बनाए थे, उन्होंने ही 6 से 9 लाख रुपए लेकर बेच दिए। इसकी सूचना सीबीआई को मिल गई। सीबीआई ने छापा मारकर दो अफसरों समेत 26 रेलकर्मियों को गिरफ्तार किया है। 6 के खिलाफ FIR दर्ज की है। किसी को शक न हो इसलिए सीबीआई टीम बुलेट से छापेमारी करने पहुंची। सीबीआई टीम सोमवार को काली महाल स्थित एक लॉज में रेड मारने गई। यहां से 9 लोको पायलटों को प्रश्न पत्र के साथ पकड़ा। इसके बाद टीम राज मैरिज लॉन और रेलवे कार्यालय गई। आरोपियों से परीक्षा के पेपर और 1.17 करोड़ रुपए बरामद हुए हैं। सीबीआई सभी आरोपियों को पूछताछ के लिए लखनऊ ले गई है। पढ़िए पूरा घटनाक्रम
डीडीयू नगर के रेलवे इंटर कॉलेज में मंगलवार को मुख्य लोको निरीक्षक के 17 पदों के लिए प्रमोशन परीक्षा होनी थी। दो माह पहले इसके आवेदन लिए गए थे। परीक्षा में शामिल होने वाले 19 लोको पायलट को नगर के काली महाल स्थित एक लॉन और सिद्धार्थपुर काॅलोनी स्थित रेलकर्मियों के घर पर ठहराया गया था। इन लोको पायलटों को परीक्षा का प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने के नाम पर 6 से 9 लाख रुपए लिए गए थे। बताया जा रहा है कि एक लोको पायलट ने ही इसकी शिकायत सीबीआई से कर दी।पड़ताल के बाद सीबीआई ने संदिग्ध रेलकर्मियों के घरों की रैकी की। सोमवार को एक साथ कई जगहों पर छापेमारी की। एक लॉन में ठहरे कुल 17 लोको पायलट को धर दबोचा। CBI ने 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। मामले में 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दो अफसरों से भी पूछताछ
इस पूरे रैकेट में रेलवे के कार्मिक विभाग के बाबू संजय मिश्रा की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। सीबीआई सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है। डीडीयू रेल मंडल कार्यालय के DEEOP (सीनियर डिवीजन इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, ऑपरेशन) सुशांत परासर को भी सीबीआई ने हिरासत में लिया है। प्रमोशन परीक्षा के पेपर उपलब्ध कराने के नाम पर एक करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन हुआ। आरोपियों के पास से सीबीआई ने परीक्षा के पेपर भी बरामद किए। सीनियर डीईई (परिचालन) सुशांत परासर के घर से साढ़े तीन लाख रुपए, सीनियर डीपीओ सुरजीत सिंह के घर से 17 लाख रुपए, संजय मिश्रा के घर से 40 लाख रुपए, नीरज वर्मा के घर से 20 लाख रुपए और बाकी धनराशि अजीत सिंह व अन्य लोगों के यहां से बरामद की। आरोपियों को नंबरों से बुला रही थी सीबीआई
सीबीआई ने मंगलवार को सभी आरोपियों से मंडल रेल कार्यालय स्थित सभागार में पूछताछ की। पूछताछ से पहले सीबीआई ने सभी आरोपियों के कपड़ों पर सफेद कागज लगाकर नंबर लिख दिए। पूछताछ के दौरान आरोपियों को नाम से नहीं, बल्कि उनके नंबरों से संबोधित किया जा रहा था। 17 अभ्यर्थियों के पास से प्रश्न-पत्र बरामद
जांच के दौरान 17 अभ्यर्थियों के पास हाथ से लिखे पेपर की फोटो कॉपी बरामद की। आरोपी सीनियर डीईई (ऑपरेशन) को परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में प्रश्न लिखे थे और इसे एक लोको पायलट को दिए थे। जिसने इसका हिंदी में अनुवाद किया और आगे एक दूसरे कर्मचारी (ओएस ट्रेनिंग) को दिया। फिर इसे कुछ अन्य रेलवे कर्मचारियों के माध्यम से प्रमोशन की परीक्षा देने आए रेलकर्मियों को दिया गया। लिपिक की संलिप्तता, हो रही पूछताछ
मामले में रेलवे के कई बड़े अधिकारियों की संलिप्तता सामने आ रही है। रेलवे के कार्मिक विभाग के बाबू संजय मिश्रा की संदिग्ध भूमिका सामने आई है। मामले में वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी सुरजीत कुमार का नाम भी जांच के घेरे में है। ड्यूटी लगाने और ट्रांसफर के लिए अलग-अलग रेट
रेलवे सूत्रों ने बताया कि पीडीडीयू नगर में रेलवे में ड्यूटी लगाने और ट्रांसफर के लिए अलग-अलग रेट तय हैं। कई साल से चल रहे इस खेल में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई है। पीडीडीयू मंडल में वर्तमान में 13 हजार से ज्यादा रेल कर्मचारी काम करते हैं। सीओ मुगलसराय आशुतोष तिवारी ने बताया कि सीबीआई लखनऊ की टीम ने मुगलसराय में कई जगहों पर छापेमारी की। टीम संदिग्धों को हिरासत में लिया है। ये खबर भी पढ़ेंः- रेलवे डिपार्टमेंटल परीक्षा में फर्जीवाड़ा: CBI ने 30 सॉल्वर दबोचे:19 लोको पायलट शामिल, दो अधिकारी समेत 26 गिरफ्तार, करोड़ों रुपए बरामद पंडित दीनदयाल उपाध्याय (पीडीडीयू) रेल मंडल की डिपार्टमेंटल परीक्षा के दौरान बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। लखनऊ से आई सीबीआई की टीम ने चंदौली के एक मैरिज लॉन से करीब 30 सॉल्वर्स को हिरासत में लिया है। आरोप है कि ये सभी मंगलवार को होने वाली डिपार्टमेंटल परीक्षा में दूसरे की जगह एग्जाम दे रहे थे। पढ़ें पूरी खबर…
डीडीयू नगर के रेलवे इंटर कॉलेज में मंगलवार को मुख्य लोको निरीक्षक के 17 पदों के लिए प्रमोशन परीक्षा होनी थी। दो माह पहले इसके आवेदन लिए गए थे। परीक्षा में शामिल होने वाले 19 लोको पायलट को नगर के काली महाल स्थित एक लॉन और सिद्धार्थपुर काॅलोनी स्थित रेलकर्मियों के घर पर ठहराया गया था। इन लोको पायलटों को परीक्षा का प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने के नाम पर 6 से 9 लाख रुपए लिए गए थे। बताया जा रहा है कि एक लोको पायलट ने ही इसकी शिकायत सीबीआई से कर दी।पड़ताल के बाद सीबीआई ने संदिग्ध रेलकर्मियों के घरों की रैकी की। सोमवार को एक साथ कई जगहों पर छापेमारी की। एक लॉन में ठहरे कुल 17 लोको पायलट को धर दबोचा। CBI ने 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। मामले में 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दो अफसरों से भी पूछताछ
इस पूरे रैकेट में रेलवे के कार्मिक विभाग के बाबू संजय मिश्रा की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। सीबीआई सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है। डीडीयू रेल मंडल कार्यालय के DEEOP (सीनियर डिवीजन इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, ऑपरेशन) सुशांत परासर को भी सीबीआई ने हिरासत में लिया है। प्रमोशन परीक्षा के पेपर उपलब्ध कराने के नाम पर एक करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन हुआ। आरोपियों के पास से सीबीआई ने परीक्षा के पेपर भी बरामद किए। सीनियर डीईई (परिचालन) सुशांत परासर के घर से साढ़े तीन लाख रुपए, सीनियर डीपीओ सुरजीत सिंह के घर से 17 लाख रुपए, संजय मिश्रा के घर से 40 लाख रुपए, नीरज वर्मा के घर से 20 लाख रुपए और बाकी धनराशि अजीत सिंह व अन्य लोगों के यहां से बरामद की। आरोपियों को नंबरों से बुला रही थी सीबीआई
सीबीआई ने मंगलवार को सभी आरोपियों से मंडल रेल कार्यालय स्थित सभागार में पूछताछ की। पूछताछ से पहले सीबीआई ने सभी आरोपियों के कपड़ों पर सफेद कागज लगाकर नंबर लिख दिए। पूछताछ के दौरान आरोपियों को नाम से नहीं, बल्कि उनके नंबरों से संबोधित किया जा रहा था। 17 अभ्यर्थियों के पास से प्रश्न-पत्र बरामद
जांच के दौरान 17 अभ्यर्थियों के पास हाथ से लिखे पेपर की फोटो कॉपी बरामद की। आरोपी सीनियर डीईई (ऑपरेशन) को परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में प्रश्न लिखे थे और इसे एक लोको पायलट को दिए थे। जिसने इसका हिंदी में अनुवाद किया और आगे एक दूसरे कर्मचारी (ओएस ट्रेनिंग) को दिया। फिर इसे कुछ अन्य रेलवे कर्मचारियों के माध्यम से प्रमोशन की परीक्षा देने आए रेलकर्मियों को दिया गया। लिपिक की संलिप्तता, हो रही पूछताछ
मामले में रेलवे के कई बड़े अधिकारियों की संलिप्तता सामने आ रही है। रेलवे के कार्मिक विभाग के बाबू संजय मिश्रा की संदिग्ध भूमिका सामने आई है। मामले में वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी सुरजीत कुमार का नाम भी जांच के घेरे में है। ड्यूटी लगाने और ट्रांसफर के लिए अलग-अलग रेट
रेलवे सूत्रों ने बताया कि पीडीडीयू नगर में रेलवे में ड्यूटी लगाने और ट्रांसफर के लिए अलग-अलग रेट तय हैं। कई साल से चल रहे इस खेल में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई है। पीडीडीयू मंडल में वर्तमान में 13 हजार से ज्यादा रेल कर्मचारी काम करते हैं। सीओ मुगलसराय आशुतोष तिवारी ने बताया कि सीबीआई लखनऊ की टीम ने मुगलसराय में कई जगहों पर छापेमारी की। टीम संदिग्धों को हिरासत में लिया है। ये खबर भी पढ़ेंः- रेलवे डिपार्टमेंटल परीक्षा में फर्जीवाड़ा: CBI ने 30 सॉल्वर दबोचे:19 लोको पायलट शामिल, दो अधिकारी समेत 26 गिरफ्तार, करोड़ों रुपए बरामद पंडित दीनदयाल उपाध्याय (पीडीडीयू) रेल मंडल की डिपार्टमेंटल परीक्षा के दौरान बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। लखनऊ से आई सीबीआई की टीम ने चंदौली के एक मैरिज लॉन से करीब 30 सॉल्वर्स को हिरासत में लिया है। आरोप है कि ये सभी मंगलवार को होने वाली डिपार्टमेंटल परीक्षा में दूसरे की जगह एग्जाम दे रहे थे। पढ़ें पूरी खबर…