चंद सेकेंड में आग का गोला बन सकती है कार:न रखें ये चीजें, हो सकता है धमाका; इन सावधानियों से बच सकती है जान

देशभर में हाल के दिनों में चलती कारों में अचानक आग लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। मध्यप्रदेश के शाजापुर से लेकर राजस्थान के भीलवाड़ा, हरिद्वार के रुड़की, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला तक, देश के अलग-अलग कोनों से ऐसी खबरें आ रही हैं। जहां चंद सेकेंड में ही गाड़ी धधकती आग का गोला बन गई। ये घटनाएं न सिर्फ लोगों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि वाहनों की तकनीकी खामियों और देखरेख की अनदेखी की ओर भी इशारा करती हैं। इन घटनाओं की तह में जाकर कारणों को समझना और समय रहते समाधान खोजना बेहद जरूरी हो गया है। वरना आने वाले वक्त में ऐसी दुर्घटनाएं और जानलेवा हो सकती हैं। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि चलती कारों में आग की घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: टूटू धवन, ऑटो एक्सपर्ट, नई दिल्ली आगे बढ़ने से पहले इस ग्राफिक की मदद से देखिए कि हाल ही में चलती कार में आग लगने की घटनाएं किन-किन जगहों पर हुईं। सवाल- चलती कार में आग लगने का कारण क्या है?
जवाब- ऑटो एक्सपर्ट टूटू धवन बताते हैं कि कार में आग लगने की सबसे बड़ी वजह इलेक्ट्रिकल वायरिंग में गड़बड़ी और फ्यूल लीकेज होती है। अगर कार की सर्विसिंग समय पर न हो या कोई लोकल गैरेज से आफ्टरमार्केट फिटिंग कराई गई हो तो आग लगने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसके अलावा कई बार लोग सस्ते इलेक्ट्रॉनिक एक्सेसरीज या अनट्रेंड टेक्नीशियन से CNG किट या साउंड सिस्टम जैसी फिटिंग्स करवा लेते हैं। इससे वायरिंग में शॉर्ट सर्किट हो सकता है। वहीं फ्यूल टैंक या पाइप में हल्का सा भी रिसाव अगर इंजन की गर्मी के संपर्क में आ जाए तो आग लग सकती है। कुछ और कारण भी हैं। इन्हें आप ग्राफिक में देख सकते हैं। सवाल- कार में रखे पावर बैंक, लैपटॉप, परफ्यूम, सैनिटाइजर जैसी चीजें क्या खतरा बढ़ा सकती हैं?
जवाब- गर्मी में बंद कार, एक चलता-फिरता ओवन बन जाती है। ऐसे में कार में पावर बैंक, लैपटॉप, परफ्यूम और सैनिटाइजर गर्मी के मौसम में खतरा बढ़ा सकती हैं। इसका कारण इन पॉइंट्स से समझिए- पावर बैंक और लैपटॉप (बैटरी वाले डिवाइस) ये डिवाइस लिथियम आयन बैटरी से चलते हैं, जो अधिक तापमान में ओवरहीट होकर फट सकती हैं या उनमें आग लग सकती है। अगर कार बंद है और पार्क की गई है तो अंदर का तापमान तेजी से 50-60°C या उससे ज्यादा हो सकता है, जो बैटरी के लिए बहुत खतरनाक है। परफ्यूम परफ्यूम में एल्कोहल होता है, जो ज्वलनशील (flammable) होता है। गर्मी में परफ्यूम की बोतल पर दबाव बढ़ सकता है और वह फट सकती है या उसमें से गैस निकलकर आग पकड़ सकती है, अगर कोई स्पार्क हो। सैनिटाइजर इनमें भी 70% या उससे अधिक अल्कोहल होता है, जो बहुत ज्वलनशील होता है। सीधे धूप या गर्मी में छोड़ना आग लगने का कारण बन सकता है। सवाल- ड्राइविंग के दौरान कार में आग न लगे, इसके लिए कौन-कौन सी सावधानियां जरूरी हैं? जवाब- चलती कार में आग लगना बहुत खतरनाक हो सकता है, लेकिन कुछ सावधानियों से इस खतरे को काफी हद तक टाला जा सकता है। नीचे दिए गए पॉइंट्स ध्यान में रखें। सवाल- क्या वाहन का ज्यादा पुराना होना आग लगने की वजह बन सकता है? जवाब- समय के साथ गाड़ियों की वायरिंग, फ्यूल लाइन, इंजन और इलेक्ट्रिकल सिस्टम कमजोर हो जाते हैं। अगर इनकी ठीक से सर्विसिंग और रिप्लेसमेंट न की जाए तो शॉर्ट सर्किट या फ्यूल लीकेज की वजह से आग लग सकती है। सवाल- भारत सरकार ने पुराने वाहनों को लेकर क्या नियम तय किए हैं? जवाब- 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल कारें दिल्ली-NCR जैसे क्षेत्रों में बैन हैं। राष्ट्रीय स्तर पर 20 साल पुरानी निजी गाड़ियों और 15 साल पुरानी कॉमर्शियल वाहनों को फिटनेस टेस्ट में पास होना जरूरी है। इस टेस्ट में फेल होने पर गाड़ी स्क्रैप के लिए जब्त की जा सकती है। इसलिए अगर वाहन ज्यादा पुराना है और उसकी नियमित देखभाल नहीं की गई है तो सिर्फ कानूनी रूप से नहीं, सुरक्षा के लिहाज से भी वह खतरनाक हो सकता है। सवाल- क्या CNG या इलेक्ट्रिक कारों में आग लगने का जोखिम ज्यादा होता है? जवाब- अगर CNG किट ठीक से नहीं लगाई गई हो या गाड़ी की सही देखभाल ना हो रही हो तो आग लगने का खतरा बढ़ जाता है। जैसे– दिसंबर 2022 में मध्यप्रदेश के रीवा में एक हादसे के बाद CNG टैंक में आग लग गई थी और दो लोगों की जान चली गई थी। हालांकि अगर CNG या इलेक्ट्रिक कार की समय पर सर्विस कराई जाए और भरोसेमंद (ऑथराइज्ड) सर्विस सेंटर से देखभाल कराई जाए तो आग लगने का खतरा बहुत कम हो जाता है। …………………….. जरूरत की ये खबर भी पढ़ें… जरूरत की खबर- क्रिकेटर मुशीर खान का कार एक्सीडेंट:क्या 5 स्टार रेटिंग है सेफ, कैसे देखें सेफ्टी-रेटिंग, कार लेने से पहले क्या चेक करें ज्यादातर लोग कार खरीदते समय सबसे पहले उसका लुक, माइलेज और कीमत देखते हैं, लेकिन कार खरीदते समय उसकी सेफ्टी रेटिंग जरूर देखनी चाहिए। इस रेटिंग के लिए कारों को कई तरह के टेस्ट से गुजरना पड़ता है। पूरी खबर पढ़िए…