चीन की कंपनी ने अमेरिका की एपल पर किया पेटेंट चोरी का मुकदमा, मांगा 1.43 अरब डॉलर का हर्जाना

अमेरिका का आरोप है कि चीन उसकी टेक्नोलॉजी चुराता है। लेकिन चीन की एक कंपनी ने अमेरिका की एप्पल पर टेक्नोलॉजी चोरी करने का मुकदमा किया है और हर्जाने की मांग की है। एपल दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी है।

चीन की आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस कंपनी शंघाई झिंझेन इंटेलीजेंट नेटवर्क टेक्नोलॉजी कंपनी (शियाओआई) ने एपल इंक पर उसके पेटेंट को चुराने का मुकदमा किया है। शियाओआई ने एपल से 1.43 अरब डॉलर का हर्जाना मांगा है। शियाओआई ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उसने एपल से पेटेंट चोरी वाले उत्पादों को बनाना, उपयोग करना, बेचने का वादा करना, बेचना और आयात करना बंद करने की भी मांग की है।

शियाओआई को वॉयस रिकग्नीशन टेक्नोलॉजी का पेटेंट 2009 में मिला था

इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक शियाओआई ने कहा है कि एपल ने अपनी वॉयस रिकग्नीशन टेक्नोलॉजी सिरि में उसके पेटेंट की चोरी की है। शियाओआई ने वॉयस रिकग्नीशन टेक्नोलॉजी के पेटेंट के लिए 2004 में आवेदन किया था। यह पेटेंट उसे 2009 में मिल गया था।

करीब एक दशक पुरानी है पेटेंट की यह लड़ाई

शियाओआई का यह मुकदमा करीब एक दशक पुरानी लड़ाई का हिस्सा है। शियाओआई ने पहली बार 2012 में एपल पर उसकी वॉयस रिकग्नीशन टेक्नोलॉजी चुराने का मुकदमा किया था। जुलाई में चीन के सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट ने शियाओआई के पेटेंट को सही ठहराया था।

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चीन की आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस कंपनी शिआओआई ने मांग की है कि एपल पेटेंट चोरी वाले उत्पादों का कारोबार करना बंद करे