चीन की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी वाले एआईआईबी से भारत की 8 अरब डॉलर की हेल्थ इंफ्रा परियोजना को मिल सकता है फंड

देश की 8 अरब डॉलर की एक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर योजना को एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) से लोन मिल सकता है। विश्व बैंक या एशियाई विकास बैंक की तरह एआईआईबी भी एक अंतरराष्ट्र्रीय बैंक है। इसमें चीन की सबसे ज्यादा 26.63 फीसदी हिस्सेदारी है।

एआईआईबी के वाइस प्रेसिडेंट डीके पांडियन ने कहा कि परियोजना की फंडिंग के लिए चीन में मुख्यालय रखने वाला यह बैंक भारत सरकार से बात कर रहा है। इस योजना के तहत देश के हर जिले में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्र्रक्चर को बेहतर बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में किसी भी स्वास्थ्य संकट से बहतर तरीके से निपटा जा सके। विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक भी इस परियोजना को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय से बात कर रहे हैं।

इसी साल एआईआईबी के लोन को मिल सकती है मंजूरी

उन्होंने कहा कि यदि सब कुछ सही रहा, तो इसी साल एआईआईबी के लोन को सरकार की मंजूरी मिल सकती है।
चीन के बीजिंग में मुख्यालय रखने वाला यह बैंक पहले भी भारत को कोरोनावायरस से निपटने के लिए 1.2 अरब डॉलर का लोन दे चुका है।

भारत भी बैंक का संस्थापक सदस्य

भारत के पास एआईआईबी की दूसरी सबसे बड़ी 7.65 फीसदी हिस्सेदारी है। इस बहुपक्षीय बैंक की स्थापना 2016 में हुई थी। चीन के बीजिंग में इस बैंक का मुख्यालय है। भारत भी इस बैंक का संस्थापक सदस्य है।

एआईआईबी ने सबसे ज्यादा कर्ज भारत को दिया है

एआईआईबी ने अब तक सबसे ज्यादा 25 फीसदी कर्ज भारत को दिया है। स्थापना के बाद से एआईआईबी ने 16 जुलाई 2020 तक 24 अर्थव्यवस्थाओं की 87 परियोजनाओं के लिए कुल 19.6 अरब डॉलर के कर्ज को मंजूरी दी है। इसमें से एआईआईबी ने 4.3 अरब डॉलर का कर्ज भारत की 17 परियोजनाओं के लिए मंजूर किया है।

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हर जिले में हेल्थ इंफ्रास्ट्र्रक्चर को बेहतर बनाने वाली इस परियोजना की फंडिंग के लिए एआईआईबी भारत सरकार से बात कर रहा है