चीन के इनर मंगोलिया में ब्यूबोनिक प्लेग फैला; WHO ने कहा- हालात पर हमारी नजर, अभी पैनिक जैसा कुछ नहीं

कोरोना के बीच चीन में नया खतरा बढ़ रहा है। चीन में ब्यूबोनिकप्लेग के मामले सामने आए हैं। इसे ‘काली मौत’के नाम से भी जाना जाता है, जो चूहों से फैलता है। चीन के इनर मंगोलिया में इसका मामला सामने आने के बाद चेतावनी जारी की गई है। इसके मुताबिक, नवम्बर 2019 में इसके4 मामले सामने आए थे जिसमें प्लेग के 2 खतरनाक स्ट्रेन मिले थे। इसे न्यूमोनिक प्लेग कहा गया था। गुजरात के सूरत में सितंबर 1994 में इसी तरह का प्लेग फैला था।

माना जाता है कि उन्नीसवीं सदी में यहीप्लेगचीन के यून्नानप्रांत से दुनियाभर में फैला था।1894 के दौरानयून्नान के अफीमके व्यापार केंद्रों से यह प्लेगदुनिया में फैला था।डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, 2010 से 2015 के बीच दुनियाभर में प्लेग के 3,248 मामले सामने आए और 584 मौते हुईं।

चीन में प्लेग का मामला सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। WHOकी प्रवक्ता मार्गेट हेरिस ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया, चीन और मंगोलिया प्रशासन के साथ मिलकर हम लगातार इस पर नजर रख रहे हैं। अभी हमें नहीं लगता कि ब्यूबोनिक प्लेग का खतरा ज्यादा है लेकिन,सावधानी बरतते हुए मॉनिटरिंग की जा रही है और पैनिक जैसी कोई बात नहीं है।

6 पॉइंट : क्या है बबोनिक प्लेग और कैसे फैलता है

#1)क्या है ब्यूबोनिक प्लेग/ ब्लैक डेथ?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, यह एक संक्रामक बीमारी है जो येरसीनिया पेस्टिस नाम केबैक्टीरिया से फैलताहै। यह बैक्टीरिया चूहे के शरीर में चिपके परजीवी पिस्सू में पाया जाता है। संक्रमण ज्यादा हो जाए तो येबीमारी जानलेवा हो जाती है।

प्लेग दो तरह का होता है – न्यूमोनिक और ब्यूबोनिक। सामान्य तौर पर होने वाले प्लेग को ब्यूबोनिक प्लेग कहते हैं, लेकिन जब इसका बैक्टीरिया फेफड़ों तक पहुंचता है तो हालत गंभीर हो जाती है, इस स्थिति को न्यूमोनिक प्लेग कहा जाता है।

#2) शरीर में कैसे इसका संक्रमण फैलता है?
WHO के मुताबिक, चूहों के शरीर पर पलने वाले कीटाणुओं की वजह से प्लेग की बीमारी फैलती है। चूहों के आसपास होने पर संक्रमण का खतरा बढ़ता है। प्लेग के मरीज की सांस और थूक के के संपर्क में आने वाले लोगों में भी प्लेग के बैक्टीरिया का संक्रमण हो सकता है।
शरीर में पहुंचने के बाद येरसीनिया पेस्टिस बैक्टीरिया शरीर में लिम्फेटिक सिस्टम में रहता है और यहां अपनी संख्या को बढ़ाता है। लिम्फ नोड में सूजन और दर्द होता है, इस स्थिति को ब्यूबो कहते हैं।

#3) कैसे पहचानें प्लेग से जूझ रहे हैं?
इसके कुछ कोरोना जैसे होते हैं।प्लेग की बीमारी पनपने में एक से सात दिन लग सकते हैं। इस दौरान बुखार, ठंड लगना, पूरे शरीर में दर्द रहना, कमजोरी महसूस करना, उल्टी आना जैसे इसके लक्षण दिखते हैं।

  • ब्यूबोनिक प्लेग: जब इसका बैक्टीरिया शरीर में संक्रमण फैलाता है तो लिम्फग्रंथियों में सूजन आ जाती है और बुखार रहता है। ज्यादातर इसके मामले सामने आते हैं। चीन में ब्यूबोनिक प्लेग का मामला सामने आया है।
  • न्यूमोनिक प्लेग: इसके मामले कम ही देखने में आते हैं। इसके बैक्टीरिया का संक्रमण होने पर सांस लेने में तकलीफ होने के साथ खांसी आती है।

#4) प्लेग में मौत का खतरा कितना?
ब्यूबोनिक प्लेग में मौत का खतरा 30 से 60 फीसदी तक होता है, जबकि न्यूमोनिक प्लेग के मामले में इलाज न मिलने पर मौत हो सकती है। दोनों ही मामलों में अगर लक्षण दिखने के 24 घंटे में इलाज शुरू हो जाए तो रिकवरी तेज हो सकती है। स्ट्रेप्टोमाइसिन और टेट्रासायक्लाइन जैसी दवाइयों से प्लेग का प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है।

#5) क्या यह बैक्टीरिया इंसान से इंसान में फैलता है?
एक संक्रमित इंसान से दूसरे इंसान में ड्रॉपलेट्स के जरिए तभी फैलता है जब न्यूमोनिक प्लेग होता है। इलाज के तौर परमरीज को एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं।

#6) क्यामृतक के शरीर से प्लेग फैलने का खतरा है?
मरीज की मौत के बाद भी उसके शरीर के सम्पर्क में आने पर संक्रमण का खतरा रहता है। जब तक मृतक के शरीर में तरल (लिक्विड) मौजूद है, बैक्टीरिया संक्रमण फैला सकता है।

सोशल मीडिया पर चीन की खिंचाई शुरू
चीन में पहले कोरोना और हंता फिर स्वाइन फ्लू का वायरस G4 मिलने के बाद सोशल मीडिया पर चीन की खिंचाई की जा रही है।लोग मीम्स शेयर कर रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है चीन लोगों तक बीमारियां पहुंचा रहा है।

##

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


The risk of bubonic plague in Inner Mongolia province of China, this infection spread by mice is also called “black death”