चीन ने कीमती मेटल्स की सप्लाई रोकी:गाड़ी, हथियार, एयरक्राफ्ट पर बड़ा असर; अब ट्रम्प बोले- इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर भी टैरिफ लगाऊंगा

चीन ने अमेरिका के साथ बढ़ते ट्रेड वॉर के बीच 7 कीमती धातुओं (रेयर अर्थ मैटेरियल) और चुम्बकों के निर्यात पर रोक लगा दी है। कीमती धातुओं में समेरियम, गैडोलीनियम, टरबियम, डिसप्रोसियम, लुटेशियम, स्कैंडियम और यिट्रियम शामिल हैं। इसके साथ ही चीन ने कार, ड्रोन से लेकर रोबोट और मिसाइलों तक असेंबल करने के लिए जरूरी चुंबकों की शिपमेंट को चीनी पोर्ट्स पर भी रोक दी है। ये सामग्रियां ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर, और एयरोस्पेस उद्योगों के लिए बेहद अहम हैं। चीन के इस फैसले से दुनियाभर में मोटरवाहन, एयरक्राफ्ट, सेमीकंडक्टर और हथियार बनाने वाली कंपनियों पर असर पड़ेगा। चीन ने 4 अप्रैल को 7 कीमती धातुओं के निर्यात पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। आदेश के मुताबिक ये कीमती धातुएं और उनसे बने विशेष चुंबर सिर्फ स्पेशल परमिट के साथ ही चीन से बाहर भेजे जा सकते हैं। अमेरिका इलेक्ट्रॉनिक चीजों पर अलग से टैरिफ लगाएगा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को घोषणा कर कहा कि स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स को जैसे को तैसा टैरिफ से छूट दी गई है, लेकिन यह कुछ ही समय के लिए है। उन्होंने सेमीकंडक्टर सेक्टर और पूरी इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन पर राष्ट्रीय सुरक्षा टैरिफ के तहत जांच शुरू करने का ऐलान किया। ट्रम्प ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि इन इलेक्ट्रॉनिक्स चीजों पर अलग से टैरिफ लगाया जाएगा। इससे पहले अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक ने कहा था कि स्मार्टफोन और कंप्यूटर समेत दूसरे इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं को दी गई छूट अस्थायी है। उन्होंने कहा कि अगले 2 महीनों के भीतर इन चीजों पर एक अलग टैरिफ लगाने का प्लान है। इसकी घोषणा बाद में की जाएगी। लुटनिक ने कहा कि नए शुल्क राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लगाए जाएंगे, ताकि इन प्रोडक्ट का प्रोडक्शन अमेरिका में हो सके। इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर छूट से अमेरिकी टेक कंपनियों को राहत अमेरिकी कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) की तरफ से शनिवार को नोटिस जारी कर कहा गया था कि स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स को रेसिप्रोकल टैरिफ से छूट दी गई है। इस फैसले को कई अमेरिकी टेक कंपनियों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। पिछले हफ्ते ट्रम्प की टैरिफ नीति में लगातार बदलाव से वॉल स्ट्रीट में 2020 की कोविड महामारी के बाद से सबसे बड़ी उथल-पुथल देखी गई। स्टैंडर्ड एंड पूअर्स 500 इंडेक्स 20 जनवरी को ट्रम्प के सत्ता में आने के बाद से 10% से ज्यादा गिर गया। ट्रम्प के 145% के जवाब में चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को अमेरिकी आयात पर अपने टैरिफ को भी 125% तक बढ़ा दिया था। हालांकि चीन की कॉमर्स मिनिस्ट्री ने रविवार को अमेरिका से अपील की थी कि वह रेसिप्रोकल टैरिफ पूरी तरह से खत्म कर दे। चीन बोला- जिसने शेर के गले में घंटी बांधी वही खोले चीनी मंत्रालय ने कहा था कि शेर के गले में बंधी घंटी को सिर्फ वही इंसान खोल सकता है जिसने उसे बांधा है। अमेरिका अपनी गलतियों को सुधारने के लिए एक बड़ा कदम उठाए। रेसिप्रोकल टैरिफ की गलत प्रथा को पूरी तरह से रद्द करे और आपसी सम्मान के रास्ते पर लौट आए। चीन ने यह भी कहा था कि वो अभी इलेक्ट्रॉनिक्स सामान को टैरिफ के दायरे से बाहर रखने के फैसले का मूल्यांकन कर रहा है, क्योंकि अभी भी ज्यादातर चीनी सामान पर 145% टैरिफ लग रहा है। चीन ने कहा था- झुकने के बजाय आखिर तक लड़ेंगे अमेरिका के साथ चल रहे टैरिफ वॉर के बीच चीन ने कुछ दिन पहले कहा था कि वह अमेरिका के आगे ‘जबरदस्ती’ झुकने के बजाय आखिर तक लड़ना चुनेगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन उकसावे से नहीं डरता, वह पीछे नहीं हटेगा। माओ निंग ने सोशल मीडिया पर कई सारे पोस्ट शेयर किए थे। इसमें एक पूर्व चीनी नेता माओ जेदोंग का भी वीडियो था। उसमें माओ कह रहे हैं- हम चीनी हैं। हम उकसावे से नहीं डरते। हम पीछे नहीं हटते। यह वीडियो 1953 का है जब कोरियाई जंग में चीन और अमेरिका अप्रत्यक्ष तौर पर आमने-सामने थे। वीडियो में माओ कहते हैं- यह जंग कब तक चलेगी, यह हम नहीं तय कर सकते। यह राष्ट्रपति ट्रूमैन या फिर आइजनहावर या फिर जो नया राष्ट्रपति बनेगा, उस पर निर्भर करता है। चाहे यह जंग कितनी भी लंबी क्यों न चले, हम कभी भी नहीं झुकेंगे। हम तब तक लड़ेंगे जब तक हम पूरी तरह से जीत नहीं जाते। माओ निंग ने एक दूसरे पोस्ट में एक तस्वीर शेयर की थी। इसमें यह बताया गया है कि कीमत मंहगी होने के बाद भी अमेरिकी चीनी सामान ही खरीदेंगे। चीन नई इंडस्ट्री व इनोवेशन बढ़ाने पर जोर दे रहा चीन के पास अमेरिका के करीब 600 अरब पाउंड (करीब 760 अरब डॉलर) के सरकारी बॉन्ड हैं। मतलब ये कि चीन के पास अमेरिकी इकोनॉमी को प्रभावित करने की बड़ी ताकत है। वहीं, चीन ने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है। चीन ने 1.9 लाख करोड़ डॉलर का अतिरिक्त लोन इंडस्ट्रियल सेक्टर को दिया है। इससे यहां फैक्ट्रियों का निर्माण और अपग्रेडेशन तेज हुआ। हुआवेई ने शंघाई में 35,000 इंजीनियरों के लिए एक रिसर्च सेंटर खोला है, जो गूगल के कैलिफोर्निया हेडक्वार्टर से 10 गुना बड़ा है। इससे टेक्नोलॉजी और इनोवेशन कैपेसिटी तेज होगी। ———————————– यह खबर भी पढ़ें… ट्रम्प ने स्मार्टफोन-कंप्यूटर से रेसिप्रोकल टैरिफ हटाया:सेमीकंडक्टर, सोलर सेल और मेमोरी कार्ड को भी छूट; फैसले से अमेरिकी टेक कंपनियों को राहत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट को रेसिप्रोकल (जैसे को तैसा) टैरिफ से छूट दे दी। यह घोषणा ऐसे वक्त पर की गई, जब कुछ दिन पहले ही अमेरिका ने विदेशी वस्तुओं पर एक सदी में सबसे ज्यादा टैरिफ लगाया था। यहां पढ़ें पूरी खबर…