भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में लगातार 3 मुकाबले जीत कर सेमीफाइनल में एंट्री कर ली है। 4 मार्च को नॉकआउट में टीम का सामना ऑस्ट्रेलिया से होगा। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को वनडे वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल में हराया था। हालांकि, अब मुकाबला दुबई में है, जहां स्पिन हावी है। ऐसे में भारत को 3 एडवांटेज मिल सकते हैं। एडवांटेज-1: पिच दुबई में सेमीफाइनल, भारत यहां एक भी मैच नहीं हारा
भारत चैंपियंस ट्रॉफी में हाइब्रिड मॉडल के तहत अपने सभी मैच दुबई में खेल रहा है। टीम को एक जगह पर खेलने का फायदा भी मिल रहा है। टीम को ट्रैवल नहीं करना पड़ रहा, प्लेइंग-11 सिलेक्शन में आसानी हो रही। प्लेयर्स एक ही जगह, एक ही होटल में रह रहे हैं। इतना ही नहीं, एक ही मैदान पर प्रैक्टिस भी कर रहे हैं। दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में टीम इंडिया का वनडे रिकॉर्ड ओवरऑल काफी शानदार है। यहां भारत ने 9 वनडे खेले और एक भी नहीं गंवाया। भारत को 8 में जीत मिली, जबकि एक मैच टाई रहा। हालांकि, टीम यहां पहली बार ऑस्ट्रेलिया का सामना करेगी। हालांकि, दोनों टीमों के बीच ICC टूर्नामेंट के 8 मैच खेले गए। 4 में भारत और 4 में ऑस्ट्रेलिया को जीत मिली। इसलिए कंगारुओं से कड़ी चुनौती मिल सकती है। धीमी पिच होने की वजह से 250 प्लस स्कोर नहीं बने रहे
दुबई में अब तक चैंपियंस ट्रॉफी के तीन मैच हुए। धीमी पिच होने की वजह से तीनों मैचों में 250 प्लस स्कोर नहीं बने। पिच स्लो होने की वजह से ही भारतीय स्पिनर को सेमीफाइनल में इसका फायदा मिल सकता है। एडवांटेज-2: टीम में पास 5 स्पेशलिस्ट स्पिनर भारतीय स्पिनर्स की इकोनॉमी 5 से कम
दुबई की धीमी पिच भारत ने 3 मैच में 4 स्पिनर्स को मौके दिए। कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और रवींद्र जडेजा ने तीनों मैच खेले। 5 से कम की इकोनॉमी से रन खर्च किए और 9 विकेट लिए। वरुण चक्रवर्ती को न्यूजीलैंड के खिलाफ मौका मिला, उन्होंने मौके को भुनाया और महज 4.20 की इकोनॉमी से रन खर्च कर 5 विकेट झटक लिए। न्यूजीलैंड के खिलाफ वरुण को तेज गेंदबाज हर्षित राणा की जगह मौका मिला था। टीम ने मोहम्मद शमी और हार्दिक पंड्या के रूप में 2 पेसर्स खिलाए थे। स्क्वॉड में वॉशिंगटन सुंदर के रूप में पांचवां स्पिनर भी मौजूद है, जो बैटिंग भी कर लेते हैं। हालांकि, 4 स्पिनर्स के प्लेइंग-11 में होते हुए पांचवें प्लेयर का शामिल होना मुश्किल है। ऑस्ट्रेलिया में अनुभवी स्पिनर्स की कमी
टीम इंडिया में जहां 5 स्पेशलिस्ट स्पिनर हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया में एडम जम्पा के रूप में 1 ही अनुभवी स्पिनर है। स्क्वॉड में तनवीर संघा भी हैं, लेकिन उन्हें 3 ही वनडे का अनुभव है। इन 2 के अलावा टीम में मार्नस लाबुशेन, ग्लेन मैक्सवेल, कूपर कोनोली, ट्रैविस हेड और स्टीव स्मिथ के रूप में 5 पार्ट टाइम स्पिनर जरूर हैं। हालांकि, भारत के खिलाफ जम्पा का साथ देने के लिए ऑस्ट्रेलिया को किसी अनुभवी और स्पेशलिस्ट स्पिनर की ही जरूरत पड़ेगी। एडवांटेज-3: धीमी पिच पर 2 इंडियन बैटर्स ने सेंचुरी लगाई टीम इंडिया के बैटर्स फार्म में हैं। 3 मैचों में 2 शतक और 2 अर्धशतक लगे। शुभमन गिल (101* रन) ने बांग्लादेश के खिलाफ तो विराट कोहली (100* रन) ने पाकिस्तान के खिलाफ सेंचुरी लगाकर टीम को जीत दिलाई थी। वहीं श्रेयस अय्यर ने पाकिस्तान और न्यूजीलैंड दोनों के खिलाफ अर्धशतक लगाए। ऑस्ट्रेलिया के बैटर्स को तेज पिच की आदत
ऑस्ट्रेलिया अब तक टूर्नामेंट में एक ही मैच खेल सका। टीम ने लाहौर में इंग्लैंड के खिलाफ 350 प्लस रन का टारगेट चेज किया था। जोश इंग्लिस के शतक के दम पर टीम को जीतने में परेशानी नहीं हुई। अफगानिस्तान और साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम के बाकी दोनों मैच बारिश में धुल गए। अब टीम दुबई की धीमी पिच पर उतरेगी, जहां बैटर्स को परेशानी हो सकती है। क्योंकि टूर्नामेंट से ठीक पहले टीम को श्रीलंका में धीमी पिच पर ही वनडे सीरीज गंवानी पड़ी थी।
भारत चैंपियंस ट्रॉफी में हाइब्रिड मॉडल के तहत अपने सभी मैच दुबई में खेल रहा है। टीम को एक जगह पर खेलने का फायदा भी मिल रहा है। टीम को ट्रैवल नहीं करना पड़ रहा, प्लेइंग-11 सिलेक्शन में आसानी हो रही। प्लेयर्स एक ही जगह, एक ही होटल में रह रहे हैं। इतना ही नहीं, एक ही मैदान पर प्रैक्टिस भी कर रहे हैं। दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में टीम इंडिया का वनडे रिकॉर्ड ओवरऑल काफी शानदार है। यहां भारत ने 9 वनडे खेले और एक भी नहीं गंवाया। भारत को 8 में जीत मिली, जबकि एक मैच टाई रहा। हालांकि, टीम यहां पहली बार ऑस्ट्रेलिया का सामना करेगी। हालांकि, दोनों टीमों के बीच ICC टूर्नामेंट के 8 मैच खेले गए। 4 में भारत और 4 में ऑस्ट्रेलिया को जीत मिली। इसलिए कंगारुओं से कड़ी चुनौती मिल सकती है। धीमी पिच होने की वजह से 250 प्लस स्कोर नहीं बने रहे
दुबई में अब तक चैंपियंस ट्रॉफी के तीन मैच हुए। धीमी पिच होने की वजह से तीनों मैचों में 250 प्लस स्कोर नहीं बने। पिच स्लो होने की वजह से ही भारतीय स्पिनर को सेमीफाइनल में इसका फायदा मिल सकता है। एडवांटेज-2: टीम में पास 5 स्पेशलिस्ट स्पिनर भारतीय स्पिनर्स की इकोनॉमी 5 से कम
दुबई की धीमी पिच भारत ने 3 मैच में 4 स्पिनर्स को मौके दिए। कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और रवींद्र जडेजा ने तीनों मैच खेले। 5 से कम की इकोनॉमी से रन खर्च किए और 9 विकेट लिए। वरुण चक्रवर्ती को न्यूजीलैंड के खिलाफ मौका मिला, उन्होंने मौके को भुनाया और महज 4.20 की इकोनॉमी से रन खर्च कर 5 विकेट झटक लिए। न्यूजीलैंड के खिलाफ वरुण को तेज गेंदबाज हर्षित राणा की जगह मौका मिला था। टीम ने मोहम्मद शमी और हार्दिक पंड्या के रूप में 2 पेसर्स खिलाए थे। स्क्वॉड में वॉशिंगटन सुंदर के रूप में पांचवां स्पिनर भी मौजूद है, जो बैटिंग भी कर लेते हैं। हालांकि, 4 स्पिनर्स के प्लेइंग-11 में होते हुए पांचवें प्लेयर का शामिल होना मुश्किल है। ऑस्ट्रेलिया में अनुभवी स्पिनर्स की कमी
टीम इंडिया में जहां 5 स्पेशलिस्ट स्पिनर हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया में एडम जम्पा के रूप में 1 ही अनुभवी स्पिनर है। स्क्वॉड में तनवीर संघा भी हैं, लेकिन उन्हें 3 ही वनडे का अनुभव है। इन 2 के अलावा टीम में मार्नस लाबुशेन, ग्लेन मैक्सवेल, कूपर कोनोली, ट्रैविस हेड और स्टीव स्मिथ के रूप में 5 पार्ट टाइम स्पिनर जरूर हैं। हालांकि, भारत के खिलाफ जम्पा का साथ देने के लिए ऑस्ट्रेलिया को किसी अनुभवी और स्पेशलिस्ट स्पिनर की ही जरूरत पड़ेगी। एडवांटेज-3: धीमी पिच पर 2 इंडियन बैटर्स ने सेंचुरी लगाई टीम इंडिया के बैटर्स फार्म में हैं। 3 मैचों में 2 शतक और 2 अर्धशतक लगे। शुभमन गिल (101* रन) ने बांग्लादेश के खिलाफ तो विराट कोहली (100* रन) ने पाकिस्तान के खिलाफ सेंचुरी लगाकर टीम को जीत दिलाई थी। वहीं श्रेयस अय्यर ने पाकिस्तान और न्यूजीलैंड दोनों के खिलाफ अर्धशतक लगाए। ऑस्ट्रेलिया के बैटर्स को तेज पिच की आदत
ऑस्ट्रेलिया अब तक टूर्नामेंट में एक ही मैच खेल सका। टीम ने लाहौर में इंग्लैंड के खिलाफ 350 प्लस रन का टारगेट चेज किया था। जोश इंग्लिस के शतक के दम पर टीम को जीतने में परेशानी नहीं हुई। अफगानिस्तान और साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम के बाकी दोनों मैच बारिश में धुल गए। अब टीम दुबई की धीमी पिच पर उतरेगी, जहां बैटर्स को परेशानी हो सकती है। क्योंकि टूर्नामेंट से ठीक पहले टीम को श्रीलंका में धीमी पिच पर ही वनडे सीरीज गंवानी पड़ी थी।