जम्मू-कश्मीर को स्टेटहुड के प्रस्ताव को LG की मंजूरी:उमर दो दिन में PM मोदी को ड्राफ्ट सौंपेंगे, डिप्टी CM बोले- केंद्र वादा पूरा करे

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के प्रस्ताव पर उपराज्यपाल ने शनिवार को मंजूरी दे दी। गुरुवार को राज्य के दर्जे की बहाली के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की कैबिनेट ने प्रस्ताव पास किया था। डिप्टी सीएम सुरिंदर कुमार चौधरी ने कहा कि केंद्र को अपना वादा पूरा करना चाहिए और राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए, यह हमारा अधिकार है। हम वही मांग रहे हैं जो उन्होंने पहले ही वादा किया था। उमर 2 दिन में दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और उन्हें प्रस्ताव का ड्राफ्ट सौंपेंगे। उमर ने विधानसभा चुनाव के दौरान भी कहा था कि कैबिनेट की पहली मीटिंग में ही जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूर किया जाएगा। 16 अक्टूबर को CM पद की शपथ लेने के बाद अगले दिन ही उन्होंने प्रस्ताव पास किया। कैबिनेट की मीटिंग में डिप्टी CM सुरेंद्र चौधरी, मंत्री सकीना मसूद इटू, जावेद अहमद राणा, जाविद अहमद डार और सतीश शर्मा भी मौजूद थे। दरअसल, केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही प्रदेश का पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म करते हुए उसे दो यूनियन टेरिटरी (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। PDP बोली- 370 बहाली पर भी फैसला लेना था
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने उमर कैबिनेट के फैसले को लेकर कहा कि यह हमारे लिए बड़ा झटका है। उमर सरकार ने स्टेटहुड बहाली का प्रस्ताव क्यों पारित किया। 370 की बहाली पर भी फैसला करना चाहिए था। PDP के विधायक वहीद पर्रा ने शुक्रवार को कहा- उमर अब्दुल्ला का राज्य के दर्जे पर प्रस्ताव पारित करना 5 अगस्त, 2019 के केंद्र के फैसले का समर्थन करने से कम नहीं है। उमर ने 370 को बहाल करने के वादे पर ही वोट मांगे थे। कैबिनेट से मंजूरी के बाद की कानूनी प्रक्रिया… 3 पॉइंट पूर्ण राज्य का दर्जा के बाद जम्मू-कश्मीर में क्या-क्या बदलेगा? स्टेटहुड का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा
जम्मू-कश्मीर स्टेटहुड दिलाने की मांग की याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी लगी है। जम्मू-कश्मीर UT को दो महीने में पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को तैयार हो गया है। एडवोकेट गोपाल शंकर नारायण ने जहूर अहमद भट और खुर्शीद अहमद मलिक की ओर से यह याचिका लगाई है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वे इस पर सुनवाई करेंगे। पूरी खबर पढ़ें… उमर की शपथ के बाद कांग्रेस ने कहा था- पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी उमर अब्दुल्ला ने 16 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस सरकार में शामिल नहीं हुई। कांग्रेस ने सरकार को बाहर से समर्थन दिया। पार्टी का कहना है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने तक उसकी लड़ाई जारी रहेगी। पूरी खबर पढ़ें… विधानसभा में डिप्टी स्पीकर का पद भाजपा को मिलेगा
सूत्रों के मुताबिक, सातवीं बार विधायक बने और वरिष्ठ NC नेता अब्दुल रहीम राठेर जम्मू-कश्मीर विधानसभा के स्पीकर होंगे। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भाजपा को डिप्टी स्पीकर का पद देने का फैसला किया है। सातवीं बार विधायक बने मुबारक गुल को प्रोटेम स्पीकर के तौर पर शपथ दिलाई जा सकती है। प्रोटेम स्पीकर को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा 21 अक्टूबर को शपथ दिला सकते हैं। इसके बाद वे सभी नए विधायकों को शपथ दिलाएंगे। सितंबर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद राज्य में पहला विधानसभा चुनाव हुआ
अनुच्छेद 370 हटने के बाद पिछले महीन राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे। तीन फेज में हुए चुनाव का रिजल्ट 8 अक्टूबर को आया था। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। पार्टी को 42 सीटें मिली थीं। NC की सहयोगी कांग्रेस को 6 और CPI(M) ने एक सीट जीती थी। भाजपा 29 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। वहीं, 2014 के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनी PDP को सिर्फ 3 सीट मिलीं। पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती भी बिजबेहरा सीट से हार गईं। पिछले चुनाव में पार्टी ने 28 सीटें जीती थीं। ……………………………………… जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिए जाने से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलना कितना मुश्किल, उमर अब्दुल्ला के पास क्या रास्ते जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन एक्ट, 2019 में बदलाव करना होगा। संसद से इसकी मंजूरी मिलने इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी के बाद जिस दिन राष्ट्रपति इस कानूनी बदलाव की अधिसूचना जारी करेंगे, उसी तारीख से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगा। पूरी खबर पढ़ें…