जम्मू-कश्मीर, गुजरात समेत 6 राज्यों में मॉक ड्रिल शुरू:ऑपरेशन शील्ड- बम ब्लास्ट करके रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया

ऑपरेशन शील्ड के तहत शनिवार को गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर में मॉक ड्रिल हो रही है। इसके लिए शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक का समय रखा गया है। इन राज्यों में पहले 29 मई को ड्रिल होने वाली थी, लेकिन स्थगित कर दी गई थी। जम्मू-कश्मीर के जम्मू, अनंतनाग, बारामुल्ला और अन्य जिलों में मॉक ड्रिल चल रही है। जम्मू में रात 8 बजे पूरी तरह से ब्लैकआउट रहेगा। जम्मू के अखनूर में एयर स्ट्राइक की ड्रिल की गई। राजस्थान के जयपुर में हवाई अटैक की ड्रिल की गई। यहां अचानक ब्लास्ट होता है, हवाई फायर होता है। लोगों में भगदड़ मचती है। मौके पर तत्काल मेडिकल ऐड पहुंचाया गया और SDRF समेत दूसरी टीमों ने मोर्चा संभाला। गुजरात में एयर स्ट्राइक की मॉक ड्रिल जारी है। पाटण, वलसाड में सायरन बजे। पाटन तहसील ऑफिस के कमरे में आग लगी, जहां 3 लोग फंस गए। रेस्क्यू टीम ने उन्हें बाहर निकाला। हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में मॉक ड्रिल जारी है। इसके लिए शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक का टाइम रखा गया। ब्लैक आउट के लिए रात 8 बजे से सवा 8 बजे तक का समय रखा गया है। शाम 5 बजते ही जिलों में सायरन बजना शुरू हो गए। इसके बाद लघु सचिवालय और अन्य जगहों पर मॉक ड्रिल शुरू हुई। यहां 30 सेकेंड के अंदर ही एम्बुलेंस पहुंच गई। लोगों को एक-एक कर बिल्डिंग से बाहर निकाला गया। एम्बुलेंस में उन्हें अस्पताल भेजा गया। 7 मई को हुई थी पिछली मॉक ड्रिल इससे पहले 7 मई को देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल हुई थी। इसमें नागरिकों को हमले के दौरान खुद को बचाने की ट्रेनिंग दी गई। यह इसलिए किया गया ताकि युद्ध की स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद 7 मई को भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाक में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। सेना ने 100 आतंकियों को मार गिराया था। इसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है। मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट एक्सरसाइज क्या है… 7 मई को देश के 244 शहरों में 12 मिनट ब्लैकआउट किया गया था
देश के 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 244 शहरों में 7 मई को 12 मिनट की ब्लैकआउट एक्सरसाइज की गई थी। गृह मंत्रालय ने इन शहरों को सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट के तौर पर लिस्ट किया था। ये सामान्य प्रशासनिक जिलों से अलग थे। इसमें लोगों, कर्मचारियों, स्टूडेंट्स को आपात स्थिति में बचाव और लोगों को निकालने के तरीके समझाए गए थे। देश के कुल 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्‍ट को इनके इंपोर्टेंस या सेंसिटिविटी के आधार पर 3 कैटेगरी में बांटा गया है। कैटेगरी 1 में वे डिस्ट्रिक्‍ट हैं जो सबसे ज्यादा सेंसिटिव हैं। ऐसे कुल 13 डिस्ट्रिक्‍ट हैं। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में नरौरा न्‍यूक्लियर प्‍लांट होने की वजह से इसे कैटेगरी 1 डिस्ट्रिक्‍ट में रखा गया है। इसी तरह कैटेगरी 2 में 201 जबकि कैटेगरी 3 में 45 डिस्ट्रिक्‍ट हैं। 7 मई को ब्लैकआउट के दौरान की 3 तस्वीरें…. क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने 26 टूरिस्ट्स की हत्या की थी। 7 मई को भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाक में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। सेना ने 100 आतंकियों को मार गिराया था। दोनों देशों के बीच 10 मई की शाम 5 बजे से सीजफायर पर सहमति बनी थी। हालांकि, इसके बाद से पाकिस्तान लगातार उकसावे वाले बयान दे रहा है। राज्यों में मॉक ड्रिल से जुड़ी खबरें पढ़ें… राजस्थान में सिविल डिफेंस ने शुरू की तैयारियां केंद्र सरकार के निर्देश के बाद राजस्थान में मॉक ड्रिल को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजेंगे। इसके साथ ही इमरजेंसी व्यवस्थाओं को भी जांचा जाएगा। इसके लिए सभी जिलों को निर्देश जारी किए जा रहे हैं। पाकिस्तानी बॉर्डर से लगते जिलों में मॉक ड्रिल के लिए खास तैयारियां की जा रही हैं। जोधपुर कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया- गुरुवार को जोधपुर में भी मॉक ड्रिल होगी। हालांकि अभी समय तय नहीं किया गया है। पूरी खबर पढ़ें… पंजाब में 3 जून को होगी मॉक ड्रिल पंजाब में पाकिस्तान से सटे 6 जिलों में 3 जून को मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजेंगे। इनमें पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का शामिल हैं। इमरजेंसी व्यवस्थाओं को भी जांचा जाएगा सिविल डिफेंस ने मॉक ड्रिल की तैयारियां शुरू कर दी है। पूरी खबर पढ़ें… —————————————————– मॉक ड्रिल से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… तनाव के बीच हमले से बचने की तैयारी; सायरन बजेगा, बिजली कटेगी, 244 जिलों में मॉक ड्रिल मॉक ड्रिल वाले इलाकों में सायरन बजेगा, बिजली कटेगी और लोग छिपने के लिए इधर-उधर भागेंगे। 1971 की जंग के बाद ये पहला मौका है कि लोगों को हमले के दौरान बचने के तरीके सिखाए जाएंगे। इसे लेकर गृह मंत्रालय में 6 मई को हाईलेवल मीटिंग हुई, जिसमें राज्यों के मुख्य सचिव और सिविल डिफेंस चीफ समेत कई हाई रैंक ऑफिसर मौजूद रहे। पूरी खबर पढ़ें…