जम्मू-कश्मीर में पिछले कई दिनों से बारिश हो रही है। रामबन जिले के सेरी बागना इलाके में रविवार सुबह बारिश के बाद बादल फटने से 3 लोगों की मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई। पहाड़ का मलबा गांव की तरफ आ गया, जिसके चपेट में कई लोग और घर आ गए। फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। उधर, रामबन जिले के बनिहाल इलाके में कई जगह लैंडस्लाइड घटनाएं हुई हैं। इसकी वजह से जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे बंद कर दिया गया है। सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। किश्तवाड़-पद्दर मार्ग भी बंद है। यहां वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। अधिकारियों ने मौसम साफ होने के बाद ही हाईवे पर सफर करने की अपील की है। लैंडस्लाइड के कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिसमें पहाड़ से मलबा गिरते देखा जा सकता है। कुछ इलाकों में पहाड़ का मलबा सड़कों और रिहायशी इलाकों तक पहुंच गया है। एक वीडियो में तीन-चार टैंकर और कुछ अन्य गाड़ियां मलबे में पूरी तरह दबी हुई दिख रही हैं। इसके अलावा होटल और घर भी मलबे से प्रभावित दिख रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में तबाही की तस्वीरें… लैंडस्लाइड 4 तरह की होती है… —————————————- ये खबर भी पढ़ें… 19 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे अफगानिस्तान में शनिवार को दोपहर 12:17 बजे रिक्टर पैमाने पर 5.8 तीव्रता का भूकंप आया। इसका असर जम्मू-कश्मीर और दिल्ली-NCR तक महसूस किया गया। हालांकि इसमें कोई भी जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं आई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक भूकंप का असर जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में भी महसूस किया गया। श्रीनगर में एक व्यक्ति ने बताया- मैंने भूकंप महसूस किया। मैं दफ्तर में था, तभी मेरी कुर्सी हिली। कुछ इलाकों से लोगों को घरों और ऑफिस से बाहर भागते देखा गया। भास्कर एक्सप्लेनर- लैंडस्लाइड क्या है, क्यों होती है:केरल और हिमाचल में भूस्खलन की असली वजहें, जिनमें सैकड़ों लोग जिंदा दफन हो गए केरल के वायनाड में 29 जुलाई की देर रात अचानक तेज आवाज के साथ चट्टानें और जमीन धंसने लगी और मलबा गिरने लगा। इसकी चपेट में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव आ गए। इसमें घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां बह गईं। 267 लोगों की मौत हो गई और कई लापता हैं। पूरी खबर पढ़ें…