भारत के युवा घुड़सवार जय सिंह सबरवाल ने वर्ल्ड जंपिंग चैलेंज की बी कैटेगरी में दूसरी रैंक हासिल की है। वे रविवार, 19 जनवरी को जारी चैंपियनशिप की रैंकिंग में 2.59 अंक लेकर दूसरे स्थान पर रहे। रूस के एला वीटा कस्टेलिक (0.12 अंक) के साथ पहले स्थान पर रहे। इक्वाडोर के जुआन फ्रेंसिसको (2.71 अंक) तीसरे नंबर पर रहे। इस प्रतियोगिता में 27 देशों के 183 घुड़सवारों ने हिस्सा लिया। 15 साल के जय ने पिछले साल 2024 में आयोजित अलग-अलग टूर्नामेंट में 23 मेडल जीते हैं। इनमें 14 गोल्ड, 5 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। मुंबई के रहने वाले जय ने महज 4 साल के अंदर बड़े टूर्नामेंट में 35 से 40 मेडल जीत लिए हैं। उन्होंने साल 2021 में प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया। आगे पढ़ें सक्सेस स्टोरी… विरासत में मिली घुड़सवारी, पिता शौकिया घुड़सवारी करते थे
जय को घुड़सवारी विरासत में मिली है। उनके पिता दिलप्रीत सिंह सबरवाल शौकिया तौर पर घुड़सवारी करते थे, लेकिन अपने कौशल को किसी टूर्नामेंट में नहीं आजमाया। वे कहते हैं- मुझे बचपन से एनिमल का शौक रहा है। हमारे पास फॉर्म हाउस में 20 साल से घोड़े हैं। पहले जय खाली समय में घुड़सवारी करता था, लेकिन प्रतिस्पर्धी घुड़सवारी उसकी खुद की ख्वाहिश है। उसकी खुद की मेहनत है, खुद की इच्छा है। वे कहते हैं… कई बार होता है कि बाप क्रिकेटर नहीं बन पाया तो बेटे को क्रिकेटर बनाया। मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं है। मैं जूडो का ब्लैक बेल्ट रहा हूं। हम लोग साथ में कई खेल खेलते हैं, जैसे-फुटबॉल। हमारे शौक मिलते-जुलते हैं। जैसे वे ड्रम बजाते हैं और मैं बांसुरी बजाता हूं। मैंने उसे बचपन से सारे खेल खिलाए हैं। फिर उसने हॉर्स राइडिंग को चुना। मैं उस इंग्लिश लेड़ी को क्रेडिट दूंगा, जिसने उन्हें घुड़सवारी सिखाई। दिलप्रीत अपने प्रयासों पर कहते हैं…
मुझे लगता है कि जब तक बच्चे का पैशन नहीं होता, तो वह नहीं करता है। बचपन से घुड़सवारी में जय की रुचि बढ़ ही रही है, कम नहीं हो रही है। हां, मेरी ओर से भी कोई कमी नहीं रही है। मैं उसकी ट्रेनिंग सहित अन्य एक्टीविटी में इन्वॉल्व रहा हूं। मेरे फॉर्म हाउस में अब भी 12 घोड़े हैं। वे पढ़ाई में भी अच्छे हैं। अगले टूर्नामेंट के लिए उनका एडमिशन US के एक ऑनलाइन स्कूल में कराया है। जय ने 5 साल की उम्र में पहली बार थामी लगाम
दिलप्रीत जय के शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहते हैं…’मुंबई के बाहर हमारे फॉर्म हाउस हैं। उनमें एक इंग्लिश ब्रिटिश लेडी थीं। जय ने उनके साथ ही हॉर्स राइडिंग शुरू की। वे 12 साल की उम्र में पहली बार प्रतियोगिता में उतरे, तब हम लोग बेल्जियम में थे। वहां जय ने करियर के पहले टूर्नामेंट में 3 मेडल जीते थे। दिलप्रीत बताते हैं कि… जय को बचपन से घोड़ों से बहुत लगाव रहा है। यह (सफलता) घोड़ों के इमोशनल कनेक्शन से ही हो पाया है। जय घोड़े को समझता है, क्योंकि जंपिंग में घोड़े को आप पर भरोसा होना चाहिए। यह टू-वे रिलेशनशिप है। कॉर्ना ने ऐन मौके पर छलांग नहीं लगाई, फिर 11 गोल्ड जिताए
दिलप्रीत बताते हैं कि वैसे तो जय के पास 4 घोड़े हैं, लेकिन कार्ना डे ला ब्रायर (घोड़ी) उसे सबसे ज्यादा पसंद है। पहले वह जंप करने में मदद नहीं कर रही थी। दिसंबर-2023 की बात है, नेशनल टूर्नामेंट चल रहा था। कॉर्ना उसे जंप पॉइंट तक लेकर गई, लेकिन ऐन मौके पर छलांग नहीं लगाई। ऐसे में जय ने थोड़ी सख्ती दिखाई और उसके साथ बॉन्ड बिल्ड किया। यह ठीक वैसा ही है, जैसे- बच्चों के साथ थोड़ा सख्त होना जरूरी है। बाद में कॉर्ना ने उसे जनवरी-2024 के बाद 11 गोल्ड मेडल जिताए। जय दिन भर में 2 घंटे राइडिंग करते हैं। इसके अलावा, 3 घंटे घोड़ों की देखभाल में जाते हैं। जय सबरवाल से 5 सवाल… सवाल-1: हालिया रैंकिंग और प्रीवियस सीजन के प्रदर्शन को कैसे देखते हैं?
प्रदर्शन अच्छा रहा है। मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। सवाल-2: अब आपका अगला टारगेट क्या है?
अगले महीने एक इंटरनेशनल टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए स्पेन जा रहा हूं। वहां अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास रहेगा। मेरी कोशिश है कि अगले सीजन में जितने भी टूर्नामेंट में हिस्सा लूं, उनमें ज्यादा से ज्यादा मेडल जीत सकूं। वर्ल्ड रैंकिंग में सुधार करना भी एक लक्ष्य है। सवाल-3: हर एथलीट का एक ड्रीम होता है, आपका फाइनल ड्रीम क्या है?
एशियन गेम्स और ओलिंपिक गेम्स में मेडल जीतना चाहता हूं। सवाल-4: पेरिस ओलिंपिक-2024 देखने गए थे। वहां क्या सीखने को मिला?
मैंने सीखा यदि आप मेहनत करते हैं तो आप आपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। सवाल-5: अपना रोल मॉडल किसे मानते हैं?
मेरे ट्रेनर, मॉर्लोन जानोटेली, वे मुझे यूरोप में ट्रेन करते हैं। उनकी राइडिंग मुझे प्रेरित करती है। वे हार्डवर्किंग हैं। —————————————– खेल से जुड़ी यह खबर भी पढ़िए… जय शाह ओलिंपिक कमेटी के अध्यक्ष थॉमस बाक से मिले ICC अध्यक्ष जय शाह ब्रिसबेन 2032 ओलिंपिक में क्रिकेट को शामिल करने को लेकर इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (IOC) के अध्यक्ष थॉमस बाक से मिले हैं। 30 जनवरी को ओलिंपिक हाउस स्विट्जरलैंड के लुसाने में IOC सेशन की मीटिंग होनी है। पढ़ें पूरी खबर
जय को घुड़सवारी विरासत में मिली है। उनके पिता दिलप्रीत सिंह सबरवाल शौकिया तौर पर घुड़सवारी करते थे, लेकिन अपने कौशल को किसी टूर्नामेंट में नहीं आजमाया। वे कहते हैं- मुझे बचपन से एनिमल का शौक रहा है। हमारे पास फॉर्म हाउस में 20 साल से घोड़े हैं। पहले जय खाली समय में घुड़सवारी करता था, लेकिन प्रतिस्पर्धी घुड़सवारी उसकी खुद की ख्वाहिश है। उसकी खुद की मेहनत है, खुद की इच्छा है। वे कहते हैं… कई बार होता है कि बाप क्रिकेटर नहीं बन पाया तो बेटे को क्रिकेटर बनाया। मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं है। मैं जूडो का ब्लैक बेल्ट रहा हूं। हम लोग साथ में कई खेल खेलते हैं, जैसे-फुटबॉल। हमारे शौक मिलते-जुलते हैं। जैसे वे ड्रम बजाते हैं और मैं बांसुरी बजाता हूं। मैंने उसे बचपन से सारे खेल खिलाए हैं। फिर उसने हॉर्स राइडिंग को चुना। मैं उस इंग्लिश लेड़ी को क्रेडिट दूंगा, जिसने उन्हें घुड़सवारी सिखाई। दिलप्रीत अपने प्रयासों पर कहते हैं…
मुझे लगता है कि जब तक बच्चे का पैशन नहीं होता, तो वह नहीं करता है। बचपन से घुड़सवारी में जय की रुचि बढ़ ही रही है, कम नहीं हो रही है। हां, मेरी ओर से भी कोई कमी नहीं रही है। मैं उसकी ट्रेनिंग सहित अन्य एक्टीविटी में इन्वॉल्व रहा हूं। मेरे फॉर्म हाउस में अब भी 12 घोड़े हैं। वे पढ़ाई में भी अच्छे हैं। अगले टूर्नामेंट के लिए उनका एडमिशन US के एक ऑनलाइन स्कूल में कराया है। जय ने 5 साल की उम्र में पहली बार थामी लगाम
दिलप्रीत जय के शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहते हैं…’मुंबई के बाहर हमारे फॉर्म हाउस हैं। उनमें एक इंग्लिश ब्रिटिश लेडी थीं। जय ने उनके साथ ही हॉर्स राइडिंग शुरू की। वे 12 साल की उम्र में पहली बार प्रतियोगिता में उतरे, तब हम लोग बेल्जियम में थे। वहां जय ने करियर के पहले टूर्नामेंट में 3 मेडल जीते थे। दिलप्रीत बताते हैं कि… जय को बचपन से घोड़ों से बहुत लगाव रहा है। यह (सफलता) घोड़ों के इमोशनल कनेक्शन से ही हो पाया है। जय घोड़े को समझता है, क्योंकि जंपिंग में घोड़े को आप पर भरोसा होना चाहिए। यह टू-वे रिलेशनशिप है। कॉर्ना ने ऐन मौके पर छलांग नहीं लगाई, फिर 11 गोल्ड जिताए
दिलप्रीत बताते हैं कि वैसे तो जय के पास 4 घोड़े हैं, लेकिन कार्ना डे ला ब्रायर (घोड़ी) उसे सबसे ज्यादा पसंद है। पहले वह जंप करने में मदद नहीं कर रही थी। दिसंबर-2023 की बात है, नेशनल टूर्नामेंट चल रहा था। कॉर्ना उसे जंप पॉइंट तक लेकर गई, लेकिन ऐन मौके पर छलांग नहीं लगाई। ऐसे में जय ने थोड़ी सख्ती दिखाई और उसके साथ बॉन्ड बिल्ड किया। यह ठीक वैसा ही है, जैसे- बच्चों के साथ थोड़ा सख्त होना जरूरी है। बाद में कॉर्ना ने उसे जनवरी-2024 के बाद 11 गोल्ड मेडल जिताए। जय दिन भर में 2 घंटे राइडिंग करते हैं। इसके अलावा, 3 घंटे घोड़ों की देखभाल में जाते हैं। जय सबरवाल से 5 सवाल… सवाल-1: हालिया रैंकिंग और प्रीवियस सीजन के प्रदर्शन को कैसे देखते हैं?
प्रदर्शन अच्छा रहा है। मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। सवाल-2: अब आपका अगला टारगेट क्या है?
अगले महीने एक इंटरनेशनल टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए स्पेन जा रहा हूं। वहां अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास रहेगा। मेरी कोशिश है कि अगले सीजन में जितने भी टूर्नामेंट में हिस्सा लूं, उनमें ज्यादा से ज्यादा मेडल जीत सकूं। वर्ल्ड रैंकिंग में सुधार करना भी एक लक्ष्य है। सवाल-3: हर एथलीट का एक ड्रीम होता है, आपका फाइनल ड्रीम क्या है?
एशियन गेम्स और ओलिंपिक गेम्स में मेडल जीतना चाहता हूं। सवाल-4: पेरिस ओलिंपिक-2024 देखने गए थे। वहां क्या सीखने को मिला?
मैंने सीखा यदि आप मेहनत करते हैं तो आप आपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। सवाल-5: अपना रोल मॉडल किसे मानते हैं?
मेरे ट्रेनर, मॉर्लोन जानोटेली, वे मुझे यूरोप में ट्रेन करते हैं। उनकी राइडिंग मुझे प्रेरित करती है। वे हार्डवर्किंग हैं। —————————————– खेल से जुड़ी यह खबर भी पढ़िए… जय शाह ओलिंपिक कमेटी के अध्यक्ष थॉमस बाक से मिले ICC अध्यक्ष जय शाह ब्रिसबेन 2032 ओलिंपिक में क्रिकेट को शामिल करने को लेकर इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (IOC) के अध्यक्ष थॉमस बाक से मिले हैं। 30 जनवरी को ओलिंपिक हाउस स्विट्जरलैंड के लुसाने में IOC सेशन की मीटिंग होनी है। पढ़ें पूरी खबर