आज दुनियाभर में वर्ल्ड ट्यूबरकुलोसिस डे यानी विश्व क्षयरोग दिवस मनाया जा रहा है। भारत दुनिया में सबसे अधिक ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) प्रभावित देशों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, भारत में हर तीन मिनट में दो लोगों की मौत टीबी के कारण होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है, जो वैश्विक लक्ष्य (2030) से पांच साल पहले का है। इसे लेकर भारत सरकार द्वारा कई अभियान चलाए जा रहे हैं। हालांकि उचित देखभाल और समय पर इलाज के साथ, टीबी के खिलाफ लड़ाई जीती जा सकती है। WHO की ‘ग्लोबल ट्यूबरकुलोसिस रिपोर्ट 2024’ के अनुसार, 2015 से 2023 के बीच भारत में टीबी मामलों में 17.7% की गिरावट दर्ज की गई है, जो वैश्विक औसत 8.3% की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि टीबी क्या है? साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. बोर्नाली दत्ता, डायरेक्टर, रेस्पिरेटरी मेडिसिन, मेदांता, गुरुग्राम सवाल- टीबी क्या है और यह कैसे फैलती है? जवाब- ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) एक संक्रामक बैक्टीरियल बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। आमतौर पर यह बीमारी फेफड़ों को प्रभावित करती है। हालांकि यह शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकती है। टीबी पीड़ित मरीज के बोलने, खांसने या छींकने के दौरान मुंह या नाक से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स से स्वस्थ व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है। सवाल- भारत के लिए टीबी कितनी खतरनाक बीमारी है? जवाब- टीबी भारत में सबसे गंभीर और घातक संक्रामक बीमारियों में से एक है। दुनिया के कुल टीबी मामलों का लगभग 26% भारत में हैं। नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि पिछले 5 सालों में टीबी के मरीजों की संख्या में कितना बदलाव आया है। सवाल- टीबी के लक्षण क्या हैं? जवाब- टीबी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है। पल्मोनरी टीबी: इसे फेफड़ों की टीबी भी कहा जाता है। टीबी के 70 से 75% मरीजों में यही होती है। इसके मुख्य लक्षण खांसी आना, बलगम आना, बलगम में खून आना, सीने में दर्द, थकान कमजोरी या बुखार आना हैं। एक्सट्रापल्मोनरी टीबी: यह फेफड़ों के अलावा किसी अन्य अंग को प्रभावित कर सकती है। यह जिस अंग को प्रभावित करती है, उसके अनुसार लक्षण हो सकते हैं। जैसे ब्रेन टीबी में पीड़ित को सिरदर्द या चक्कर आने की समस्या हो सकती है। वहीं रीढ़ की हड्डी की टीबी में लगातार पीठ दर्द की समस्या हो सकती है। इसके 20 से 25% मामले सामने आते हैं। नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि टीबी के लक्षण क्या हैं। सवाल- किन लोगों को टीबी से ग्रसित होने का खतरा अधिक रहता है? जवाब- जिन लोगों को डायबिटीज, एड्स (AIDS) जैसी पुरानी बीमारियां हैं या जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है, उनमें टीबी होने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा टीबी पीड़ित व्यक्ति के खांसने या छींकने से भी फैल सकता है, जब कोई अन्य व्यक्ति अपने आस-पास से इसे सांस लेता है, तो वे भी टीबी से संक्रमित हो जाते हैं। अगर समय रहते टीबी की पहचान और इलाज न किया जाए तो यह गंभीर और जानलेवा हो सकता है। सवाल- टीबी से बचाव के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो हवा के जरिए फैलती है। इससे बचाव के लिए लोगों को न केवल स्वच्छता और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए, बल्कि इसके लक्षणों और इलाज के प्रति जागरूक रहना भी बेहद जरूरी है। समय पर टीकाकरण, संतुलित आहार, मास्क का उपयोग और टीबी मरीज से दूरी बनाए रखना, संक्रमण के खतरे को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, अगर किसी को टीबी हो जाए तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार पूरा इलाज करना अनिवार्य है। अधूरा इलाज न केवल मरीज के लिए खतरनाक होता है, बल्कि यह बीमारी को और भी घातक बना सकता है। इसलिए सही जानकारी और सतर्कता के माध्यम से हम न केवल खुद को, बल्कि अपने परिवार और समाज को भी इस बीमारी से बचा सकते हैं। सवाल- क्या टीबी का इलाज संभव है? जवाब- डॉ. बोर्नाली दत्ता बताती हैं कि टीबी का इलाज संभव है, लेकिन इसका पूरा कोर्स करना जरूरी है। भारत सरकार ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत मुफ्त जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई है। टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत ₹500 प्रति माह पोषण सहायता भी दी जाती है। …………………….
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