हाल ही में ग्रेटर नोएडा वेस्ट की अजनारा सोसाइटी में दूषित पानी पीने से करीब 200 लोग बीमार हो गए। सोसाइटी में एक साथ कुछ लोगों को पेट दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायत हुई। इसके बाद सोसाइटी के लोगों ने मेंटेनेंस डिपार्टमेंट पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले कई दिनों से टंकियों का पानी दूषित आ रहा है। वजह ये है कि समय-समय पर उसकी सही तरीके से सफाई नहीं की जाती है। हालांकि ये कोई एक सोसाइटी की बात नहीं है। ये बहुत सारी सोसाइटी और घरों की बात है, जहां कई-कई महीनों तक पानी की टंकी की सफाई नहीं की जाती है। इससे कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, भारत में हर साल करीब 3.7 करोड़ लोग दूषित पानी पीने की वजह से होने वाली बीमारियों के चपेट में आते हैं। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम पानी की टंकी की सफाई के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. बॉबी दीवान, सीनियर फिजिशियन, दिल्ली अजय यादव, फाउंडर, हैलो एसपीएस इंडिया, वाटर टैंक क्लीनिंग सर्विस, भोपाल सवाल- आपकी सोसाइटी का वाटर टैंक गंदा है, इसका पता कैसे लगाएं? जवाब- अपनी सोसाइटी के वाटर टैंक की सफाई की जानकारी लेना आपका अधिकार है। इसके लिए कुछ तरीके अपना सकते हैं। जैसेकि- पानी में किसी भी तरह की असामान्यता दिखाई देती है तो तुरंत अपने सोसाइटी मैनेजर से बात करें। उनसे टैंक की सफाई और पानी की शुद्धता की जांच कराने काे कहें। ध्यान रखें कि शुद्ध और साफ पेयजल स्वस्थ जीवन के लिए एक बुनियादी जरूरत है। इसलिए इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। सवाल- दूषित पानी पीने से किस तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं? जवाब- आजकल शहरों में लाखों लोग प्रतिदिन टंकियों के पानी का इस्तेमाल करते हैं। समय के साथ इन टंकियों में तलछट, शैवाल, जंग और यहां तक कि खतरनाक बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं। इससे पेट में इन्फेक्शन, स्किन संबंधी समस्याएं और यहां तक कि टाइफाइड और हैजा जैसी बीमारियां हो सकती हैं। इससे हमारा इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है। दूषित पानी पीने से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- पानी की टंकी साफ करने का सही तरीका क्या है? जवाब- वाटर टैंक क्लीनिंग सर्विस ‘हैलो एसपीएस इंडिया’ के फाउंडर अजय यादव बताते हैं कि वाटर टैंक की सफाई एक जरूरी और सावधानी भरा काम है। इसमें थोड़ी सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है। नीचे पॉइंटर्स के जरिए इसकी सही प्रक्रिया समझिए- घर की पानी की टंकी को साफ करने के कुछ और आसान तरीके हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- कितने दिनों में पानी की टंकी की सफाई करनी चाहिए? जवाब- डॉ. बॉबी दीवान बताते हैं कि आमतौर पर पानी की टंकी को 3-4 महीने में एक बार जरूर साफ करना चाहिए। अगर टंकी पूरी तरह ढंकी हुई है और पानी की क्वालिटी अच्छी है तो 5-6 महीने में भी कर सकते हैं। सवाल- पानी की टंकी साफ करने के लिए किन चीजों की जरूरत होती है? जवाब- टंकी साफ करने के लिए आमतौर पर एक मजबूत ब्रश, बाल्टी, क्लीनिंग प्रोडक्ट और टंकी पोंछने के लिए एक मोटे सूती कपड़े की जरूरत होती है। इसके अलावा सुरक्षा के लिए ग्लव्स भी पहनना जरूरी है। वहीं प्रोफेशनल्स इसके लिए हाई प्रेशर मशीन और ड्रायर मशीन का इस्तेमाल करते हैं। सवाल- पानी की टंकी की सफाई करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब- टंकी साफ करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- क्या पानी की टंकी साफ करने के लिए केमिकल का इस्तेमाल करना सही है? जवाब- डॉ. बॉबी दीवान बताते हैं कि पानी की टंकी साफ करने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। इसका सही या गलत होना इस बात पर निर्भर है कि आप कौन सा केमिकल किस तरह और कितनी मात्रा में इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए हमेशा केमिकल पर दिए निर्देशों का पालन करना जरूरी है। सवाल- पानी की टंकी जल्दी गंदी न हो इसके लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब- इसके लिए हर 3-4 महीने में पानी की टंकी को जरूर साफ करें। उसे धूल मिट्टी और धूप से बचाने के लिए हमेशा ढंककर रखें। बीच-बीच में पानी में नमक या फिटकरी मिलाएं, इससे बैक्टीरिया नहीं पनपते हैं। टंकी में उतना ही पानी भरें, जितना रोजाना इस्तेमाल कर सकें, ताकि पानी का ठहराव ना हो। ……………….. जरूरत की ये खबर भी पढ़िए जरूरत की खबर- क्या आपका पीने का पानी शुद्ध है: डॉक्टर से जानें TDS क्या है, ये क्यों जरूरी, कैसे करें चेक, कितनी मात्रा है सही आज बड़े शहरों में आपको अधिकांश घरों में रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) सिस्टम लगे मिल जाएंगे। हालांकि RO लगवाने के साथ-साथ पानी की गुणवत्ता के लिए टोटल डिजॉल्वड सॉलिड्स यानी TDS का ध्यान रखना भी जरूरी है। TDS का संतुलन बिगड़ने से पानी सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। पूरी खबर पढ़िए…