AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज पूरी दुनिया को अपने आगोश में ले लिया है। यह तकनीक लगातार विकसित हो रही है और हर क्षेत्र में अपनी पकड़ बना रही है। अमेरिकन वेंचर कैपिटल फर्म ‘सिकोइया कैपिटल’ (Sequoia Capital) के मुताबिक, 2030 तक AI एक प्रोफेशनल राइटर से बेहतर आर्टिकल लिखने में सक्षम होगा। इसके अलावा कई अन्य कामों में भी दक्ष होगा। ऑनलाइन डेटाबेस ‘स्टेटिस्टा’ के मुताबिक, AI का मार्केट रेवेन्यू 2025 तक करीब 100 खरब से ज्यादा होने की संभावना है। AI के बढ़ते प्रभाव के कारण जहां वर्किंग एम्प्लाईज को अपनी नौकरी जाने का डर सताने लगा है। वहीं पढ़-लिखकर जॉब ढूंढ रहे युवाओं को नौकरी के अवसर कम होने की चिंता सता रही है। ऐसे में अगर आप अपना अस्तित्व बनाए रखना चाहते हैं तो खुद को नई टेक्नोलॉजी और स्किल्स से लैस करना बेहद जरूरी है। वरना पीछे रह जाएंगे। इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि AI हमारे जीवन को कैसे प्रभावित कर रहा है। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: पवन दुग्गल, साइबर सिक्योरिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लॉ एक्सपर्ट, नई दिल्ली सवाल- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्या है?
जवाब- AI साइंस एंड टेक्नोलॉजी का एक पार्ट है। इसमें मशीनों में इंसानों की तरह सोचने-समझने, सीखने और समस्याओं को हल करने की क्षमता विकसित की जाती है। AI मशीनें या टूल्स इंटरनेट पर मौजूद डेटा के आधार पर आउटपुट देते हैं। कंप्यूटर साइंटिस्ट एलन ट्यूरिंग ने वर्ष 1950 में भविष्यवाणी की थी कि ‘कुछ दशकों के भीतर कंप्यूटर मानव मस्तिष्क की नकल करेंगे।’ आज AI के रूप में हम उस भविष्यवाणी को सच साबित होते हुए देख सकते हैं। सवाल- AI हमारे जीवन को कैसे प्रभावित कर रहा है?
जवाब- AI आज हमारे रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है। यह टेक्नोलॉजी हमारे सोचने-समझने व निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित कर रही है। फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स आज AI का इस्तेमाल करके पर्सनलाइज्ड कंटेंट और विज्ञापन दिखाते हैं। इसके अलावा ई-कॉमर्स कंपनियां AI की मदद से यूजर्स की पसंद के आधार पर उन्हें उसी तरह के प्रोडक्ट्स सजेस्ट करती हैं। यानी सोशल मीडिया या ई-कॉमर्स कंपनियों की एल्गोरिदम आपके सोचने-समझने और सर्च करने के आधार पर काम करती है, जो हर एक यूजर के अनुसार अलग-अलग होती है। फिल्मों में भी AI का इस्तेमाल करके स्पेशल इफेक्ट, कैरेक्टर और स्टोरी लाइन बनाई जाती है। सवाल- नौकरीपेशा वाले लोगों को AI से क्या खतरा है?
जवाब- AI मशीनें इंसानों की तुलना में अधिक तेज, कुशल और सटीकता से काम करने में सक्षम हो रही हैं। ऐसे में सबसे बड़ी आशंका यही जताई जा रही है कि AI लोगों की नौकरी ले सकता है। AI लॉ एक्सपर्ट पवन दुग्गल बताते हैं कि मशीनें डेटा के आधार पर पैटर्न और पूर्वानुमान करती हैं और इसी के आधार पर काम करती हैं। लेकिन इंसानी दिमाग अभी भी सबसे ज्यादा पावरफुल है। AI इंसानों की मदद कर सकता है, लेकिन यह इंसानों की जगह नहीं ले सकता है। सवाल- AI के दौर में रिलेवेंट बने रहने के लिए क्या करें?
जवाब- इस बात से बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता है कि AI से नौकरीपेशा लोगों पर खतरा है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सभी नौकरियां खत्म हो जाएंगी। ऐसे में AI के दौर में रिलेवेंट बने रहने के लिए खुद को समय के साथ अपग्रेड रखना जरूरी है। हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि AI बहुत सी चीजें कर सकता है, लेकिन इंसान की क्रिएटिविटी, इमोशंस और सोचने-समझने की क्षमता का मुकाबला नहीं कर सकता है। इसलिए अपनी क्रिएटिविटी और सोचने-समझने की क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान दें। AI जॉब्स को ऑटोमेट कर सकता है, लेकिन लीडरशिप और टीमवर्क जैसी भूमिकाओं को नहीं निभा सकता है। इसलिए ये हमेशा रिलेवेंट बने रहेंगे। इसके अलावा AI के साथ मिलकर काम करने के लिए नई टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी हासिल करें। इसके लिए ऑनलाइन कोर्स, वेबिनार और सेमिनार में हिस्सा ले सकते हैं। सवाल- AI का किन क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा?
जवाब- पवन दुग्गल बताते हैं कि AI लगभग हर एक इंडस्ट्री को प्रभावित कर रहा है। आने वाले वर्षों में इसका प्रभाव और भी देखने को मिलेगा। हालांकि कुछ क्षेत्रों AI का असर ज्यादा देखने को मिल सकता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- आइए, अब ग्राफिक में दिए पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं- IT सेक्टर AI इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री को तेजी से बदल रहा है। इसने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, साइबर सिक्योरिटी और डेटा एनालिटिक्स को आसान बना दिया है। इससे इस फील्ड में काम करने वाले लोगों डिमांड घट सकती है। हालांकि AI ने इस क्षेत्र में मशीन लर्निंग इंजीनियर, AI सॉफ्टवेयर डेवलपर्स समेत नौकरी के कुछ अवसर भी क्रिएट किए हैं। कंटेंट क्रिएशन AI राइटिंग, ग्राफिक्स मेकिंग, वीडियो एडिटिंग, ऑडियो प्रोडक्शन को आसान बना रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री पर पड़ेगा। इससे मीडिया के क्षेत्र में नौकरी के अवसर कम हो सकते हैं। हेल्थकेयर और मेडिसिन AI से हेल्थकेयर इंडस्ट्री में बड़े बदलाव हो रहे हैं। यह बीमारियों का जल्दी और सटीक इलाज करने में मदद कर रहा है। साथ ही ट्रीटमेंट प्लान, मेडिकल रिसर्च और दवाइयों के प्रोडक्शन में भी अहम भूमिका निभा रहा है। इससे रिपिटेटिव मेडिकल जॉब्स पर खतरा बढ़ रहा है। एजुकेशन और लर्निंग अब पढ़ाई सिर्फ किताबों और क्लासरूम तक सीमित नहीं रह गई है। AI की मदद से पर्सनलाइज्ड लर्निंग, वर्चुअल टीचिंग, स्मार्ट क्लासरूम और एडवांस्ड असेसमेंट सिस्टम जैसी सुविधाएं शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला रही हैं। इसका सीधा असर टीचिंग और एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़ी नौकरियों पर पड़ सकता है। मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्री ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में रोबोट इंसानों की जगह ले रहे हैं। ऐसे में ऑटोमेशन और मशीन लर्निंग की वजह से प्रोडक्शन में इंसानों की डिमांड कम होगी। कस्टमर सर्विस और सपोर्ट AI-पावर्ड वर्चुअल असिस्टेंट और चैटबॉट्स अब 24*7 कस्टमर्स की सामान्य समस्याओं को हल करते हैं। इससे इंसानों की जरूरत कम हो रही है और कस्टमर केयर सर्विस की नौकरियों पर खतरा बढ़ रहा है। डिजिटल मार्केटिंग और विज्ञापन डिजिटल मार्केटिंग, कंटेंट क्रिएशन, एड कैम्पेन मैनेजमेंट और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में AI-पावर्ड टूल्स तेजी से अपनाए जा रहे हैं। इससे कई नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। खैर, AI भले ही तेजी से हर क्षेत्र में पैठ बना रहा है। लेकिन अगर व्यक्ति खुद को समय और टेक्नोलॉजी के अनुसार बदलता है तो वह हमेशा रिलेवेंट बना रहेगा। ……………… जरूरत की ये खबर भी पढ़िए जरूरत की खबर- हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय सावधान:इन 6 गलतियों से रिजेक्ट हो सकता है क्लेम, किस उम्र में इंश्योरेंस लेना बेहतर कुछ लोग हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय टर्म्स एंड कंडीशंस को ध्यान से नहीं पढ़ते हैं। ऐसे में जब वह किसी किसी मेडिकल इमरजेंसी में इंश्योरेंस क्लेम करते हैं तो क्लेम रिजेक्ट हो जाता है। इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय उससे जुड़ी डिटेल्स को बारीकी से पढ़ना चाहिए, ताकि क्लेम का प्रोसेस आसान हो। पूरी खबर पढ़िए…
जवाब- AI साइंस एंड टेक्नोलॉजी का एक पार्ट है। इसमें मशीनों में इंसानों की तरह सोचने-समझने, सीखने और समस्याओं को हल करने की क्षमता विकसित की जाती है। AI मशीनें या टूल्स इंटरनेट पर मौजूद डेटा के आधार पर आउटपुट देते हैं। कंप्यूटर साइंटिस्ट एलन ट्यूरिंग ने वर्ष 1950 में भविष्यवाणी की थी कि ‘कुछ दशकों के भीतर कंप्यूटर मानव मस्तिष्क की नकल करेंगे।’ आज AI के रूप में हम उस भविष्यवाणी को सच साबित होते हुए देख सकते हैं। सवाल- AI हमारे जीवन को कैसे प्रभावित कर रहा है?
जवाब- AI आज हमारे रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है। यह टेक्नोलॉजी हमारे सोचने-समझने व निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित कर रही है। फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स आज AI का इस्तेमाल करके पर्सनलाइज्ड कंटेंट और विज्ञापन दिखाते हैं। इसके अलावा ई-कॉमर्स कंपनियां AI की मदद से यूजर्स की पसंद के आधार पर उन्हें उसी तरह के प्रोडक्ट्स सजेस्ट करती हैं। यानी सोशल मीडिया या ई-कॉमर्स कंपनियों की एल्गोरिदम आपके सोचने-समझने और सर्च करने के आधार पर काम करती है, जो हर एक यूजर के अनुसार अलग-अलग होती है। फिल्मों में भी AI का इस्तेमाल करके स्पेशल इफेक्ट, कैरेक्टर और स्टोरी लाइन बनाई जाती है। सवाल- नौकरीपेशा वाले लोगों को AI से क्या खतरा है?
जवाब- AI मशीनें इंसानों की तुलना में अधिक तेज, कुशल और सटीकता से काम करने में सक्षम हो रही हैं। ऐसे में सबसे बड़ी आशंका यही जताई जा रही है कि AI लोगों की नौकरी ले सकता है। AI लॉ एक्सपर्ट पवन दुग्गल बताते हैं कि मशीनें डेटा के आधार पर पैटर्न और पूर्वानुमान करती हैं और इसी के आधार पर काम करती हैं। लेकिन इंसानी दिमाग अभी भी सबसे ज्यादा पावरफुल है। AI इंसानों की मदद कर सकता है, लेकिन यह इंसानों की जगह नहीं ले सकता है। सवाल- AI के दौर में रिलेवेंट बने रहने के लिए क्या करें?
जवाब- इस बात से बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता है कि AI से नौकरीपेशा लोगों पर खतरा है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सभी नौकरियां खत्म हो जाएंगी। ऐसे में AI के दौर में रिलेवेंट बने रहने के लिए खुद को समय के साथ अपग्रेड रखना जरूरी है। हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि AI बहुत सी चीजें कर सकता है, लेकिन इंसान की क्रिएटिविटी, इमोशंस और सोचने-समझने की क्षमता का मुकाबला नहीं कर सकता है। इसलिए अपनी क्रिएटिविटी और सोचने-समझने की क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान दें। AI जॉब्स को ऑटोमेट कर सकता है, लेकिन लीडरशिप और टीमवर्क जैसी भूमिकाओं को नहीं निभा सकता है। इसलिए ये हमेशा रिलेवेंट बने रहेंगे। इसके अलावा AI के साथ मिलकर काम करने के लिए नई टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी हासिल करें। इसके लिए ऑनलाइन कोर्स, वेबिनार और सेमिनार में हिस्सा ले सकते हैं। सवाल- AI का किन क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा?
जवाब- पवन दुग्गल बताते हैं कि AI लगभग हर एक इंडस्ट्री को प्रभावित कर रहा है। आने वाले वर्षों में इसका प्रभाव और भी देखने को मिलेगा। हालांकि कुछ क्षेत्रों AI का असर ज्यादा देखने को मिल सकता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- आइए, अब ग्राफिक में दिए पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं- IT सेक्टर AI इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री को तेजी से बदल रहा है। इसने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, साइबर सिक्योरिटी और डेटा एनालिटिक्स को आसान बना दिया है। इससे इस फील्ड में काम करने वाले लोगों डिमांड घट सकती है। हालांकि AI ने इस क्षेत्र में मशीन लर्निंग इंजीनियर, AI सॉफ्टवेयर डेवलपर्स समेत नौकरी के कुछ अवसर भी क्रिएट किए हैं। कंटेंट क्रिएशन AI राइटिंग, ग्राफिक्स मेकिंग, वीडियो एडिटिंग, ऑडियो प्रोडक्शन को आसान बना रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री पर पड़ेगा। इससे मीडिया के क्षेत्र में नौकरी के अवसर कम हो सकते हैं। हेल्थकेयर और मेडिसिन AI से हेल्थकेयर इंडस्ट्री में बड़े बदलाव हो रहे हैं। यह बीमारियों का जल्दी और सटीक इलाज करने में मदद कर रहा है। साथ ही ट्रीटमेंट प्लान, मेडिकल रिसर्च और दवाइयों के प्रोडक्शन में भी अहम भूमिका निभा रहा है। इससे रिपिटेटिव मेडिकल जॉब्स पर खतरा बढ़ रहा है। एजुकेशन और लर्निंग अब पढ़ाई सिर्फ किताबों और क्लासरूम तक सीमित नहीं रह गई है। AI की मदद से पर्सनलाइज्ड लर्निंग, वर्चुअल टीचिंग, स्मार्ट क्लासरूम और एडवांस्ड असेसमेंट सिस्टम जैसी सुविधाएं शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला रही हैं। इसका सीधा असर टीचिंग और एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़ी नौकरियों पर पड़ सकता है। मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्री ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में रोबोट इंसानों की जगह ले रहे हैं। ऐसे में ऑटोमेशन और मशीन लर्निंग की वजह से प्रोडक्शन में इंसानों की डिमांड कम होगी। कस्टमर सर्विस और सपोर्ट AI-पावर्ड वर्चुअल असिस्टेंट और चैटबॉट्स अब 24*7 कस्टमर्स की सामान्य समस्याओं को हल करते हैं। इससे इंसानों की जरूरत कम हो रही है और कस्टमर केयर सर्विस की नौकरियों पर खतरा बढ़ रहा है। डिजिटल मार्केटिंग और विज्ञापन डिजिटल मार्केटिंग, कंटेंट क्रिएशन, एड कैम्पेन मैनेजमेंट और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में AI-पावर्ड टूल्स तेजी से अपनाए जा रहे हैं। इससे कई नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। खैर, AI भले ही तेजी से हर क्षेत्र में पैठ बना रहा है। लेकिन अगर व्यक्ति खुद को समय और टेक्नोलॉजी के अनुसार बदलता है तो वह हमेशा रिलेवेंट बना रहेगा। ……………… जरूरत की ये खबर भी पढ़िए जरूरत की खबर- हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय सावधान:इन 6 गलतियों से रिजेक्ट हो सकता है क्लेम, किस उम्र में इंश्योरेंस लेना बेहतर कुछ लोग हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय टर्म्स एंड कंडीशंस को ध्यान से नहीं पढ़ते हैं। ऐसे में जब वह किसी किसी मेडिकल इमरजेंसी में इंश्योरेंस क्लेम करते हैं तो क्लेम रिजेक्ट हो जाता है। इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय उससे जुड़ी डिटेल्स को बारीकी से पढ़ना चाहिए, ताकि क्लेम का प्रोसेस आसान हो। पूरी खबर पढ़िए…