देश के कई हिस्सों में हीटवेव ने समय से पहले ही दस्तक दे दी है। राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात समेत कई राज्यों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में तेज धूप के साथ गर्म हवाओं के चलने की उम्मीद जताई है। गर्मी की तपिश हमारी आंखों पर भी बुरा असर डालती है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायरनमेंटल हेल्थ एंड पब्लिक हेल्थ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, गर्म हवाएं आंखों की नाजुक परत यानी कॉर्निया पर सीधा असर डालती हैं। यह आई स्ट्रोक का कारण भी बन सकती हैं। ऐसे में जरूरी है कि इस मौसम में आंखों की एक्स्ट्रा केयर की जाए। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि हीटवेव आंखों के लिए कितनी खतरनाक है। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. श्रुति लांजेवार वासनिक, नेत्र रोग विशेषज्ञ, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल, मुंबई सवाल- हीटवेव का आंखों पर क्या असर पड़ता है? जवाब- तेज गर्म हवाएं और वातावरण में नमी की कमी के कारण आंखों की आंसुओं की पतली परत (tear film) जल्दी सूखने लगती है। इससे ड्राई आई सिंड्रोम की समस्या हो सकती है, जिसमें आंखों में जलन, खुजली, चुभन और धुंधला दिखना आम है। इसके अलावा तेज धूप की वजह से फोटोकेराटाइटिस (Photokeratitis) की समस्या हो सकती है। यह एक प्रकार की आंखों की सनबर्न है, जो अल्ट्रावायलेट (UV) किरणों के ज्यादा संपर्क में आने से होती है। सवाल- हीटवेव के दौरान क्या आई स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है? जवाब- आई स्ट्रोक को मेडिकल भाषा में रेटिनल आर्टरी ओक्लूजन (Retinal Artery Occlusion) कहा जाता है। यह तब होता है, जब आंख के पीछे मौजूद रेटिना तक खून पहुंचाने वाली किसी नस में रुकावट आ जाती है। गर्मी के दिनों में शरीर को अपना तापमान ठंडा रखने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में शरीर में पानी की कमी हो सकती है, खून गाढ़ा हो सकता है और ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है। इन वजहों से आंखों तक खून का सही से पहुंचना मुश्किल हो जाता है। इस कारण इस मौसम में ‘आई स्ट्रोक’ का खतरा बढ़ जाता है। सवाल- हीटवेव की वजह से आई स्ट्रोक के लक्षण क्या हैं? जवाब- आमतौर पर हीटवेव के कारण आई स्ट्रोक के मामले बेहद कम होते हैं, लेकिन जब ऐसा होता है तो इसके लक्षण अचानक और स्पष्ट रूप से सामने आते हैं। जैसेकि- जैसे ही ऐसे लक्षण महसूस हों, तुरंत किसी नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें। सवाल- हीटवेव की वजह से आई स्ट्रोक का खतरा किन्हें ज्यादा होता है? जवाब- हीटवेव में आई स्ट्रोक का खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है, जिनकी सेहत पहले से थोड़ी कमजोर होती है या जो ज्यादा देर तक धूप में रहते हैं। जैसेकि- सवाल- गर्मियों में ड्राई आई सिंड्रोम की समस्या क्यों बढ़ती है? जवाब- गर्मियों के मौसम में तापमान बढ़ने के साथ-साथ हवा में नमी (ह्यूमिडिटी) कम हो जाती है, जिससे आंखों की सतह पर मौजूद नमी जल्दी सूखने लगती है। यही वजह है कि इस मौसम में ड्राई आई सिंड्रोम यानी आंखों के सूखने की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। खासकर, जो लोग कम्प्यूटर, मोबाइल या टीवी स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताते हैं, उनकी पलकें कम झपकती हैं, जिससे आंखों की नमी तेजी से कम होने लगती है। सवाल- हीटवेव के खतरे से आंखों को कैसे बचा सकते हैं? जवाब- डॉ. श्रुति लांजेवार वासनिक बताती हैं कि बाहर निकलते वक्त अच्छी क्वालिटी का UV प्रोटेक्शन वाला सनग्लास पहनना सबसे पहली और जरूरी सावधानी है। ये आंखों को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाता है। इसके अलावा सिर पर टोपी पहनें या छाते का इस्तेमाल करें, ताकि धूप सीधे आंखों पर न पड़े। इसके अलावा ड्राईनेस से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। साथ ही कुछ अन्य जरूरी सावधानियां भी बरतें। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- क्या धूप के चश्मे आंखों को पूरी तरह UV किरणों से बचा सकते हैं? जवाब- हां, धूप के चश्मे (सनग्लासेस) आपकी आंखों को UV किरणों से बचा सकते हैं, लेकिन सिर्फ तभी जब वे अच्छे और सही प्रकार के हों। इसलिए 100% UV प्रोटेक्शन वाला चश्मा चुनें। इसके अलावा ब्रांडेड या सर्टिफाइड चश्मा लें। लोकल या सस्ती मार्केट में मिलने वाले चश्मे आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। सवाल- हीटवेव के दौरान बच्चों आंखों की देखभाल कैसे करें? जवाब- बच्चों की आंखें नाजुक होती हैं। ऐसे में उन्हें खास देखभाल की जरूरत होती है। पेरेंट्स बच्चों को स्कूल या खेलने के लिए बाहर भेजते वक्त सनग्लास जरूर पहनाएं। अक्सर बच्चे आंखों को रगड़ते हैं या गंदे हाथों से छूते हैं, जिससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। उन्हें बार-बार आंखों में हाथ न डालने की आदत डालें और स्कूल से लौटने के बाद साफ पानी से आंखें धुलवाएं। सवाल- किन लोगों को इस मौसम में आंखों की अतिरिक्त केयर करनी चाहिए? जवाब- डॉ. श्रुति लांजेवार वासनिक बताती हैं कि बुजुर्गों को इस मौसम में अपनी आंखों का खास ख्याल रखना चाहिए, खासकर अगर उन्हें हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज जैसी बीमारियां हैं। ऐसे लोगों की नसें पहले से ही कमजोर होती हैं और तेज गर्मी का असर उनकी आंखों पर जल्दी हो सकता है। इन लोगों को दिन में कई बार ठंडे पानी से आंखों को धोना या छींटे मारने चाहिए। इससे आंखों को ठंडक मिलती है और जलन या सूखापन कम हो सकता है। ………………… सेहत से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… सेहतनामा- आंखों का साइलेंट किलर है ग्लूकोमा:शुरुआत में नहीं दिखते लक्षण, फिर हो जाता है अंधापन ग्लूकोमा भारत में पिछले कुछ सालों में एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है। फिलहाल भारत में इससे 1.2 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। यह एक क्रॉनिक डिजीज है, जो धीरे-धीरे ऑप्टिक नर्व को डैमेज करती है। पूरी खबर पढ़िए…