मार्च का महीना आधे से ज्यादा बीत चुका है। अब हर दिन तापमान में बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी। गर्मी बढ़ने के साथ ही लू, डिहाइड्रेशन और थकान जैसी समस्याएं आम हो जाएंगी। इस मौसम में खुद को स्वस्थ और एनर्जेटिक बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। गर्मियों में शरीर को सामान्य और हाइड्रेटेड रखना बेहद जरूरी है। सही खानपान, पर्याप्त पानी, हल्के कपड़े और स्किन केयर जैसी अच्छी आदतें अपनाकर न केवल इस मौसम का आनंद लिया जा सकता है, बल्कि आने वाले गर्म दिनों में भी खुद को फिट और एक्टिव रखा जा सकता है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि गर्मियों में अपनी सेहत का कैसे ध्यान रखें। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. अकबर नकवी, जनरल फिजिशियन, नई दिल्ली डॉ. पूनम तिवारी, सीनियर डाइटीशियन, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ सवाल- गर्मियों में किस तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है? जवाब- डॉ. अकबर नकवी बताते हैं कि तेज धूप और अधिक टेम्परेचर के कारण शरीर का तापमान भी असंतुलित हो सकता है। लू लगने की वजह से सिरदर्द, चक्कर आना या कमजोरी की स्थिति बन सकती है। इसके अलावा इस मौसम में शरीर में पानी और जरूरी मिनरल्स की कमी हो सकती है। बासी या दूषित भोजन और गंदे पानी से पेट में इन्फेक्शन हो सकता है, जिससे उल्टी, दस्त और फूड पॉइजनिंग हो सकती है। सवाल- गर्मी में इन्फेक्शन या बीमारियों से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- इसके लिए सबसे जरूरी है शरीर को हाइड्रेटेड रखना। दिनभर भरपूर मात्रा में पानी पिएं और नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ जैसी नेचुरल ड्रिंक्स लें। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। इसके अलावा हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें, जिससे पसीना आसानी से सूख सके और बैक्टीरिया न पनपें। टाइट और सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचना चाहिए क्योंकि वे नमी को रोकते हैं और स्किन इन्फेक्शन का खतरा बढ़ाते हैं। साथ ही कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखना जरूरी है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- गर्मी के मौसम में हमारा पाचन तंत्र कमजोर क्यों हो जाता है? जवाब- सीनियर डाइटीशियन डॉ. पूनम तिवारी बताती हैं कि शरीर के टेम्परेचर को कंट्रोल करने में पाचन तंत्र की अहम भूमिका होती है। गर्मी में जब शरीर अधिक गर्म होता है तो वह पाचन के बजाय शरीर को ठंडा रखने पर अधिक एनर्जी खर्च करता है। ‘गैस्ट्रिक मोटिलिटी’ (पाचन तंत्र की गति) भी धीमी हो जाती है, जिससे खाना पचने में अधिक समय लगता है। यही कारण है कि गर्मियों में लोगों को अक्सर भारीपन, अपच और एसिडिटी की शिकायत होती है। इसके अलावा गर्मियों में गट माइक्रोबायोम (आंतों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया) भी प्रभावित होते हैं। हाई टेम्परेचर और पानी की कमी के कारण अच्छे बैक्टीरिया कम हो सकते हैं, जिससे पाचन तंत्र असंतुलित हो सकता है और इन्फेक्शन की संभावना बढ़ सकती है। सवाल- गर्मियों में पाचन से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए डाइट में किस तरह के बदलाव करने चाहिए? जवाब- खानपान का सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। ऐसे में गर्मियों में सही डाइट न लेने से डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए अपनी डाइट में हल्का भोजन, पर्याप्त न्यूट्रिएंट्स और हाइड्रेटिंग चीजों शामिल करना चाहिए। इसके लिए पॉइंटर्स में दी इन बातों का ध्यान रखें। जैसेकि- सवाल- गर्मी के मौसम में मच्छरों से बचाव के लिए क्या सावधानियां जरूरी हैं? जवाब- गर्मियों में मच्छरों की संख्या बढ़ने से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इन बीमारियों से बचाव के लिए कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। इसके लिए इन उपायों को अपना सकते हैं। ………………….. सेहत से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
सेहतनामा- एक साल में दोगुने से ज्यादा हुए डेंगू केस:भारत में गर्मी बढ़ने से बढ़ रहा खतरा, डॉक्टर से जानें हर जरूरी सवाल का जवाब
साइंस जर्नल ‘नेचर’ में पब्लिश फिलीपींस और प्यूर्तो रिको की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टेम्प्रेचर बढ़ने से डेंगू के मामले भी बढ़ते हैं। पिछले 10-15 वर्षों में भारत के तापमान में 5-7 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। इसका मतलब है कि भारत में भी डेंगू का जोखिम बढ़ रहा है। पूरी खबर पढ़िए…