जरूरत की खबर- पब्लिक Wi-Fi का इस्तेमाल न करें:मोबाइल हैक और पर्सनल डेटा चोरी हो सकता है, एक्सपर्ट से जानें कैसे रहें सेफ

आज के वक्त में इंटरनेट लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। ऑनलाइन क्लास, डिजिटल लर्निंग, ऑफिस वर्क, OTT प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया के इस्तेमाल के लिए लोग इंटरनेट का सहारा लेते हैं। हालांकि सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है, जब हम किसी ऐसी जगह पर हों, जहां मोबाइल का डेटा इंटरनेट काम नहीं कर रहा हो। ऐसे में लोग पब्लिक Wi-Fi की तलाश करते हैं। आमतौर पर पब्लिक Wi-Fi रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, एयरपोर्ट, होटल या रेस्टोरेंट जैसी सार्वजनिक जगहों पर उपलब्ध होते हैं। यह पूरी तरह से मुफ्त होते हैं। इन्हें कोई भी अपने मोबाइल, टैबलेट या लैपटॉप से कनेक्ट कर सकता है। पब्लिक Wi-Fi का इस्तेमाल सुविधाजनक तो है है, लेकिन यह जोखिम भरा भी हो सकता है। हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने छात्रों को पब्लिक Wi-Fi से पर्सनल या प्रोफेशनल अकाउंट लॉगिन न करने की सलाह दी है क्योंकि इसके इस्तेमाल से लोग स्कैम या फ्रॉड का शिकार भी हो सकते हैं। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि पब्लिक Wi-Fi क्यों सुरक्षित नहीं है? साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: पवन दुग्गल, साइबर एक्सपर्ट, नई दिल्ली सवाल- पब्लिक Wi-Fi क्या है?
जवाब- यह एक ऐसा वायरलेस इंटरनेट कनेक्शन है, जो कैफे, रेस्तरां, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और पब्लिक लाइब्रेरी जैसी सार्वजनिक जगहों पर लगा होता है। आमतौर पर यह सुविधा पूरी तरह से मुफ्त होती है। एक सामान्य पासवर्ड डालकर कोई भी इसका इस्तेमाल कर सकता है। कई जगहों पर बिना पासवर्ड के भी पब्लिक Wi-Fi को आप सीधे अपने डिवाइस से कनेक्ट कर सकते हैं। सवाल- पब्लिक Wi-Fi के क्या फायदे हैं?
जवाब- पब्लिक Wi-Fi की सबसे ज्यादा जरूरत यात्रा के दौरान पड़ती है। खासकर मेट्रो स्टेशन, बड़े बाजारों, स्टेडियम और भीड़भाड़ वाले इलाकों में इंटरनेट कमजोर हो जाता है। ऐसे में पब्लिक Wi-Fi का इस्तेमाल करके आप बेहतर कनेक्टिविटी पा सकते हैं। सवाल- पब्लिक Wi-Fi का इस्तेमाल करना खतरनाक क्यों हो सकता है?
जवाब- साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल बताते हैं कि पब्लिक Wi-Fi से कोई भी कनेक्ट कर सकता है। हैकर्स पब्लिक Wi-Fi के जरिए आपके फोन या लैपटॉप में मालवेयर या वायरस डाल सकते हैं, जिससे आपका सिस्टम हैक हो सकता है। यही वजह है कि पब्लिक Wi-Fi पर हैकिंग, डेटा चोरी का खतरा बढ़ जाता है। इसका इस्तेमाल कई तरह से खतरनाक है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- किन जगहों पर पब्लिक Wi-Fi का यूज करना ज्यादा खतरनाक है? जवाब- अक्सर पब्लिक Wi-Fi की सिक्योरिटी कमजोर होती है। साथ ही ओपन नेटवर्क होने के कारण साइबर अपराधियों के लिए इन्हें निशाना बनाना आसान होता है। इसलिए कुछ जगहों पर पब्लिक Wi-Fi का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। इन्हें पॉइंट्स से समझिए- कैफे और रेस्टोरेंट: कुछ कैफे और रेस्टोरेंट फ्री Wi-Fi की सुविधा देते हैं, लेकिन उनकी नेटवर्क सिक्योरिटी मजबूत नहीं होती है। हैकर्स ऐसी जगहों पर फेक Wi-Fi नेटवर्क सेट कर सकते हैं, जिससे यूजर्स की जानकारी चोरी हो सकती है। शॉपिंग मॉल और रिटेल स्टोर्स: शॉपिंग मॉल में फ्री Wi-Fi के जरिए लोग पेमेंट ट्रांजैक्शन या सोशल मीडिया एप्स का इस्तेमाल करते हैं। ऐसी जगहों पर फिशिंग अटैक और मालवेयर के जरिए आपकी बैंक डिटेल्स चोरी हो सकती हैं। एयरपोर्ट्स और रेलवे स्टेशन: अक्सर एयरपोर्ट्स और रेलवे स्टेशन जैसी सार्वजनिक जगहों पर हजारों लोग मौजूद होते हैं। ऐसे में फेक Wi-Fi पोर्टल के जरिए हैकर्स आपका पर्सनल डेटा चोरी कर सकते हैं। होटल और रिसॉर्ट्स: अक्सर होटल और रिसॉर्ट्स अपने पब्लिक Wi-Fi की सिक्योरिटी अपडेट नहीं रखते हैं। इस कारण मालवेयर या वायरस आपके डिवाइस तक पहुंच सकता है। ऐसे में अगर आप होटल Wi-Fi से किसी बैंकिंग साइट, सोशल मीडिया एप को लॉगिन करते हैं तो हैकर्स आपकी सेंसिटिव जानकारी चुरा सकते हैं। सवाल- पब्लिक Wi-Fi का इस्तेमाल करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
जवाब- आमतौर पर पब्लिक Wi-Fi का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। अगर किसी जरूरी काम के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- पब्लिक Wi-Fi के सुरक्षित विकल्प क्या हैं?
जवाब- आज के डिजिटल युग में सभी के लिए सिक्योरिटी और डेटा प्राइवेसी बेहद जरूरी है। इसे सिक्योर रखने के लिए पब्लिक Wi-Fi के इस्तेमाल से बचना चाहिए। इसकी जगह कई अन्य सुरक्षित विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे पॉइंट्स से समझिए- पर्सनल हॉटस्पॉट बैंकिंग, ईमेल, सोशल मीडिया लॉगिन जैसी सेंसिटिव जानकारी के लिए मोबाइल हॉटस्पॉट सबसे अच्छा विकल्प है। मोबाइल हॉटस्पॉट पब्लिक Wi-Fi से ज्यादा सिक्योर होता है। इससे डेटा ट्रांसफर एन्क्रिप्टेड रहता है, जिससे साइबर अटैक की संभावना कम होती है। इसलिए लैपटॉप या अन्य कोई डिवाइस इंटरनेट से कनेक्ट करने के लिए अपने मोबाइल का हॉटस्पॉट ऑन करें। इसे आप खुद कंट्रोल करते हैं। हॉटस्पॉट सेटिंग्स में WPA2 या WPA3 सिक्योरिटी ऑन करें ताकि कोई अजनबी इसका इस्तेमाल न कर सके। USB टेथरिंग बेहतर विकल्प USB टेथरिंग का मतलब है, फोन का इंटरनेट कनेक्शन लैपटॉप या कम्प्यूटर से शेयर करना। इसमें मोबाइल को USB केबल से लैपटॉप से जोड़कर इंटरनेट शेयर किया जाता है। यह पब्लिक Wi-Fi से ज्यादा सिक्योर और स्टेबल कनेक्शन देता है। इससे एक बार में एक ही डिवाइस कनेक्ट हो सकती है। ……………….. साइबर ठगी से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए जरूरत की खबर- मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी:सरकार कभी खुद फोन करके लोन नहीं देती
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