जरूरत की खबर- बहराइच में भेड़ियों का आतंक:अगर कहीं जंगली जानवर हमला कर दे तो क्या करें, बचाव के 5 उपाय

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की महसी तहसील में बीते दो महीनों में भेड़ियों के हमले से 10 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। वन विभाग ने अब तक कुल 6 भेड़ियों में से 5 को पकड़ लिया है। वहीं एक भेड़िया अभी भी पकड़ से दूर है, जिसे पकड़ने के लिए वन विभाग की 165 लोगों की टीम को लगाया गया है। बहराइच के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार व झारखंड के कई हिस्सों में हाथी, सियार, भेड़िया, लकड़बग्घा, तेंदुए और जंगली सुअरों की दहशत देखने को मिल रही है। इन हमलों की वजह से ग्रामीण खुलकर अपना जीवनयापन नहीं कर पा रहे हैं। सिर्फ गांव में रहने वाले लोगों पर ही नहीं, बल्कि जीवन में कभी भी इस तरह की स्थिति पैदा हो सकती है कि किसी जानवर से अचानक हमारा सामना हो जाए। देश के कई शहर ऐसे हैं, जिनके आसपास घने जंगल हैं, जहां लोग अकसर घूमने या पिकनिक मनाने जाते हैं। ऐसी जगहों पर भी कभी अचानक हमारा किसी खतरनाक जानवर से सामना हो सकता है। इसलिए आज जरूरत की खबर में हम बात करेंगे कि जंगली जानवरों के हमलों से खुद का बचाव कैसे करें। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. अख्तर हुसैन खान, लेखक एवं इंडियन फॉरेस्ट सर्विस के रिटायर्ड अधिकारी सवाल- अचानक जंगली जानवरों के हमले की घटनाएं इतनी तेजी से क्यों बढ़ी हैं? जवाब- डॉ. अख्तर हुसैन खान बताते हैं कि आमतौर पर भेड़िया, गुलदार या तेंदुआ जैसे खतरनाक जानवर जंगली इलाकों में ही अपना शिकार ढूंढते हैं। लेकिन बरसात के मौसम में वन्य क्षेत्रों या खेतों में पानी भर जाने की वजह से ये वन्य जीव ऊंची जगहों या मैदानी इलाकों की तरफ रुख करते हैं। चूंकि ज्यादातर ऊंची जगहें गांवों, कस्बों के आसपास होती हैं तो वन्य जीव खुद को सुरक्षित रखने के लिए ऐसी जगह तलाशते हैं। इसके अलावा बारिश के मौसम में खेतों और जंगलों में पानी जमा होने की वजह से इन्हें अपना शिकार आसानी से नहीं मिल पाता है। लिहाजा वह आबादी वाले क्षेत्रों की तरफ निकलते हैं और मौका मिलते ही हमला कर देते हैं। सवाल- भेड़िए किन लोगों को अपना शिकार ज्यादा बनाते हैं? जवाब- डॉ. अख्तर हुसैन खान बताते हैं कि भेड़िए हमेशा दबे पांव अपने शिकार पर हमला करते हैं। वह ऐसा शिकार करते हैं, जिसे वह आसानी से अपने मुंह में दबाकर दूर भाग सकें। यही वजह है कि इंसानों के छोटे बच्चों, भेड़-बकरियों के बच्चों को वह अपना टारगेट बनाते हैं। आमतौर पर भेड़िए एडल्ट इंसानों से डरते हैं। इसलिए एडल्ट लोगों को इनसे ज्यादा खतरा नहीं है। हालांकि हर किसी के लिए सावधानी और सतर्कता बरतना जरूरी है। सवाल- जंगली जानवरों के हमले से कैसे बच सकते हैं? जवाब- आमतौर पर गांव-कस्बों या जंगल के आसपास रहने वाले लोगों के जंगली जानवरों से सामना होने की आशंका ज्यादा होती है। ऐसे में इन लोगों को जंगली जानवरों के हमले से खुद को बचाने के लिए हमेशा सर्तक और सावधान रहना चाहिए। नीचे ग्राफिक में दिए कुछ टिप्स अपनाकर जंगली जानवरों के हमले से खुद को बचा सकते हैं। सवाल- तेंदुआ या भेड़िया घर के आसपास न आए, इसके लिए क्या करें? जवाब- इसके लिए कुछ जरूरी बातों का ख्याल रखें। जैसेकि- सवाल- अगर अचानक भेड़िया सामने आ जाए तो अपना बचाव कैसे करें? जवाब- अन्य वन्य जीवों की तरह भेड़िए को भी इंसानी आबादी से डर लगता है। यही वजह है कि यह दिन के समय शिकार के लिए कम निकलते हैं। इसके अलावा यह हमेशा शिकार के लिए झुंड में निकलते हैं। नीचे दिए ग्राफिक में देखिए कि अचानक भेड़िए के सामने आने पर बचाव के लिए क्या उपाय अपना सकते हैं। सवाल- अगर भेड़िया या कोई जंगली जानवर काट ले तो कौन सा मेडिकल ट्रीटमेंट तुरंत दिया जाना जरूरी है? जवाब- सीनियर फिजिशियन डॉ. उर्वी महेश्वरी बताती हैं कि अगर कुत्ता, भेड़िया या कोई अन्य जंगली जानवर काट ले तो घायल को तुरंत अस्पताल ले जाएं और डॉक्टर से संपर्क करें। उस व्यक्ति को तुरंत ये इंजेक्शन लगने जरूरी हैं- एंटी-रेबीज इंजेक्शन: जंगली जानवर के काटने के बाद तुरंत एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवाना चाहिए क्योंकि जानवर की लार में रेबीज वायरस होता है, जो काटने के दौरान शरीर में प्रवेश कर सकता है। एंटी-रेबीज इंजेक्शन रेबीज वायरस को शरीर में फैलने से रोकता है। टिटनेस इंजेक्शन: जंगली जानवरों की लार और घाव में टिटनेस बैक्टीरिया हो सकता है, जो शरीर में प्रवेश कर सकता है। इसे शरीर में फैलने से रोकने के लिए तुरंत टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना जरूरी है। एंटीबायोटिक्स दवाएं लें: डॉक्टर के परामर्श से एंटीबायोटिक्स दवाएं जरूर लें। इससे घाव को इन्फेक्शन से बचाने और जल्दी ठीक करने में मदद मिलेगी।