जरूरत की खबर- मटके का पानी सेहत के लिए वरदान:आयुर्वेदाचार्य से जानें इसके अद्भुत फायदे, इस्तेमाल के दौरान बरतें 10 सावधानियां

गर्मी के मौसम में ठंडा पानी पीना भला किसे पसंद नहीं है। आजकल तो लोगों के पास फ्रिज मौजूद है। वे उसमें रखा पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं। हालांकि फ्रिज के इस दौर में भी मिट्टी से बने मटके का क्रेज बिल्कुल भी खत्म नहीं हुआ है। ये न सिर्फ पानी को प्राकृतिक रूप से ठंडा रखता है, बल्कि सेहत के लिए भी कई तरह से फायदेमंद है। भारत में सदियों से मिट्टी के घड़े या सुराही में पानी रखने की परंपरा रही है। आयुर्वेद में इसके कई फायदे बताए गए हैं। साइंस भी इस बात को काफी हद तक मानता है। जर्नल ऑफ इजिप्शियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन (JEPHA) में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, मिट्टी के बर्तन में रखा पानी प्लास्टिक की बोतलों के मुकाबले ज्यादा साफ और सुरक्षित होता है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (NIN) भी मिट्टी के बर्तन के इस्तेमाल को सबसे सेफ और लाभदायक मानता है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में मिट्टी के घड़े में पानी पीने के फायदों के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. पी.के. श्रीवास्तव, पूर्व सीनियर कंसल्टेंट, राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, लखनऊ सवाल- मिट्टी के बर्तन में पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा कैसे होता है? जवाब- मिट्टी के बर्तन में छोटे-छोटे पोर्स (छिद्र) होते हैं। जब इन छिद्रों से पानी रिसकर बर्तन की बाहरी सतह पर आता है तो यह वाष्पित होने लगता है। यह एक ऊष्मा-शोषी प्रक्रिया है। इसका मतलब है कि जब पानी भाप बनता है तो उसे अपने आसपास की चीजों से गर्मी लेनी पड़ती है। इसके लिए पानी बर्तन और उसके अंदर मौजूद पानी से गर्मी लेता है। इस प्रक्रिया से बर्तन और उसके अंदर का पानी धीरे-धीरे ठंडा हो जाता है। यह बिल्कुल उसी तरह काम करता है, जैसे पसीने से हमारी स्किन ठंडी होती है। सवाल- मटके का पानी पीना हमारी सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है? जवाब- मिट्टी प्राकृतिक रूप से क्षारीय (गैर अम्लीय पदार्थ) होती है। इसलिए मिट्टी के बर्तन में रखा पानी शरीर के pH लेवल को संतुलित करने में मदद करता है। इससे एसिडिटी और गैस जैसी समस्याएं कम होती हैं। pH लेवल यह बताता है कि कोई तरल पदार्थ कितना खट्टा है। मिट्टी के बर्तन में मौजूद मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे मिनरल्स पानी में घुलते हैं, जो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा मटके का पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है, जिसे पीने से गले में झटका नहीं लगता और शरीर का तापमान भी मेंटेन रहता है। मिट्टी में मौजूद गुण पानी को शुद्ध करते हैं, जो शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करते हैं। नीचे दिए ग्राफिक से इसके और फायदे समझिए- सवाल- फ्रिज के पानी के मुकाबले मटके का पानी क्यों बेहतर है? जवाब- आयुर्वेदाचार्य डॉ. पी. के. श्रीवास्तव बताते हैं कि फ्रिज का पानी शरीर को तेजी से ठंडा करता है। इससे गले में सूजन, कोल्ड या थ्रोट इन्फेक्शन की संभावना बढ़ती है। वहीं मिट्टी के बर्तन का पानी 20-25°C तक ही ठंडा होता है, जो शरीर के तापमान के अनुकूल है। फ्रिज का ज्यादा ठंडा पानी पाचन क्रिया को धीमा कर सकता है, जबकि मटके का पानी पाचन को सपोर्ट करता है। इसके अलावा मटके का पानी पीने से बिजली की बचत भी होती है। सवाल- क्या रोजाना मटके का पानी पीना सुरक्षित है? जवाब- डॉ. पी. के. श्रीवास्तव बताते हैं कि नियमित रूप से मटके का पानी पीना सेहत के लिए पूरी तरह सुरक्षित और फायदेमंद है। यह शरीर को पर्याप्त हाइड्रेशन और कुछ जरूरी मिनरल्स देता है। सवाल- मटके को साफ करने का सही तरीका क्या है? जवाब- इसके लिए सबसे पहले मटके को पूरी तरह खाली करें। फिर इसे अंदर से मुलायम कपड़े या स्पंज से साफ करें। मटके के अंदर हाथ डालकर सफाई करने से बचें, क्योंकि इससे पानी का ठंडा होना कम हो सकता है। इसे बाहर से अच्छी तरह धो सकते हैं। कभी-कभी मटके के अंदर सफेद परत जम जाती है। इसे हटाने के लिए नींबू का रस, बेकिंग सोडा, विनेगर या नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इनमें से किसी भी चीज को पानी में मिलाकर मटके में डालें। इसके बाद उसे अच्छी तरह से घुमाएं। अंत में ताजे पानी से धोकर धूप में सुखा लें। इससे मटके में किसी भी तरह के बैक्टीरिया नहीं रह जाते हैं। सवाल- क्या मटके में बैक्टीरिया पनपने का खतरा रहता है? जवाब- मटके में पोर्स होते हैं, जिससे उसमें नमी बनी रहती है। अगर समय पर ठीक ढंग से इसकी सफाई नहीं होती तो फंगस या बैक्टीरिया पनप सकते हैं। नियमित धूप में सुखाने और सफाई करने पर यह खतरा न के बराबर रहता है। सवाल- मटका इस्तेमाल करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- नया घड़ा या सुराही खरीदने के बाद उसे कम-से-कम 12 घंटे तक पानी में भिगोकर रखें। इसके बाद इसमें साफ पानी भरकर रखें। रोजाना या हर दूसरे दिन इसका पानी जरूर बदलें और धूप में सुखाएं, ताकि मटके में नमी और फंगस न रहे। इसे तेज डिटर्जेंट या साबुन से बिल्कुल भी साफ न करें। इसके अलावा कुछ और बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- क्या मटके का पानी पीना हर किसी के लिए सुरक्षित है? जवाब- डॉ. पी. के. श्रीवास्तव बताते हैं कि आमतौर ये सभी लोगों के लिए सुरक्षित है। लेकिन अगर किसी को डस्ट या मिट्टी से एलर्जी है तो उसे कुछ प्रॉब्लम हो सकती है। इसके अलावा कीमोथेरेपी पर चल रहे लोगों को डॉक्टर की सलाह के बिना मटके का पानी नहीं पीना चाहिए। …………………. जरूरत की ये खबर भी पढ़िए जरूरत की खबर- गर्मी में बढ़ता बीमारियों का खतरा: बदलें अपने खानपान के तरीके, एक्सपर्ट्स से जानें स्वस्थ रहने के उपाय गर्मियों में शरीर को सामान्य और हाइड्रेटेड रखना बेहद जरूरी है। सही खानपान, पर्याप्त पानी, हल्के कपड़े और स्किन केयर जैसी अच्छी आदतें अपनाकर न केवल इस मौसम का आनंद लिया जा सकता है, बल्कि आने वाले गर्म दिनों में भी खुद को फिट और एक्टिव रखा जा सकता है। पूरी खबर पढ़िए…