संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। 13 जनवरी से महाकुंभ का शुभारंभ हो जाएगा। प्रयागराज मेला प्राधिकरण के मुताबिक, 45 दिनों तक चलने वाले इस महाकुंभ में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं ने ठहरने के लिए होटल, धर्मशाला और कुंभ क्षेत्र में बने टेंट सिटी के कॉटेज की ऑनलाइन बुकिंग करनी शुरू कर दी है। हालांकि महाकुंभ को लेकर साइबर क्रिमिनल्स भी एक्टिव हो गए हैं, जो होटल या टेंट सिटी कॉटेज में बुकिंग के नाम पर श्रद्धालुओं को ठगी का शिकार बना रहे हैं। इसे लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल (X) पर एक वीडियो पोस्ट किया है। इसके जरिए यूपी पुलिस ने श्रद्धालुओं को साइबर फ्रॉड से सतर्कता बरतने के लिए आगाह किया है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि महाकुंभ के नाम पर हो रहे साइबर फ्रॉड से कैसे बचें? साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर, उत्तर प्रदेश पुलिस सवाल- महाकुंभ के नाम पर साइबर क्रिमिनल्स कैसे ठगी को अंजाम दे रहे हैं? जवाब- श्रद्धालुओं को ठगने के लिए साइबर क्रिमिनल्स फर्जी वेबसाइट्स बना रहे हैं। वे इन वेबसाइट्स पर सस्ते दामों में होटल या कॉटेज की बुकिंग करने का लालच देते हैं। साथ ही श्रद्धालुओं से बुकिंग के लिए एडवांस पेमेंट करने के लिए कहते हैं। सस्ती बुकिंग के लालच में आकर भोले-भाले लोग एडवांस पेमेंट कर देते हैं और स्कैमर्स के जाल में फंस जाते हैं। सवाल- उत्तर प्रदेश पुलिस ने महाकुंभ को लेकर क्या एडवाइजरी जारी की है? जवाब- उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक्स (ट्विटर) पर एक शॉर्ट वीडियो शेयर किया है। इसमें एक परिवार वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन प्रयागराज महाकुंभ के लिए एडवांस होटल और टैक्सी बुक करता है, लेकिन प्रयागराज पहुंचकर जब वह वेबसाइट पर दिए नंबर पर कॉल करता है तो नंबर बंद आता है। वह किसी तरह होटल के एड्रेस पर पहुंचता है, लेकिन वहां कोई होटल नहीं मिलता। होटल की जगह एक खाली प्लॉट होता है। इस तरह वह फेक वेबसाइट के जाल में फंस जाता है और साइबर ठगी का शिकार हो जाता है। इस वीडियो के जरिए पुलिस ने लोगों से रजिस्टर्ड वेबसाइट से ही होटल बुकिंग करने की अपील की है। सवाल- पुलिस को यह एडवाइजरी जारी करने की जरूरत क्यों पड़ी? जवाब- कुछ दिन पहले प्रयागराज पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था। ये लोग फर्जी वेबसाइट के जरिए श्रद्धालुओं को अपना निशाना बना रहे थे। उनसे टेंट सिटी में कॉटेज और शहर में होटल बुकिंग के नाम पर ऑनलाइन ठगी कर रहे थे। सवाल- महाकुंभ के लिए होटल बुक करते समय किन बातों का ध्यान रखें? जवाब- उत्तर प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन ने प्रयागराज के रजिस्टर्ड होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस की एक लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में होटल के नाम और एड्रेस के साथ उसका कॉन्टैक्ट नंबर दिया गया है। अगर आप भी महाकुंभ जाने के लिए एडवांस होटल बुकिंग करना चाहते हैं तो पहले इस लिस्ट को जरूर देखें। लिस्ट में दिए फोन नंबर के जरिए ही बुकिंग करें। रजिस्टर्ड होटल की यह लिस्ट महाकुंभ और प्रयागराज जिले की ऑफिशियल वेबसाइट पर मौजूद है। इसके अलावा प्रयागराज पुलिस ने इसे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया है। नीचे दिए ग्राफिक में इसे देखिए- सवाल- टेंट सिटी के कॉटेज में ठहरने के लिए क्या करें? जवाब- महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए टेंट सिटी बसाई गई है। निगम की वेबसाइट और महाकुंभ एप के जरिए इसमें ठहरने के लिए बुकिंग कर सकते हैं। टेंट सिटी में श्रद्धालुओं को योग और यज्ञ करने की भी सुविधा मिलेगी। नीचे दिए ग्राफिक में टेंट सिटी के रजिस्टर्ड कॉटेज की लिस्ट देख सकते हैं। सवाल- महाकुंभ 2025 में साइबर क्रिमिनल्स से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखें? जवाब- साइबर क्रिमिनल्स श्रद्धालुओं और पर्यटकों को फंसाने के लिए फर्जी वेबसाइट्स और सोशल मीडिया विज्ञापनों का सहारा लेते हैं। जब कोई इनके जरिए संपर्क करता है तो साइबर क्रिमिनल्स ऑफर का लालच देकर एडवांस में पेमेंट करा लेते हैं। इसलिए इन फर्जी वेबसाइट्स और सोशल मीडिया विज्ञापनों के झांसे में न आएं। किसी भी वेबसाइट पर विजिट करने से पहले उसके URL में ‘https’ (हाइपर टेक्सट ट्रांसफर प्रोटोकॉल सिक्योर) जरूर देखें। यहां ‘s’ का मतलब सिक्योर होता है। अगर किसी वेबसाइट में सिर्फ http लिखा है तो उस पर विजिट न करें। इसके अलावा अगर कोई आपको फोन करके सस्ते दामों में रहने-खाने की व्यवस्था का लालच दे तो सावधान हो जाएं। नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि महाकुंभ 2025 के लिए होटल बुकिंग करते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सवाल- साइबर ठगी का शिकार होने पर क्या करें? जवाब- प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है। इस नंबर पर महाकुंभ से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या होने पर मदद मांग सकते हैं। इसके अलावा साइबर क्राइम का शिकार होने पर नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1930 या साइबर क्राइम की ऑफिशियल वेबसाइट (www.cybercrime.gov.in) पर शिकायत कर सकते हैं। ………………
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