बीते दिनों उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में STF और फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FSDA) ने नकली चायपत्ती बनाने वाली एक फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। इस फैक्ट्री से 11 हजार किलो नकली चायपत्ती, सिंथेटिक कलर और सैंडस्टोन बरामद किया गया। इसकी कीमत करीब 13 लाख रुपए आंकी गई। भारत में चाय के शौकीन लोगों की कमी नहीं है। एक सर्वे के मुताबिक तकरीबन 80% भारतीयों के दिन की शुरुआत चाय से होती है। लेकिन अगर आप मिलावटी चायपत्ती वाली चाय पी रहे हैं तो यह आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि असली चायपत्ती की पहचान कैसे करें? साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: शिल्पी गोयल, डाइटीशियन, रायपुर, छत्तीसगढ़ सवाल- मिलावटखोर चायपत्ती में किस तरह की चीजों की मिलावट करते हैं? जवाब- अधिक मुनाफा कमाने के लिए मिलावटखोर चायपत्ती में नारियल की भूसी, लकड़ी का बुरादा, आर्टिफिशियल कलर और सैंडस्टोन जैसी चीजों की मिलावट करते हैं। ऐसी चाय पीने से सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंच सकता है। सवाल- मिलावटी चायपत्ती सेहत के लिए कितनी खतरनाक है? जवाब- डाइटीशियन शिल्पी गोयल बताती हैं कि नकली चायपत्ती में कई हानिकारक केमिकल मिलाए जाते हैं, जिससे स्किन एलर्जी और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा लंबे समय तक मिलावटी चाय पीने से कई गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम्स का खतरा बढ़ जाता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- घर पर मिलावटी और असली चायपत्ती की पहचान कैसे करें? जवाब- आजकल बाजार में कई ऐसी फेक कंपनियां हैं, जो सस्ते दामों में मिलावटी चायपत्ती बेचती हैं। हालांकि चायपत्ती में मिलावट है या नहीं, इसकी पहचान आप घर बैठे कुछ आसान तरीकों से कर सकते हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- असली चायपत्ती कैसे तैयार की जाती है? जवाब- सबसे पहले बागान से चाय की पत्तियों को तोड़ा जाता है। इसके बाद इन पत्तियों को फैक्ट्रियों में मशीन की मदद से सुखाया जाता है। बाद में पत्तियों को कटिंग मशीन में डाला जाता है। इस मशीन में पत्तियां बारीक कट जाती हैं और एक ही आकार की पत्तियां बाहर निकलती हैं। इसके बाद इन पत्तियों को एक और मशीन में डालकर दानेदार बनाया जाता है और फिर से सुखाया जाता है। जब पत्तियां पूरी तरह सूख जाती हैं तो इनका रंग काला हो जाता है। इस पूरी प्रक्रिया के बाद एक जाली वाली मशीन में पत्तियों को डाला जाता है। इसमें अलग-अलग तरह की जालियां लगी होती हैं। इससे मोटी चायपत्ती अलग और छोटी चायपत्ती अलग हो जाती है। इसके बाद इनकी पैकेजिंग होती है। सवाल- क्या चाय पीना हमारी हेल्थ के लिए ठीक है? जवाब- डाइटीशियन शिल्पी गोयल बताती हैं कि चाय भी हमारे लिए फायदेमंद हो सकती है, बशर्ते उसे सही तरीके से बनाया और सही चीजों के साथ पिया जाए। इसे नीचे दिए पॉइंट्स से समझिए- अदरक की चाय- यह भारत में सबसे ज्यादा पी जाने वाली चाय है। अदरक की चाय में एंटी वायरल कंपाउंड होते हैं, जो आपके शरीर को वायरल इंफेक्शन से बचाते हैं। ग्रीन टी- ग्रीन टी हमारे नर्वस सिस्टम को शांत रखती है। साथ ही इससे शरीर में फैट तेजी से नहीं बढ़ता है। इसे खाने से 1 घंटे पहले पी सकते हैं। ब्लैक टी- यह एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती है, जिससे वायरल इंफेक्शन, फ्लू और एलर्जी का खतरा कम होता है। इसके अलावा नियमित ब्लैक टी पीने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। लेमन टी- इसमें सामान्य चाय की तुलना में कम कैलोरी होती है। नींबू में विटामिन-C होता है, जो खून से गंदगी साफ करता है। साथ ही यह वजन घटाने में भी मददगार है। सवाल- क्या दूध वाली चाय पीना सही है? जवाब- डाइटीशियन शिल्पी गोयल बताती हैं कि हमें दूध वाली चाय पीने से बचना चाहिए। इससे शरीर में एसिडिटी हो सकती है और कब्ज की समस्या हो सकती है। अधिक मात्रा में दूध की चाय पीने से शरीर डिहाइड्रेट हो सकता है, पेट में गैस हो सकती है और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा दूध की चाय पीने से कई अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स भी हो सकती हैं। जैसेकि- सवाल- एक दिन में कितनी चाय पीनी चाहिए? जवाब- अगर आप दूध वाली चाय पी रहे हैं तो दिन में आप 1 से 2 कप चाय पी सकते हैं। वहीं ब्लैक टी या ग्रीन टी एक दिन में 2 से 3 कप पी सकते हैं। हालांकि अगर आपको कोई हेल्थ प्रॉब्लम है तो अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। ……….…………..
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जरूरत की खबर- कहीं आपकी कॉफी में गोबर तो नहीं:30% फूड सैंपल टेस्ट में फेल, मिलावट से सेहत को खतरा बीते दिनों राजस्थान के खाद्य सुरक्षा विभाग ने राज्य भर से खाने-पीने की चीजों के सैंपल कलेक्ट किए और उसका लैब टेस्ट किया। इसमें अकेले जयपुर में 30% से ज्यादा खाने-पीने की चीजें लैब टेस्ट में अलग-अलग मानकों पर फेल पाई गईं। इसलिए खाद्य पदार्थों में मिलावटी चीजों को की पहचान करना जरूरी है। पूरी खबर पढ़िए…