जरूरत की खबर- रोड एक्सीडेंट में रोज मरते 493 लोग:सिर्फ हेलमेट लगाने से बच सकती हैं 30,000 जिंदगियां, ट्रैफिक नियमों का पालन करें

वेनेजुएला को हम एक गरीब देश के रूप में जानते हैं। महंगाई इतनी कि कुछ साल पहले उसकी मुद्रा लगभग कागज की कीमत के बराबर हो गई थी। हालांकि, इस दक्षिण अमेरिकी देश ने संसाधनों की कमी, महंगाई और गरीबी से जूझते हुए भी एक बेहद खूबसूरत काम किया है। वह है सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौत को 50% तक कम करना। इसमें सरकार के साथ नागरिकों की बड़ी भूमिका रही है। वहीं, भारत जैसा देश तमाम संसाधनों के बावजूद सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत के आंकड़ों में कमी लाने में पूरी तरह असफल रहा है। भारत में, साल 2024 के दौरान सड़क दुर्घटना में एक लाख 80 हजार लोगों ने अपनी जान गंवाई। यह आंकड़ा साल 2023 में, रोड एक्सीडेंट में होने वाली 1.72 लाख लोगों की मौत से अधिक है। देश में रोड सेफ्टी को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल जनवरी महीने को ‘रोड सेफ्टी मंथ’ के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान 11 से 17 जनवरी को ‘रोड सेफ्टी वीक’ के रूप में मनाया जाता है। इस बार का थीम ‘बी अ रोड सेफ्टी हीरो’ है। इसका मुख्य उद्देश्य देश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है। ऐसे में आज हम जरूरत की खबर में जानेंगे कि- सवाल- रोड सेफ्टी वीक क्या है? जवाब- रोड सेफ्टी वीक एक ऐसा आयोजन है, जिसमें सरकार, स्कूल, कॉलेज, ट्रैफिक पुलिस और कई एनजीओ (NGO) मिलकर लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करते हैं। इसमें कई कार्यशालाएं और नुक्कड़ नाटक आयोजित किए जाते हैं। इसमें ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता फैलाने के साथ सड़क नियमों का पालन करने को अपनी रोजमर्रा की आदत में शामिल किए जाने की सलाह दी जाती है। सवाल- सड़क सुरक्षा के वे कौन से नियम हैं, जिन्हें आमतौर पर लोग दरकिनार करते हैं? जवाब- सड़क पर सुरक्षा की शुरुआत छोटे-छोटे नियमों को फॉलो करने से होती है। पैदल यात्रियों को जेब्रा क्रॉसिंग का इस्तेमाल करना चाहिए। ड्राइवर्स को सिगनल और स्पीड लिमिट का पालन करना चाहिए। वहीं, बाइक चलाते समय हेलमेट पहनना और कार चलाते समय सीट बेल्ट पहनना बहुत जरूरी है। कई बार हम सोचते हैं कि ‘थोड़ी दूर तक बिना हेलमेट के चलने से क्या फर्क पड़ता है’ या ‘सीटबेल्ट की क्या जरूरत, जब गाड़ी स्लो चल रही है।’ यही लापरवाही अक्सर बड़ी दुर्घटनाओं में बदल जाती है। साथ ही बाइक पर ट्रिपलिंग करना और बड़े वाहनों में ओवरलोडिंग करना भी दुर्घटना की बड़ी वजहों में से एक है। ऑफिस या घर में आप गलतियां करने के बाद खुद को सुधार सकते हैं। सड़क पर गलतियों को सुधारने की गुंजाइश नहीं होती है। यहां जिंदगी आपको दोबारा मौका नहीं देती। अधिकांश हादसे जागरूकता की कमी, लापरवाही और गलत आदतों की वजह से होते हैं। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। सवाल- सड़क हादसों का मुख्य कारण क्या है? जवाब– सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण ओवरस्पीडिंग, ड्रिंक एंड ड्राइविंग, ड्राइव करते हुए मोबाइल पर बात करना, खराब सड़कें और गड्ढे, ओवरटेकिंग करते वक्त लापरवाही और खराब वाहन रख–रखाव है। आपने कभी सोचा है कि आप जब तेजी से गाड़ी चला रहे होते हैं, तो क्या आपके पास सही समय पर ब्रेक लगाने का मौका होगा? या जब आप मोबाइल में व्यस्त होते हैं तो आपकी नजरें कितनी देर के लिए रास्ते से हट जाती हैं? इसी तरह, खराब सड़क पर तेज रफ्तार से चलने पर गाड़ी आउट ऑफ कंट्रोल हो सकती है। सवाल- गाड़ी का नियमित रख–रखाव क्यों जरूरी है? जवाब- गाड़ी की समय-समय पर सर्विसिंग और रख–रखाव करना न केवल गाड़ी की उम्र बढ़ाता है बल्कि हमारी सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है। सवाल- क्या घायलों की मदद के लिए सरकार की कोई योजना है? जवाब- सड़क दुर्घटना के बाद कई लोगों की इलाज की कमी के चलते मौत हो जाती है। ऐसे में सरकार कैशलेस ट्रीटमेंट योजना लेकर आ रही है, जिसमें घायल व्यक्ति के सात दिन के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। इस दौरान इलाज के लिए सरकार अधिकतम डेढ़ लाख रुपये वहन करेगी। सवाल- बच्चों को रोड सेफ्टी नियमों के बारे में बताना क्यों जरूरी है? जवाब- साल 2024 में दस हजार बच्चों की भी सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो गई। इसलिए बड़ों के साथ–साथ बच्चों को रोड सेफ्टी की ट्रेनिंग देना बेहद जरूरी है। स्कूल में ट्रैफिक सिग्नल, पैदल और साइकिल से चलने के नियमों के बारे में बताया जाना चाहिए। सवाल- क्या यातायात के नियम तोड़ने पर जुर्माना भी देना पड़ता है? जवाब– हां। ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाता है। साथ ही नियम तोड़ने पर अब स्मार्ट ट्रैफिक लाइट्स, सीसीटीवी कैमरे और वाहन ट्रैकिंग सिस्टम से डायरेक्ट चालान कट सकता है। रोड सेफ्टी वीक सिर्फ एक सप्ताह का अभियान नहीं, बल्कि जीवनभर अपनाए जाने वाला नियम है। यह सप्ताह हमें याद दिलाता है कि सड़क पर हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं, बल्कि हमारी भी है। वेनेजुएला जैसे देश से सीखकर हम अपने देश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी ला सकते हैं। …………… सड़क सुरक्षा से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें
धुंध-कोहरे में बढ़ते सड़क हादसे:ठंड में ड्राइविंग के दौरान बरतें 9 सावधानियां, लंबी ड्राइव से पहले चेक करें 8 चीजें साल 2022 में धुंध और कोहरे के कारण 34,262 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं। इनमें 14,583 लोगों की मौत हुई, जबकि 30,796 लोग घायल हुए थे। पूरी खबर पढ़ें