हाल ही में मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के फिल एंड फ्लाई पेट्रोल पंप पर कथित तौर पर मिलावटी पेट्रोल दिए जाने का मामला सामने आया है। एक स्थानीय निवासी ने आरोप लगाया कि उन्होंने पंप से पेट्रोल भरवाया, लेकिन कुछ ही दूरी पर उनकी बाइक झटके खाने लगी और अचानक बंद हो गई। जब उन्होंने पेट्रोल टंकी से पेट्रोल निकालकर चेक किया तो उसमें पानी मिला हुआ था। देशभर से समय-समय पर पेट्रोल-डीजल में मिलावट के मामले सामने आते रहते हैं। यह न सिर्फ उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ता है, बल्कि उनके वाहनों के लिए भी नुकसानदायक है। ऐसे में जरूरी है कि उपभोक्ता खुद भी जागरूक रहें और पेट्रोल की क्वालिटी की बुनियादी जांच करें। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि मिलावटी पेट्रोल-डीजल की पहचान कैसे कर सकते हैं? साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: टूटू धवन, ऑटो एक्सपर्ट, नई दिल्ली सवाल- पेट्रोल-डीजल में किन चीजों की मिलावट की जाती है? जवाब- आमतौर पर पेट्रोल-डीजल में मिलावट करने के पीछे मुनाफाखोरी का इरादा होता है, लेकिन इससे उपभोक्ता को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। मिलावट करने वाले लोग सस्ते और आसानी से उपलब्ध लिक्विड को पेट्रोल या डीजल में मिलाकर इसकी मात्रा बढ़ा देते हैं। पेट्रोल में संभावित मिलावट: पानी: पानी सस्ता और आसानी से उपलब्ध होता है, इसलिए मिलावटखोर इसकी थोड़ी-बहुत मात्रा पेट्रोल में मिलाकर बिक्री की मात्रा बढ़ाते हैं। नेफ्था (Naphtha): यह एक पेट्रोकेमिकल है, जो दिखने में पेट्रोल जैसा होता है। इसकी कीमत कम होती है, इसलिए पेट्रोल में मिलाकर बेचा जाता है। सॉल्वेंट्स और इंडस्ट्रियल अल्कोहल: इनका उपयोग भी पेट्रोल की मात्रा बढ़ाने के लिए किया जाता है। ये इंजन को खराब कर सकता है। केरोसिन (मिट्टी का तेल): पेट्रोल में केरोसिन मिलाना सबसे आम मिलावट है। इससे इंजन की परफॉर्मेंस बिगड़ती है और प्रदूषण भी बढ़ता है। डीजल में संभावित मिलावट: केरोसिन: डीजल में भी मिट्टी के तेल की मिलावट की जाती है। इससे धुआं ज्यादा निकलता है और इंजन की उम्र कम होती है। लाइट हाइड्रोकार्बन्स (Low Flash Point Solvents): इन्हें डीजल जैसा दिखाने के लिए मिलाया जाता है। पाम ऑयल या वेजिटेबल ऑयल: कुछ जगहों पर सस्ते खाद्य तेल मिलाकर डीजल का वॉल्यूम बढ़ाया जाता है। सवाल- मिलावटी पेट्रोल-डीजल से वाहन को क्या नुकसान पहुंचता है? जवाब- मिलावटी पेट्रोल-डीजल वाहन के इंजन और फ्यूल सिस्टम के लिए बेहद नुकसानदायक है। इससे न सिर्फ वाहन की परफॉर्मेंस खराब होती है, बल्कि उसकी उम्र भी कम होती है। इसके कारण वाहन मालिक को बार-बार मरम्मत और सर्विसिंग का खर्च उठाना पड़ता है। नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि इससे वाहन को किस तरह के नुकसान होते हैं। सवाल- पानी या अन्य मिलावटी चीजों की पेट्रोल-डीजल में मिलावट कैसे की जाती है? जवाब- मिलावटखोर पेट्रोल पंप के टैंक ( जो जमीन के नीचे होते हैं) उनमें फ्यूल भरने से पहले पानी या सस्ते लिक्विड डाल देते हैं। चूंकि पानी नीचे बैठ जाता है और पेट्रोल ऊपर तैरता है, इसलिए यह मिलावट शुरू में नजर नहीं आती। धीरे-धीरे जब पंप से फ्यूल ऊपर से खींचा जाता है तो कुछ मात्रा में पानी भी साथ आ जाता है। कुछ जगहों पर पेट्रोल पंप की फ्यूल डिस्पेंसिंग मशीन में छुपे हुए बाईपास वॉल्व लगाए जाते हैं। इससे पानी या सॉल्वेंट की हल्की मात्रा डिस्पेंस के दौरान मिलती रहती है। इसके अलावा कई बार पेट्रोल-डीजल टैंकर के जरिए रिफाइनरी से पंप लाने के दौरान टैंकर के अंदर ही मिलावट कर दी जाती है। सवाल- पेट्रोल पंप पर फ्यूल की क्वालिटी की पहचान कैसे कर सकते हैं? जवाब- अगर आपको किसी पेट्रोल पंप पर पेट्रोल की शुद्धता को लेकर संदेह हो, तो आप उस पंप से सफेद फिल्टर पेपर मांग सकते हैं। इसके बाद ग्राफिक में दिए ये उपाय अपना सकते हैं। सवाल- क्या किसी ग्राहक को पेट्रोल पंप से सैंपल मांगने का अधिकार है? जवाब- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत ग्राहकों को यह अधिकार प्राप्त है कि वे पेट्रोल पंप से फ्यूल का सैंपल ले सकता है और उसकी क्वालिटी की जांच कर सकता है। अगर पंप संचालक सैंपल देने से मना करता है तो ग्राहक को इसका विरोध करने का अधिकार है। इसके लिए उपभोक्ता अपनी शिकायत संबंधित उपभोक्ता अदालत में भी दर्ज कर सकते हैं। सवाल- पेट्रोल-डीजल डलवाते समय उपभोक्ताओं को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- जब हम अपने वाहनों में पेट्रोल या डीजल भरवाने जाते हैं, तो यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हमें सही और शुद्ध फ्यूल मिले। अक्सर उपभोक्ता पेट्रोल पंप पर कुछ सामान्य बातों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे उन्हें बाद में फ्यूल की क्वालिटी या कीमत के मामले में नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए पेट्रोल-डीजल भरवाते समय कुछ बुनियादी बातों का पालन करना न भूलें। सवाल- अगर कोई पेट्रोल पंप संचालक मिलावटी पेट्रोल-डीजल बेचता है तो ग्राहक कहां शिकायत कर सकता है? जवाब- अगर आपको संदेह है कि कोई पेट्रोल पंप मिलावटी पेट्रोल या डीजल बेच रहा है तो आप संबंधित तेल कंपनी जैसे इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम या हिंदुस्तान पेट्रोलियम से संपर्क कर सकते हैं और अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इन कंपनियों के ग्राहक सेवा नंबर और वेबसाइट पर जाकर आप अपनी शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPNG) के पास भी शिकायत की जा सकती है। मंत्रालय इस प्रकार के मामलों की जांच करता है और आवश्यक कार्रवाई करता है। सवाल – मिलावटी फ्यूल बेचने वाले पंप मालिकों पर क्या कार्रवाई हो सकती है? जवाब- अगर कोई पेट्रोल पंप मालिक मिलावटी फ्यूल बेचता है तो उसके खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के तरह कार्रवाई हो सकती है। इसके तहत उपभोक्ता को मुआवजा दिलवाया जा सकता है और पेट्रोल पंप मालिक पर जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा पेट्रोल और डीजल की क्वालिटी मानकों के उल्लंघन पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की धारा 13 के तहत पंप मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इस धारा के तहत मिलावटी पेट्रोल की बिक्री पर पंप मालिक के खिलाफ जुर्माना और सजा का प्रावधान है। साथ ही संबंधित राज्य सरकार पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द कर सकती है और पंप मालिक के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। ……………….. जरूरत की ये खबर भी पढ़ें… जरूरत की खबर- 2000 किलो मिलावटी तरबूज पकड़ा गया:घर पर मिलावट की ऐसे करें पहचान, खरीदते समय ध्यान रखें ये 5 बातें तमिलनाडु के तिरुपुर में फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने मिलावटी रंगों और खराब क्वालिटी वाले तरबूजों को पकड़ा। इस छापेमारी के दौरान 2,000 किलो से ज्यादा खराब तरबूजों को जब्त कर उन्हें नष्ट किया गया। डिपार्टमेंट ने उपभोक्ताओं को सलाह दी है कि वे बाजार से तरबूज खरीदते समय उसकी क्वालिटी की खुद जांच जरूर करें। पूरी खबर पढ़िए…