योग हमारी ओवरऑल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद है। वहीं सूर्य नमस्कार को ‘योग की आत्मा’ कहा जाता है। सूर्य नमस्कार कई योगासनों का एक समूह है, जो न केवल हमें फिजिकली फिट रखता है, बल्कि हमारी मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है। आजकल हर किसी के पास समय की कमी है। ऐसे में लोग कम समय में फिट रहने की तरकीब ढूंढ़ते हैं। अगर आप भी कम समय में फिट रहना चाहते हैं तो सूर्य नमस्कार इसका सबसे अच्छा विकल्प है। नियमित सूर्य नमस्कार करने के कई अद्भुत फायदे हैं। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात सूर्य नमस्कार के फायदों की। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. अरुण कुमार साव, असिस्टेंट प्रोफेसर, योग शिक्षा विभाग, डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, म.प्र. सवाल- सूर्य नमस्कार क्या है? जवाब- सूर्य नमस्कार का शाब्दिक अर्थ है- ‘सूर्य को नमस्कार।’ यह एक योगाभ्यास है, जिसमें 12 अलग–अलग आसनों काे क्रमवार तरीके से किया जाता है। सवाल- सूर्य नमस्कार कब करना चाहिए? जवाब- सूर्य नमस्कार सूर्योदय के समय करना ज्यादा बेहतर होता है। लेकिन अगर सुबह समय नहीं निकाल पा रहे हैं तो इसे शाम में सूर्यास्त के समय भी कर सकते हैं। अगर सुबह-शाम समय नहीं मिल रहा है तो आप अपनी सुविधा के अनुसार दिन में किसी भी समय इसे कर सकते हैं। हालांकि सूर्य नमस्कार करने के लिए पेट का खाली होना जरूरी है। सूर्य नमस्कार के कई प्रारूप हैं। लेकिन किसी एक प्रारूप को ही अपनाना चाहिए और उसका ही नियमित अभ्यास करना चाहिए। सवाल- सूर्य नमस्कार में कितने आसन होते हैं? जवाब- सूर्य नमस्कार 12 चरणों वाला एक योगासन है, जिसमें 8 अलग-अलग आसन होते हैं। नीचे ग्राफिक में जो 12 आसन लिखे हैं, उसमें नीचे के चार आसन ऊपर वाले ही हैं, जिन्हें सूर्य नमस्कार की प्रक्रिया में अंत में विपरीत क्रम में दोहराया जाता है। सवाल- सूर्य नमस्कार स्वास्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद है? जवाब- सूर्य नमस्कार से हम अपनी ओवरऑल हेल्थ को दुरुस्त रख सकते हैं। ये हमारी सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है, इसे नीचे ग्राफिक से समझिए- सवाल- क्या सूर्य नमस्कार करने से पहले वार्म अप करना जरूरी है? जवाब- हां, बिल्कुल। सूर्य नमस्कार से पहले वार्म अप करना जरूरी है। इससे मसल्स की अकड़न खत्म होती है और शरीर में ब्लड फ्लो सही होता है। इससे योगाभ्यास करने में आसानी होती है। सवाल- सूर्य नमस्कार कैसे करें? जवाब- सूर्य नमस्कार में क्रम और सांस की अहम भूमिका है। इसे करने के लिए सबसे पहले समतल जमीन पर एक मैट बिछाएं। इसके बाद सूर्य नमस्कार के सभी आसन क्रमवार तरीके से थोड़ी-थोड़ी देर तक करें। इसे किस तरह से करना चाहिए, नीचे पॉइंटर्स से समझिए- प्रणामासन कैसे करें सूर्य की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े हों और दोनों पैरों को मिलाएं, कमर सीधी रखें। अब सांस लेते हुए हाथों को सीने के पास लाएं और और सांस छोड़ते हुए दोनों हथेलियों को मिलाकर प्रणाम की अवस्था बनाएं। हस्त उत्तानासन कैसे करें अब सांस अंदर लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और पीछे की ओर ले जाएं। सुनिश्चित करें कि इस समय आपके बाइसेप्स कानों के पास रहें। अब धीरे-धीरे अपने पूरे शरीर को कमर से पीछे की ओर झुकाएं। पादहस्तासन कैसे करें अब सांस को बाहर की ओर छोड़ते हुए कमर से धड़ वाले हिस्से को आगे की ओर मोड़ते हुए नीचे की ओर झुक जाएं। इसके बाद हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस समय आपका सिर घुटनों से मिला होना चाहिए। अश्व संचालनासन कैसे करें सांस लेते हुए जितना संभव हो दाहिना पैर पीछे की ओर ले जाएं। घुटने को जमीन से टच कराएं। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़ते हुए दोनों हथेलियों के बीच जमीन पर सीधा रखें। इसके बाद दृष्टि को ऊपर की ओर ले जाएं। दंडासन कैसे करें अब सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों और पैरों को सीधी लाइन में रखें और पुश-अप की पोजीशन में आ जाएं। अष्टांग नमस्कार कैसे करें अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपनी हथेलियों, सीने, घुटनों और पैरों को जमीन से मिलाएं। इस दौरान अपने कूल्हों को पीछे ऊपर की ओर उठाएं। इस अवस्था में थोड़ी देर तक रहें और सांस को रोकें। भुजंगासन कैसे करें इसे कोबरा पोज कहा जाता है। सांस लेते हुए इस आसन में हथेलियों को जमीन पर रखकर कमर को जमीन से मिलाते हुए सिर और धड़ को आसमान की ओर जितना हो सके उठाएं। पर्वतासन कैसे करें पर्वतासन का मतलब है, एक ऐसा आसन जिसमें शरीर की स्थिति पर्वत के जैसी दिखाई देती हो। इसे माउंटेन पोज भी कहा जाता है। इसके लिए पुश-अप की पोजीशन में आकर अपने कूल्हे को ऊपर की ओर उठाएं। सांस छोड़ते हुए कंधों को सीधा रखें और सिर को अंदर की तरफ रखें। इसके बाद अश्व संचलानासन, पादहस्तासन, हस्तउत्तानासन और प्रणामासन, इन चारों आसनों को फिर से विपरीत क्रम में दोहराएं। इस तरह आपका सूर्य नमस्कार का एक क्रम पूरा होता है। सवाल- सूर्य नमस्कार करते समय क्या सावधानियां बरतनी जरूरी हैं? जवाब- सूर्य नमस्कार करते समय कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। इसे नीचे पॉइंटर्स से समझिए- सवाल- सूर्य नमस्कार कितनी देर तक करना चाहिए? जवाब- 12 बार सूर्य नमस्कार का अभ्यास करना काफी माना जाता है। इसमें 15 से 20 मिनट का समय लगता है। अगर रोजाना 12 बार सूर्य नमस्कार करते हैं तो कोई और आसन करने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा लोग अपनी क्षमता और समय के अनुसार इसकी संख्या घटा-बढ़ा सकते हैं। सवाल- सूर्य नमस्कार करने के बाद क्या करना चाहिए? जवाब- सूर्य नमस्कार करने के बाद करीब 5-10 मिनट तक शवासन में लेट जाएं और शरीर को आराम दें। बॉडी टेम्परेचर और हार्ट रेट सामान्य होने के बाद ही कोई दूसरा काम करें। सवाल- किन लोगों को सूर्य नमस्कार नहीं करना चाहिए? जवाब- डॉ. अरुण कुमार साव बताते हैं कि कुछ लोगों को सूर्य नमस्कार नहीं करना चाहिए, जैसेकि- …………………… जरूरत की ये खबर भी पढ़िए जरूरत की खबर- सर्दियों में घर बैठे करें 10 एक्सरसाइज: इम्यूनिटी रहेगी दुरुस्त, ठंड में नहीं पड़ेंगे बीमार सर्दियों के मौसम में कई बार कम तापमान, घने कोहरे और धुंध की वजह से लोग चाहकर भी जिम, वॉकिंग या किसी आउटडोर फिजिकल एक्टिविटीज के लिए बाहर नहीं निकल पाते हैं। उन लोगों के लिए हम कुछ इनडोर एक्सरसाइज लेकर आए हैं। पूरी खबर पढ़िए…