उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है, जो फेसबुक पर कार बिक्री के फर्जी विज्ञापनों के जरिए लोगों को ठगता था। इसके लिए गिरोह ने कई फेसबुक आईडी बना रखी थीं। इस गिरोह ने देश भर से पुरानी कार ब्रिकी के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपए ठगे हैं। सोशल मीडिया पर आपने भी इस तरह के विज्ञापन खूब देखे होंगे, जो भारी डिस्काउंट या गिफ्ट के लुभावने ऑफर देते हैं। ऑर्डर करने के बाद गलत प्रोडक्ट की डिलीवरी करते हैं या फिर खराब क्वालिटी का प्रोडक्ट पकड़ा देते हैं। इस तरह के फेक विज्ञापनों से सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि सोशल मीडिया के इन फेक विज्ञापनों की पह भेज रहा हूं फोटो चान कैसे करें। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: पवन दुग्गल, साइबर एक्सपर्ट, नई दिल्ली सवाल- सोशल मीडिया विज्ञापन क्या है? जवाब- आज के दौर में फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के करोड़ों यूजर्स हैं। यही वजह है कि यह एक बड़ा ऑनलाइन बाजार बन चुका है। बड़ी कंपनियों से लेकर छोटे स्टार्टअप तक हर कोई अपने ब्रांड के प्रमोशन या अपने सामान को बेचने के लिए इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर रहा है। सोशल मीडिया पर पोस्टर, बैनर या वीडियो बनाकर आप अपने प्रोडक्ट्स का विज्ञापन कर सकते हैं। इसमें कोई खर्च भी नहीं आता है। हालांकि प्रोडक्ट को ज्यादा-से-ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए एडवर्टाइजमेंट कंपनी या मार्केटिंग एजेंसी की मदद भी ले सकते हैं। इसके लिए आपको पैसे खर्च करने पड़ेंगे। सवाल- ठग लोगों को सोशल मीडिया विज्ञापनों के जरिए कैसे अपना शिकार बनाते हैं? जवाब- फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया एप्स पर पेज या प्रोफाइल बनाना आसान है। यही वजह है कि ठग पहले फेक पेज या प्रोफाइल बनाते हैं। इसके बाद सस्ते दामों या भारी डिस्काउंट में प्रोडक्ट बेचने के लुभावने ऑफर्स के विज्ञापन निकालते हैं। यह विज्ञापन कपड़े, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रिक गैजेट्स, पुरानी बाइक या कार किसी भी चीज के हो सकते हैं। जब कोई इन विज्ञापनों पर दिए नंबर पर संपर्क करता है तो ठग बुकिंग के नाम पर एडवांस में पैसा ट्रांसफर करा लेते हैं। इसके बाद डिलीवरी नहीं देते हैं। इस तरह लोग इस स्कैम का शिकार हो जाते हैं। सवाल- सोशल मीडिया के फेक विज्ञापन की पहचान कैसे कर सकते हैं? जवाब- सोशल मीडिया विज्ञापनों के जरिए ठगी की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसलिए ऑनलाइन विज्ञापन असली है या नकली, यह पहचानना जरूरी है। अक्सर स्कैमर्स पैसे ठगने या निजी जानकारी चुराने के उद्देश्य से फेक पेज बनाते हैं। इसलिए सोशल मीडिया पेज से कोई सामान खरीदने से पहले उसकी विश्वसनीयता चेक करें। फेक सोशल मीडिया विज्ञापनों की पहचान करना आसान है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- पुरानी कार या बाइक खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- हर कोई सफर को सुविधाजनक बनाने के लिए बाइक या कार से चलना पसंद करता है। हालांकि हर किसी की पॉकेट नया वाहन खरीदने की इजाजत नहीं देती है। ऐसे में लोग पुरानी बाइक या कार की तरफ रूख करते हैं, लेकिन कई बार जल्दबाजी में पुरानी कार खरीदने से फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं। इसलिए कार खरीदने से पहले उसका रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), इंश्योरेंस जैसे जरूरी पेपर देखें। mParivahan एप पर जाकर वाहन मालिक का नाम, इंजन नंबर जैसी अन्य डिटेल्स वेरिफाई करें। अगर गाड़ी के वैलिड पेपर नहीं हैं तो गाड़ी न खरीदें। सवाल- सोशल मीडिया एप्स के भ्रामक विज्ञापनों से खुद को कैसे बचाएं? जवाब- सोशल मीडिया के भ्रामक विज्ञापन प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में गलत जानकारी देकर लोगों को गुमराह करते हैं। इसलिए कोई भी नया या पुराना सामान ऑनलाइन खरीदने से पहले उस पेज या वेबसाइट की विश्वसनीयता चेक करें। ऑफर या डिस्काउंट के लालच में आकर जल्दबाजी में निर्णय न लें। इसके अलावा कुछ अन्य टिप्स आपको इंटरनेट के भ्रामक विज्ञापनों से बचा सकते हैं। इन्हें नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- ग्राहक सोशल मीडिया के फ्रॉड विज्ञापनों की शिकायत कहां कर सकते हैं? जवाब- भारत में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत ग्राहकों को कुछ अधिकार दिए गए हैं। इनके मुताबिक, अगर कोई सामान खराब निकलता है तो ग्राहक को उसे बदलने का पूरा अधिकार है। इसके अलावा उसे सामान के पैसे वापस पाने का अधिकार है। अगर कोई कंपनी इन नियमों का उल्लंघन करती है तो उसके खिलाफ शिकायत की जा सकती है। इसके लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के पोर्टल (https://consumerhelpline.gov.in/public/) पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इसके अलावा नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन के मोबाइल एप पर भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। साथ ही सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) किसी भी भ्रामक विज्ञापन के लिए मैन्युफैक्चरर्स, एडवर्टाइजर्स और ब्रांड एंबेसडर पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगा सकती है। साथ ही अथॉरिटी भ्रामक विज्ञापन के ब्रांड एंबेसडर पर 1 साल का बैन लगा सकती है। सवाल- पुरानी बाइक या कार खरीदने का सही तरीका क्या है? जवाब- अगर आप पुरानी बाइक या कार खरीदना चाहते हैं तो सही प्रक्रिया अपनाना जरूरी है ताकि आप धोखाधड़ी से बच सकें। इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखें। जैसेकि- …..…………………
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