जरूरत की खबर- सेल्फी आइडेंटिफिकेशन के जरिए फ्रॉड:डीपफेक फोटो से हो सकता है बैंक अकाउंट खाली, एक्सपर्ट के 5 सुझाव

आज के दौर में सेल्फी ऑथेंटिकेशन के जरिए वेरिफिकेशन आम बात है। गवर्नमेंट एजेंसियां, टेलीकॉम कंपनियां, बैंकिंग और वित्तीय संस्थाएं आपकी आइडेंटिटी को वेरिफाई करने और अकाउंट की सिक्योरिटी के लिए इसका इस्तेमाल करती हैं। इस प्रोसेस में ग्राहकों से अपने स्मार्टफोन में सेल्फी लेने के लिए कहा जाता है। कई बार लाइव वीडियो के दौरान उनसे डॉक्यूमेंट्स दिखाने के साथ सवाल-जवाब भी किए जाते हैं। सेल्फी ऑथेंटिकेशन से लोगों के समय की काफी बचत होती है। लोग घर बैठे लाइव वेरिफिकेशन करा सकते हैं। हालांकि यह जितना आसान और सुविधाजनक है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है। साइबर क्रिमिनल आपकी सेल्फी का इस्तेमाल करके पर्सनल और फाइनेंशियल जानकारी चुरा सकते हैं और आपके बैंक अकाउंट को भी खाली कर सकते हैं। इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि सेल्फी आइडेंटिफिकेशन फ्रॉड क्या है? साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: पवन दुग्गल, साइबर सिक्योरिटी और एआई एक्सपर्ट, नई दिल्ली सवाल- सेल्फी आइडेंटिफिकेशन क्या है? जवाब- सेल्फी के जरिए वेरिफिकेशन एक सिक्योर सुविधा है, जो यूजर्स को अपनी फोटो लाइव कैप्चर करके डिजिटली अपनी पहचान वेरिफाई करने की परमिशन देती है। इसमें यूजर्स को अलग-अलग दिशाओं में देखने, अपना सिर घुमाने या चेहरे पर कुछ एक्सप्रेशन बनाने के लिए कहा जाता है। सेल्फी वेरिफिकेशन में यूजर घर बैठे अपनी पहचान को कुछ ही सेकेंड में वेरिफाई कर सकते हैं। उदाहरण के लिए पेंशनर्स को पहले हर साल अपना लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए पेंशन के सरकारी दफ्तर में जाना पड़ता था। लेकिन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने इसे आसान बनाने के लिए फेस ऑथेंटिकेशन आधारित डिजिटल लाइफ प्रूफ जमा करने की सुविधा उपलब्ध की। इसके जरिए पेंशनर्स अपने स्मार्टफोन में दो ऐप ‘आधार फेस RD’ (Aadhaar Face RD) और ‘जीवन प्रमाण’ (Jeevan Pramaan) इंस्टॉल करके घर से लाइव लाइफ सर्टिफिकेट जमा कर सकते हैं। इस सुविधा से बुजुर्गों और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को काफी फायदा हुआ है। सवाल- सेल्फी स्पूफिंग क्या है? जवाब- सेल्फी स्पूफिंग एक साइबर क्राइम है, जिसमें साइबर क्रिमिनल आपकी सेल्फी का इस्तेमाल करके आपकी पहचान चोरी करते हैं और आपके पर्सनल व फाइनेंशियल अकाउंट तक पहुंचने की कोशिश करते हैं। इसमें साइबर क्रिमिनल AI की मदद से आपकी सेल्फी में कुछ बदलाव करते हैं। सवाल- सेल्फी ऑथेंटिकेशन के नाम पर फ्रॉड कैसे हो सकता है? जवाब- साइबर सिक्योरिटी और AI एक्सपर्ट पवन दुग्गल बताते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस दौर में किसी का भी डीपफेक फोटो या वीडियो बनाया जा सकता है। साइबर क्रिमिनल आपकी सेल्फी चोरी करने के लिए पहले ईमेल या मैसेज के जरिए लिंक भेजते हैं। इस लिंक पर क्लिक करते ही आपका फोन हैक हो जाता है। इसके बाद फोन का पूरा कंट्रोल साइबर क्रिमिनल्स के हाथ में आ जाता है। इससे साइबर क्रिमिनल फोटो गैलरी से आपके पर्सनल फोटो, वीडियो या आपकी फाइनेंशियल जानकारी चुरा सकते हैं। नीचे दिए ग्राफिक से इसे समझिए। सवाल- डीपफेक की मदद से सेल्फी का गलत इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है? जवाब- डीपफेक एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसके जरिए किसी की भी फोटो या वीडियो बनाया जा सकता है। AI एक्सपर्ट पवन दुग्गल बताते हैं कि डीपफेक टेक्नोलॉजी आज इतनी आगे पहुंच चुकी है कि किसी व्यक्ति की एक फोटो से डीपफेक वीडियो बनाया जा सकता है और केवल तीन या चार सेकेंड के ऑडियो से वॉयस क्लोन किया जा सकता है। AI के जरिए साइबर क्रिमिनल कॉल या वर्चुअल मीटिंग में किसी की आवाज, फोटो या फेस एक्सप्रेशन तक कॉपी कर सकते हैं। यह इतने सटीक होते हैं कि हर किसी के लिए इसकी पहचान कर करना संभव नहीं है। इससे इस तरह के खतरे हो सकते हैं। जैसेकि- आइडेंटिटी की चोरी: साइबर क्रिमिनल सेल्फी का इस्तेमाल करके आपकी आइडेंटिटी चोरी कर सकते हैं, जिससे अन्य लोगों को थेफ्ट अटैक या फिशिंग का शिकार बनाया जा सकता है। फेक वीडियो बनाना: डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके आपकी सेल्फी से फेक वीडियो बनाए जा सकते हैं, जिनका इस्तेमाल करके आपकी छवि को नुकसान पहुंचाया जा सकता है। सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बनाना: सेल्फी का इस्तेमाल करके साइबर क्रिमिनल आपका फेक सोशल मीडिया अकाउंट बना सकते हैं, जिससे आपके दोस्तों व परिचितों से पैसे ठग सकते हैं। फाइनेंशियल फ्रॉड: डीपफेक टेक्नोलॉजी के जरिए सेल्फी से साइबर क्रिमिनल आपके नाम से लोन और क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं। सवाल- सेल्फी ऑथेंटिकेशन फ्रॉड से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखें? जवाब- स्कैमर्स सेल्फी ऑथेंटिकेशन स्कैम को अंजाम देने के लिए कई तरीके अपनाते हैं। इसके लिए वह कई ऐसे फर्जी ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, जो सेल्फी ऑथेंटिकेशन या फोटो को सुंदर बनाने का दावा करते हैं। इस स्कैम से बचने के लिए नीचे ग्राफिक में दी गई इन बातों का ध्यान रखें। सवाल- सेल्फी स्कैम का शिकार हो जाएं तो क्या करें? जवाब- सेल्फी स्कैम का शिकार होने पर सबसे पहले अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स और ऑनलाइन पेमेंट्स ऐप्स का पासवर्ड बदलें। साथ ही सोशल मीडिया अकाउंट्स को प्राइवेट करें। अपने बैंक अकाउंट्स को तुरंत फ्रीज कराएं। इसके अलावा नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।